विजय माल्या ने कहा- मैं UK नहीं छोड़ूंगा, मेरी गिरफ्तारी से पैसे नहीं मिलेंगे

vijay3_1457937654_1461844लंदन.विजय माल्या ने कहा है कि वे यूके में मजबूरी के चलते एक्साइल में (निर्वासन) जीने को मजबूर हैं, लेकिन वे इस देश को नहीं छोड़ेंगे। इसकी वजह यह है कि वे यूके में सेफ महसूस करते हैं। माल्या ने शुक्रवार को एक इंटरव्यू में कहा कि उन्हें अरेस्ट कर बैंकों को पैसा नहीं मिलने वाला। वे अब भी बैंकों से अच्छा सेटलमेंट चाहते हैं। माल्या ने मोदी सरकार और खुद की इमेज के बारे में क्या कहा…
– बता दें कि भारत सरकार ने गुरुवार को ही ब्रिटिश हाई कमीशन को लेटर लिखकर माल्या के डिपोर्टेशन की मांग की थी।
– माल्या 2 मार्च को जेट एयरवेज की फ्लाइट से फर्स्ट क्लास टिकट पर दिल्ली से लंदन गए थे।
– माल्या ने लंदन में फाइनेंशियल टाइम्स को दिए इंटरव्यू में कहा, ”हम हमेशा से बैंकों से बातचीत करते रहे हैं। हम इस मसले को सेटल करना चाहते हैं। लेकिन हम रिजनेबल नंबर पर इसे सेटल करना चाहते हैं जिसे हम अफोर्ड कर सकें।”
– ”मेरा पासपोर्ट लेकर या मुझे अरेस्ट करके उन्हें कोई पैसा नहीं मिलने वाला। मैं मजबूरी से एक्साइल में रहने को मजबूर हूं। मेरा ब्रिटेन छोड़कर जाने का कोई इरादा नहीं है।
– ”मैं किंगफिशर से फंड डाइवर्ट या उससे प्रॉपर्टी खरीदने का का गुनहगार नहीं हूं। मुझ पर लगे आरोप गलत हैं।”
– ”भारत में आज माहौल समझने की जरूरत है। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया न सिर्फ ओपिनियन बनाने में बड़ा रोल अदा कर रहा है, बल्कि वह एक हद तक सरकार को भड़काने का भी काम कर रहा है।”
मोदी सरकार के बारे में क्या कहा?
– माल्या ने कहा कि उन्हें मोदी सरकार से कोई शिकायत नहीं है। वे नहीं मानते कि उनके खिलाफ अरेस्ट वॉरंट जारी होने या पासपोर्ट कैंसल किए जाने में मोदी का कोई हाथ है।
– माल्या ने कहा, ”मैं इस स्टेबल गवर्नमेंट से खुश हूं। मुझे तब खुशी हाेगी जब (मोदी सरकार को) राज्यसभा में बहुमत मिलेगा।”
– ”प्रोफेशनल बैंकर्स चाहते हैं कि मामला सेटल करें और आगे बढ़ें। लेकिन जिस तरह से मेरी इमेज पेश की गई है, वे नहीं चाहते कि उनकी इमेज डिस्काउंट देने वाले बैंक्स की बन जाए। उन्होंने ऐसा किया तो मीडिया उनकी काफी आलोचना करेगा और जांच एजेंसियां उनके पीछे पड़ जाएंगी।”
– ”मैं देशभक्त हूं। तिरंगा फहराने पर गर्व महसूस होता है। लेकिन मुझे लेकर जिस तरह का माहौल बनाया गया है, मैं यूके में सेफ फील करता हूं।”
कितने कर्जदार हैं माल्या? क्या हैं आरोप?
– माल्या पर बैंकों का 9 हजार करोड़ बकाया है। उन्होंने किंगफिशर एयरलाइन्स के लिए बैंकों से कर्ज लिया था। लेकिन एयरलाइन्स 2012 में बंद हो गई।
– उन्होंने लोन नहीं चुकाया। पर यह भी आरोप है कि उन्होंने लोन के पैसे से विदेशों में प्रॉपर्टी खरीदी।
– माल्या की तरफ से कहा गया कि तेल के रेट बढ़ने, ज्यादा टैक्स और खराब इंजन के चलते उनकी एयरलाइन्स को 6,107 करोड़ का घाटा उठाना पड़ा था।
– लाेन रिकवरी का केस डेट रिकवरी ट्रिब्यूनल में चल रहा है।
– माल्या ने बैंकों से सेटलमेंट करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के सामने पिछले दिनों 6,868 करोड़ का ऑफर दिया है। इससे पहले माल्या ने 4,400 करोड़ का ऑफर दिया था।
ब्रिटेन-यूके के बीच ट्रीटी के इस आर्टिकल से मिलेगा बचने का मौका
– गुरुवार को ही भारत सरकार ने ब्रिटिश के हाई कमीशन को लेटर लिखकर माल्या के डिपोर्टेशन की मांग की थी। लेकिन माल्या को वापस लाना आसान नहीं होगा। इसमें देश को अफसरों को खासी मशक्कत करनी पड़ सकती है।
– यूके-इंडिया के बीच ट्रीटी का आर्टिकल 9 आरोपी को बचने के कई मौके देता है।
– इसके तहत आरोपी गुहार लगा सकता है कि एक्स्ट्राडीशन दरअसल परेशान करने के लिए किया जा रहा है।
– इसके चलते एक्स्ट्राडीशन प्रोसेस में देरी हो सकती है जो आरोपी को भागने में मदद कर सकती है।
– यही नहीं, आरोपी ज्यूडिशियरी के हर लेवल पर अपील कर सकता है।
वॉर रूम लीक के आरोपी को देश लाने में 10 साल लगे थे
– बता दें कि भारत सरकार को नेवी वॉर रूम लीक के आरोपी रवि शंकरन को यूके से लाने में 10 साल लग गए थे।
– यूके की क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस ने सीबीआई से शंकरन के मामले को लेकर कई सबूत मांगे थे।
– लेकिन शंकरन ने यूके के कोर्ट में अपील कर दी और केस भारत के खिलाफ हो गया।
– एक टॉप ब्यूरोक्रैट के मुताबिक, ‘फाइनेंशियल मामलों से जुड़े आरोपी रसूखदार लोग होते हैं। वे रास्ते पता कर देश से भाग जाते हैं। ऐसे लोगों पर कोई भी एक्शन लेना आसान नहीं होता।’
ब्रिटेन को भारत ने क्या लिखा है लेटर…
– गुरुवार को दिल्ली में विदेश मंत्रालय के स्पोक्सपर्सन विकास स्वरूप ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में लेटर भेजे जाने की जानकारी दी।
– उन्होंने कहा-”दिल्ली में ब्रिटेन के हाई कमीशन को लिखकर विजय माल्या का डिपोर्टेशन मांगा गया है।”
– ”ब्रिटिश सरकार के साथ इस मैटर को हम उठाते रहेंगे।”
– ”यूके में इंडियन हाई कमीशन इसी तरह का नोट यूके और कॉमन्वेल्थ ऑफिस को भी भेजेगा ताकि विजय माल्या की कहीं भी मौजूदगी की जांच की जा सके।”
Source: Dainik Bhaskar