मुजफ्फरनगर के दंगे पर बनी फिल्म ‘शोरगुल’ के लिए जिमी शेरगिल के खिलाफ जारी हुआ फतवा

Shorgul 1नई दिल्ली: बॉलीवुड एक्टर जिमी शेरगिल और आशुतोष राणा की फिल्म ‘शोरगुल’ को लेकर विवाद खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहे हैं. मुजफ्फरनगर दंगों पर आधारित फिल्म पर यूपी के विभिन्न शहरों में लगा बैन अभी विवादों में छाया ही हुआ था कि इसी बीच फिल्म को लेकर एक्टर जिमी शेरगिल पर फतवा जारी कर दिया है.

मुजफ्फरनगर दंगों पर आधारित फिल्म ‘शोरगुल’ की रिलीज की तारीख एक सप्ताह और आगे बढ़ा दी गई है. आपको बता दें कि बड़े पर्दे पर आज यानी 24 जून को रिलीज होने वाली फिल्म ‘शोरगुल’ अब सिल्वर स्क्रिन पर 1 जुलाई को रिलीज होगी.

इसी बीच फिल्म ‘शोरगुल’ को लेकर बॉलीवुड एक्टर जिमी शेरगिल पर फतवा जारी हो गया है. जिमी शेरगिल पर यह फतवा खम्मन पीर बाबा कमेटी ने मुस्लिमों की भावना को ठेस पहुंचाने के आरोप में जारी किया है.

‘शोरगुल’ को यूपी के मुजफ्फर नगर, कानपुर, लखनऊ औऱ गाजियाबाद जैसे शहरों में बैन कर दिया गया है. जिसे लेकर फिल्मकार यूपी के सीएम अखिलेश यादव से मिलने वाले हैं.

1 जुलाई को रिलीज होगी ‘शोरगुल’

जिमी शेरगिल और आशुतोष राणा की आने वाली फिल्म ‘शोरगुल’ की रिलीज की तारीख एक सप्ताह और आगे बढ़ा दी गई है. अब यह 24 जून की जगह एक जुलाई को सिनेमाघारों में रिलीज होगी.

फिल्म के निर्माताओं में से एक स्वतंत्र विजय सिंह ने एक बयान में कहा, “हमें अपनी फिल्म की रिलीज की तारीख आगे बढ़ाकर एक जुलाई करने के लिए बाध्य किया गया है. फिल्म के प्रदर्शन को लेकर कई तरह की आशंकाएं हैं. कई सिनेमा प्रबंधकों ने इस मामले में अपनी शंकाएं जाहिर की हैं.”

सिंह ने कहा, “हमारे आश्वासनों के बावजूद कई थियेटर चेन्स फिल्म को प्रदर्शित न करने के अपने फैसले पर कायम हैं. पहली बार फिल्म निर्माण के बाद समर्थन न मिलने के कारण हम खुद को असहाय महसूस कर रहे हैं.”

निर्माता ने कहा, “फिल्म में आम आदमी के लिए सशक्त संदेश है. हमें उम्मीद है कि प्रस्तावित तारीख पर फिल्म के आसानी से रिलीज होने में हमें जनता का पूरा समर्थन मिलेगा.”

‘शोरगुल’ की रिलीज की तारीख को पहली बार नहीं खिसकाया गया है. फिल्म पहले 17 जून को रिलीज होनी थी, लेकिन अभिषेक चौबे की ‘उड़ता पंजाब’ से टकराव को बचाने के लिए फिल्म की रिलीज की तारीख को 24 जून कर दी गई थी.

’24 एफपीएस फिल्म्स प्रोडक्शन्स’ के बैनर तले निर्मित फिल्म असहिष्णुता पर आधारित है.

‘मुजफ्फरनगर में ‘शोरगुल’ पर बैन’

फिल्म ‘शोरगुल’ के निर्माताओं ने कहा है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के शहर मुजफ्फरनगर में फिल्म पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. फिल्म में 2013 के मुजफ्फरनगर दंगों को भी उठाया गया है. फिल्म निर्माताओं ने मंगलवार को एक बयान में दावा किया कि फिल्म में एक संवेदनशील मुद्दे को उठाया गया है, इसलिए सांप्रदायिक हिंसा भड़कने के डर से मुजफ्फरनगर के जिलाधीश ने शहर के सभी सिनेमाघरों में फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगा दी है.

