30 फुट नीचे तालाब में गिरी बस, 30 की मौत

2016_9largeimg20_sep_2016_065444771बेनीपट्टी/बसैठ : मधुबनी के बेनीपट्टी में बड़ा बस हादसा हुआ है. यहां के सुंदरपुर गांव के पास मधुबनी से सीतामढ़ी जा रही एक बस तालाब में िगर गयी, जिसमें कम-से-कम 30 यात्रियों की मौत हो गयी. देर रात तक 19 शव निकाले जा चुके थे, जिनमें 14 की पहचान हुई  है. डीएम िगरिवर दयाल िसंह ने इसकी पुष्टि की है. मृतकों की संख्या बढ़ भी सकती है. प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है िक बस में 50 यात्री सवार थे,  जिनमें से कुछ ही के बचने की संभावना है. हादसा दिन में 11:45 बजे के आसपास हुआ, जब एक साइकिल सवार को बचाने के चक्कर में चालक बस से नियंत्रण खो बैठा और बस सड़क से लगभग 30 फुट नीचे तालाब में चली गयी.
जानकारी के मुताबिक सागर ट्रेवेल्स की 32 सीटेड बस मधुबनी के बस अड्डे से सुबह 9:45 बजे सीतामढ़ी के लिए खुली थी. मधुबनी में इसमें लगभग 20 यात्री सवार हुए थे. इसके बाद बस छोटी-बड़ी जगहों पर रुकती हुई, लगभग 11:05 बजे बेनीपट्टी पहुंची. बताते हैं कि बेनीपट्टी में बस में यात्री सवार हुए. यहां लगभग 10 मिनट रुकने के बाद बस खुली और फिर बसैठ में रुकी.
यहां भी लगभग पांच मिनट तक बस रुकी थी. इस समय लगभग 11:40 बज चुका था. बताते हैं कि बसैठ बाजार से कुछ दूर पर ही सुदंरपुर गांव के पास एक साइकिल सवार आ रहा था. उसी को बचाने के चक्कर में बस चालक का नियंत्रण बिगड़ गया और पूरी बस सड़क से लगभग 30 फुट नीचे तालाब में जा गिरी. प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि बस के साथ साइकिल चालक भी तालाब में चला गया, लेकिन उसका क्या हुआ, इसके बारे में लोग नहीं बता पा रहे हैं.
वहीं, बस के गेट पर सवार तीन-चार लोग किसी तरह से तैर पर बाहर निकल पाये. बाकी यात्री बस के अंदर ही रह गये और कुछ ही देर में सबकी मौत होने की बात कही जा रही है.  स्थानीय लोगों ने तुरंत इसकी सूचना स्थानीय प्रशासन को दी, लेकिन लगभग एक घंटे के बाद बेनीपट्टी की डीएसपी निर्मला कुमारी मौके पर पहुंची. गुस्साये लोगों ने डीएसपी को मौके से जाने को कह दिया. इस समय तक हजारों की संख्या में लोग मौके पर जुट गये थे और स्थानीय लोग तालाब से बस निकालने का प्रयास कर रहे थे, लेकिन, उसमें सफल नहीं हो पा रहे थे.
दिन में लगभग तीन बजे मधुबनी में डीडीसी हाकिम प्रसाद और सदर एसडीओ शाहिद परवेज मौके पर पहुंचे, लेकिन गुस्साये लोगों ने पथराव करके उन्हें मौके से वापस जाने को मजबूर कर दिया. इसके लगभग आधे घंटे के बाद मौके पर डीएम व एसपी  भी पहुंचे. उन्हें भी लोगों ने भागने पर मजबूर कर दिया. इस बीच मौके पर पहुंची एनडीआरएफ की टीम को भी लोगों ने भगा दिया था. उस गाड़ी में तोड़फोड़ की गयी, जिससे टीम आयी थी. मौके पर पहुंची एंबुलेंस पर भी लोगों का गुस्सा उतरा और उसके शीशे तोड़ दिये गये.
इस बीच मौके पर मधुबनी व बेनीपट्टी के आसपास के थानों की पुलिस पहुंच गयी थी. स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए पुलिस की ओर से दो राउंड हवाई फायरिंग की गयी, लेकिन लोग शांत नहीं हुए. इसके बाद स्थानीय लोगों ने क्रेन को मौके पर आने दिया. इसके बाद बस को तालाब से बाहर निकालने का काम शुरू हुआ. लगभग पांच बजे के आसपास स्थानीय लोगों की मदद से बस को तालाब से बाहर निकाला गया, लेकिन पूरी बस बाहर नहीं निकल पायी थी. बस में यात्रियों के शव भरे थे. बस से शव निकाले जा रहे थे.
प्रत्यक्षदर्शियों का कहना था कि शवों को बस से निकाला गया, जिन्हें परिजन अपने साथ लेकर चले गये. मौके पर प्रशासन के प्रतिनिधियों के नहीं होने की वजह से शव किसका है, इसकी पहचान भी नहीं हो पायी. देर शाम तक बस से शवों को निकालने का काम जारी था. शाम लगभग 5:15 बजे डीएम व अन्य प्रशासनिक अधिकारियों को मौके पर आने दिया गया, लेकिन तब तक परिजन कई यात्रियों के शव ले जा चुके थे.
