शिक्षकों के लिए कम्प्यूटर सीखना अनिवार्य, लेनी होगी ट्रेनिंग

भीलवाड़ा डिजिटल इंडिया का सपना साकार करने के लिए अब शिक्षकों को भी आईटी फ्रेंडली बनना होगा। सरकारी विद्यालयों के शिक्षकों को छात्रों को पढ़ाने के साथ-साथ खुद भी पढ़ाई करनी होगी। शिक्षा विभाग ने शिक्षकों को डिजिटल साक्षरता कार्यक्रम के तहत आईटी फ्रेंडली बनाने के लिए कम्प्यूटर सीखने के निर्देश दिए हैं।

विभाग का मानना है कि शिक्षकों के आईटी फे्रंडली होने से इसका फायदा छात्रों को मिलेगा। शिक्षक छात्रों को आसानी से कम्प्यूटर सिखा सकेंगे। विभाग ने शिक्षकों के लिए तीन महीने का कम्प्यूटर कोर्स अनिवार्य कर दिया है। साथ ही चेतावनी भी दी गई है कि कम्प्यूटर नहीं सीखने वाले शिक्षकों की वार्षिक वेतनवृद्धि रोक दी जाएगी।

120 घंटे की ट्रेनिंग शिक्षा विभाग के निर्देश पर माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने संभागीय शिक्षा उपनिदेशक और जिला शिक्षा अधिकारियों को आदेश दिए गए हैं। इसमें कहा गया है कि शिक्षकों को तीन महीने की कम्प्यूटर ट्रेनिंग करनी होगी। इसके लिए अलग से कम्प्यूटर फ्रेंडली प्रोग्राम बनाया गया है। ट्रेनिंग राजस्थान कॉपरेटिव कॉर्पोरेशन लिमिटेड (आरकेसीएल) के माध्यम से होगी। 120 घंटे की इस ट्रेनिंग में शिक्षकों को कम्प्यूटर की बेसिक सिखाया जाएगा। अभी स्कूलों में कम्प्यूटर पढ़ाने के लिए अलग से अनुदेशक लगाए गए हैं।

नहीं मिलेगी छुट्टी शिक्षकों को स्कूल समय से पहले या बाद में कम्प्यूटर सीखना होगा। विभाग स्पष्ट निर्देश है कि सभी शिक्षकों को अनिवार्य रूप से यह कोर्स करना होगा। कम्प्यूटर ट्रेनिंग के लिए इन्हें नजदीक के आईसीटी विद्यालय में जाना होगा। ट्रेनिंग के नाम पर शिक्षकों को किसी तरह की छुट्टी नहीं दी जाएगी। एेसे में शिक्षकों को विद्यालय में अध्यापन कराने के साथ ही खुद भी विद्यालय समय के अतिरिक्तसमय में यह कम्प्यूटर कोर्स करना होगा।

वेतनवृद्धि से पहले देखें राजस्थान माध्यमिक शिक्षा परिषद के अतिरिक्त जिला परियोजना समन्वयकों को चयनित शिक्षकों की सूचियां बनाने और कम्प्यूटर ट्रेनिंग लेने के लिए निर्देशित करने को कहा गया है। विभाग ने जिला शिक्षा अधिकारियों यह भी निर्देश दिया है कि शिक्षकों की वार्षिक वेतन वृद्धि स्वीकृत करने से पहले यह देखा जाए कि शिक्षक ने कम्प्यूटर ट्रेनिंग के आदेश मिलने के बाद उसे सीखा है या नहीं।

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