फिल्म में मुजफ्फरनगर हिंसा के अलावा गोधरा, बाबरी मस्जिद दंगों जैसे गंभीर विषयों को भी उठाया गया है. साथ ही फिल्म में नौकरशाहों के कुकर्मो, चालबाजियों और कुछ हाई प्रोफाइल शख्सियतों से जुड़े विवादास्पद मामलों का भी जिक्र है.

फिल्म के निर्माताओं में से एक व्यास वर्मा ने कहा, “हमने बार-बार कहा है कि ‘शोरगुल’ किसी विशिष्ट घटना पर आधारित नहीं है, बल्कि यह समाज में जो हो रहा है, उसका प्रतिबिंब है. इसमें उन मुद्दों को उठाया गया है जो देश के लिए चिंता का विषय हैं. उत्तर प्रदेश केवल फिल्म की पृष्ठभूमि है.”

उन्होंने कहा, “यह खबर बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और दुखद है. मैं प्रशासन से पूछना चाहता हूं कि वह खासतौर पर मुजफ्फरनगर में फिल्म पर क्यों रोक लगा रहा है. क्या उन्हें किसी खास बात का डर है? क्या मुजफ्फरनगर के लोगों को यह देखने का हक नहीं है कि देश में क्या हो रहा है? हर नागरिक को फिल्म देखने का अधिकार है क्योंकि फिल्म में आम आदमी की आवाज उठाई गई है.”

इस महीने के शुरू में विश्व हिदू परिषद के एक नेता मिलन सोम ने फिल्म के खिलाफ इलाहाबाद उच्च न्यायालय में जनहति याचिका दायर की थी, जिसे न्यायालय ने खारिज कर दिया था.

फिल्म के सह निर्माता अमन सिंह ने कहा, “हमारी इच्छा किसी भी राजनैतिक दल को बदनाम करने की नहीं है. हम निश्चित ही यह चाहते हैं कि महत्वपूर्ण मुद्दे उठें और चाहते हैं कि लोग फिल्म देखकर ऐसे सवालों के साथ घर लौटें जिसके जवाब एक अधिक तार्किक भारत की तरफ ले जाते हों.”

‘शोरगुल’ के निर्माताओं को कानूनी नोटिस

‘शोरगुल’ एक बार फिर कानूनी पचड़े में पड़ गई है. चंडीगढ़ के लेखक विजय सौदाई ने फिल्म के निर्माताओं को कॉपीराइट उल्लंघन के लिए कानूनी नोटिस भेजा है. इसी महीने पहले विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के नेता मिलन सोम द्वारा फिल्म के खिलाफ दायर की गई एक याचिका को इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ ने खारिज कर दिया था.

शुक्रवार को जारी बयान के मुताबिक, सौदाई के अधिवक्ता ने नोटिस में कहा है कि ‘शोरगुल’ की कहानी और ट्रेलर उनकी अप्रकाशित किताब ‘वंदे मातरम’ की नकल है. उनकी अनुमति के बिना ही यह नकल की गई है.

नोटिस में दावा किया गया है कि निर्माताओं ने लेखक के मौलिक रचनात्मक कार्य का फायदा उठाया है और उन्हें इसका कोई लाभ या श्रेय नहीं दिया गया है.

नोटिस में किताब की उन पंक्तियां का ब्योरा दिया गया है, जिनकी ट्रेलर में हूबहू नकल की गई है. निर्माताओं का कहना है कि ये आरोप झूठे हैं.

निर्माता स्वतंत्र विजय सिंह ने कहा, “यह गलत है. हमारी फिल्म किसी अन्य स्रोत की नकल से नहीं बनी है और यह सिनेमाई रचनात्मकता, ईमानदारी और मौलिकता से बनी फिल्म है. हमने किसी कॉपीराइट का उल्लंघन नहीं किया है और हमारी कानूनी टीम इस मुद्दे को देखेगी.”

source :- ABP news