पत्थरबाजी में दो लोग घायल, एंबुलेंस क्षतिग्रस्त
बेनीपट्टी/ बसैठ. यात्रियों से भरी बस के तालाब में पलट जाने के बाद प्रशासन के विलंब से पहुंचने से लोगों में आक्रोश व्याप्त था. लोगों का कहना था कि बस के तालाब में पलटने की जानकारी घटना के तत्काल बाद ही प्रशासन को दी गयी, लेकिन प्रशासनिक अमला ने मौके पर लोगों को आकर बचाने में देरी की. सूचना के करीब एक घंटे बाद बेनीपट्टी डीएसपी व अन्य अधिकारी पहुंचे, जिन्हें लोगों ने खदेड़ दिया. करीब तीन घंटे बाद डीडीसी व सदर एसडीओ भी जिला से पहुंचे.
डीएम, एसपी पर भी हमला
बेनीपट्टी/ बसैठ : हादसे के बाद आक्रोशित लोगों की ओर से अधिकारियों के काफिले पर हमला किये जाने के बाद जिला मुख्यालय से डीएम िगरिवर दयाल िसंह व एसपी दीपक कुमार बर्णवाल के साथ बड़ी संख्या में पुलिस के जवान पहुंचे. इस दौरान डीएम व एसपी अपनी सुरक्षा के लिए सुरक्षा जैकेट पहन कर पहुंचे. मौके पर पहुंचते ही पुलिस के जवानों ने लोगों पर लाठी चलानी शुरू कर दी.
इससे लोग आक्रोशित हो गये.  लोगों ने इन अधिकारियों पर भी हमला कर दिया. बाद में पुलिस के जवानों ने दो राउंड हवाई फायरिंग की. हवाई फायरिंग होते ही लोगों ने अधिकारियों पर पत्थरबाजी शुरू कर दी.  स्थिति को गंभीर देख डीएम, एसपी सहित पूरा पुलिस बल व अधिकारी जान बचा कर भागे. लोगों ने दोनों अधिकारियों को दूर तक खदेड़ा. स्थित तनावपूर्ण हो गयी. इस दौरान लोगों ने वरीय समाहर्ता के गाड़ी को क्षतिग्रस्त कर दिया.  अधिकारियों पर रोड़ेबाजी व पुलिस फायरिंग से स्थिति तनावपूर्ण हो गयी. देखते-ही- देखते बसैठ बाजार बंद हो गया. दुकानों के शटर गिर गये. गुस्साये लोगों व पुलिस के बीच जोर-आजमाइश चल रही थी. आम लोग अपने घरों में दुबके रहे.  पूरे बसैठ बाजार में सन्नाटा पसरा रहा.  ऐसा लग रहा था कि जैसे बसैठ में कर्फ्यू लगा हो.
प्रधानमंत्री, राज्यपाल मुख्यमंत्री ने जताया दुख
पटना/नयी दिल्ली :  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राज्यपाल रामनाथ कोविंद व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस हादसे पर गहरा दुख प्रकट किया है. प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, ‘बिहार के मधुबनी जिले में बस दुर्घटना से काफी दुखी हूूं. दुख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं मृतकों के परिवारों के साथ हैं. मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों को अनुग्रह राशि देने का एलान किया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि घटना काफी दुखद है. घटना के कारणों को देखा जा रहा है. मुख्यमंत्री ने राहत और बचाव कार्य में तेजी लाने और पीड़ितों को हर संभव सहायता देने का निर्देश दिया है.
मुख्यमंत्री ने राजस्व व भूमि सुधार मंत्री मदन मोहन झा अौर पंचायती राज मंत्री कपिलदेव कामत को घटनास्थल पर जाने का निर्देश दिया. साथ ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दरभंगा के प्रमंडलीय आयुक्त और आइजी को भी घटनास्थल पर पहुंचने और मधुबनी के डीएम व एसपी को राहत व बचाव काम में तेजी लाने का निर्देश दिया है. राहत और बचाव कार्य के लिए एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीम की टीम घटनास्थल पर पहुंच चुकी है. राज्यपाल ने कहा िक यह घटना दुखद है. इस दुख की घड़ी में ईश्वर परिजनों को शक्ति प्रदान करें.
चार-चार लाख मुआवजा
पटना : आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने मधुबनी में बस हादसे के मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये मुआवजा देने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि चूंकि एसडीआरएफ की टीम मधुबनी में थी, इसलिए 40 मिनट में जवान घटनास्थल पर पहुंचे गये.
इसके बावजूद स्थानीय लोगों ने बचाव कार्य में जाने से रोका. बाद में दरभंगा से पहुंची एनडीआरएफ की टीम को भी बचाव काम शुरू नहीं करने दिया गया. घटनास्थल पर पहुंच कर गोताखोर बचाव का काम नहीं कर सके. उन्होंने कहा कि यदि बचाव दल को काम करने दिया जाता तो हो सकता था कि एक-दो लोगों को बचाया जा सकता था.
बस हादसे की जांच करायी जायेगी
प्रधान सचिव ने कहा कि घटना के कारणों की जानकारी के लिए इसकी जांच होगी. यह पता किया जायेगा कि इसके लिए कौन जिम्मेवार था. उन्होंने कहा कि हाे सकता है कि ड्राइवर की जगह कोई और बस चला रहा हो या बस को तेजी से चलाया जा रहा था. उन्होंने कहा कि दुर्घटना के अन्य कारण भी हो सकते हैं. यह जांच के बाद पता चलेगा.
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Source: Prabhat Khabar