Air Force One: जानें उस विमान की ताकत, जिससे भारत आ रहे हैं अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप दो दिवसीय दौरे पर भारत आ रहे हैं। 24 और 25 फरवरी 2020 को ट्रंप भारत में रहेंगे। इस दौरान वे नई दिल्ली के अलावा अहमदाबाद (गुजरात) और ताज महल (आगरा) भी जाएंगे। ट्रंप तीन स्तर के सुरक्षा घेरे में रहेंगे। अमेरिकी अफसरों ने जानकारी दी है कि सुरक्षा का पहला घेरा उनका ही रहेगा।

आपने पढ़ा होगा कि अमेरिकी राष्ट्रपति एयरफोर्स वन से भारत आएंगे। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये विमान कितना ताकतवर है? उस विमान की खासियत क्या है जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति सफर करते हैं? इसके बारे में आगे पढ़ें।

क्या है एयरफोर्स वन

  • अमेरिकी एयरफोर्स के जिस भी विमान में वहां के राष्ट्रपति सफर कर रहे हों, उसे तकनीकी रूप से एयरफोर्स वन कहा जा सकता है। यह एक कॉलसाइन होता है।
  • लेकिन 20वीं सदी के मध्य से एक नई व्यवस्था शुरू हुई, जिसके अनुसार राष्ट्रपति के सफर के लिए सभी जरूरी सुविधाओं से लैस एयरफोर्स के विमानों को ही एयरफोर्स वन कहा जाने लगा।
  • ऐसे दो सबसे खास विमान हैं – बोइंग 747-200बी सीरीज के विमान। इन विमानों में पीछे की तरफ 28000 और 29000 कोड लिखा होता है।
  • इस विमान पर बड़े अक्षरों में लिखा होता है – ‘United States of America’। साथ ही अमेरिका के झंडे और अमेरिकी राष्ट्रपति की सील होती है।
  • यह 45 हजार फीट तक की ऊंचाई पर उड़ान भर सकता है। इसकी ऊंचाई 6 मंजिले इमारत जितनी और लंबाई एक फुटबॉल के मैदान जितनी है।

Air force one

अंदर से कैसा होता है ये विमान

  • एयरफोर्स वन के अंदर 4000 वर्ग फीट की जगह है। विमान अंदर से तीन स्तर में बंटा है। इसमें राष्ट्रपति के लिए खास सुईट भी है, जिसमें बड़ा सा कार्यालय, कॉन्फ्रेंस रूम और बाथरूम होता है।
  • इसके अलावा विमान में एक मेडिकल सुईट होता है, जिसे जरूरत पड़ने पर ऑपरेशन थिएटर की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है। विमान पर एक डॉक्टर स्थायी रूप से मौजूद होता है।
  • विमान में खाना बनाने के लिए दो अलग-अलग रसोई होती है जिसमें एक साथ 100 लोगों का खाना तैयार करने की क्षमता होती है।
  • इसमें राष्ट्रपति के साथ चलने वाले अधिकारियों (वरिष्ठ सलाहकार, गुप्त सेवा अधिकारी, पत्रकार) व अन्य अतिथियों के लिए भी कमरे होते हैं।

एयरफोर्स वन की खासियत

  • किसी राष्ट्रपति द्वारा इस्तेमाल किया जाने वाला ये दुनिया का सबसे आधुनिक और बड़ा विमान है।
  • इस विमान का दायरा असीमित है। अमेरिकी राष्ट्रपति जहां चाहें और दुनिया के जिस कोने में भी जरूरत हो, ये विमान आसानी से उस जगह पहुंच सकता है।
  • इस विमान में बीच हवा में भी जरूरत पड़ने पर दोबारा ईंधन भरे जाने की क्षमता है।
  • इस विमान में एक बार में 2.03 लाख लीटर ईंधन भरा जा सकता है।
  • विमान पर जितने इलेक्ट्रॉनिक उपकरण लगे हैं, वे इतने मजबूत हैं कि उनपर विद्युत चुंबकीय कंपन (Electromagnetic Pulse) का असर नहीं हो सकता।
  • विमान का कम्युनिकेशन सिस्टम इस तरह का है कि अमेरिकी राष्ट्रपति इसे मोबाइल कमांड सेंटर की तरह भी इस्तेमाल कर सकते हैं। यानी किसी तरह की आपत्ति की परिस्थिति में राष्ट्रपति विमान में उड़ते हुए कहीं से भी अपनी सेना व अधिकारियों को कमांड दे सकते हैं।
  • किसी आपदा की स्थिति में ये विमान अमेरिकी राष्ट्रपति के लिए हवा में उड़ने वाले बंकर का काम कर सकता है। अमेरिका के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर 2001 में हुए आतंकी हमले के बाद भी यही विमान राष्ट्रपति का कमांड सेंटर बन गया था।
  • एयरफोर्स वन के दो विमान बिल्कुल एक जैसे बनाए गए हैं। एक मुख्य विमान होता है और दूसरा बैकअप के लिए। दोनों विमान हमेशा साथ में उड़ान भरते हैं। इनमें से एक में राष्ट्रपति होते हैं, जिसकी जानकारी पहले से किसी को नहीं दी जाती।
  • इस विमान में साइबरस्पेस से होने वाले हमलों या मिसाइल हमलों का पता लगाने के लिए भी खास सेंसर्स लगाए गए हैं।

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हवा में कैसे चलता है अमेरिकी राष्ट्रपति का काफिला

  • एयरफोर्स वन के आगे कई मालवाहक विमान उड़ान भरते हैं, ताकि दूरस्थ क्षेत्रों में राष्ट्रपति को जरूरी चीजें आसानी से उपलब्ध कराई जा सकें।
  • जब राष्ट्रपति विमान में सवार हो रहे होते हैं, तो रनवे पर उनके साथ काफिले में जा रहे लोगों के अलावा और किसी को अपनी जगह से हिलने की इजाजत नहीं होती।
  • एयरफोर्स वन चार क्रू सदस्यों – पायलट, को-पायलट, इंजीनियर और नेविगेटर के साथ उड़ान भरता है। बोइंग 747 के किसी और विमान में इतना मजबूत क्रू नहीं होता।

कौन करता है एयरफोर्स वन की देखरेख

  • एयरफोर्स वन की देखरेख व संचालन प्रेसिडेंशियल एयरलिफ्ट ग्रुप द्वारा किया जाता है जो व्हाइट हाउस मिलिट्री ऑफिस का हिस्सा होता है। ये एयरलिफ्ट ग्रुप 1944 में बनाया गया था।
  • शुरू के करीब 15 सालों तक, अमेरिकी राष्ट्रपति अलग-अलग विमानों में सफर करते रहे। 1962 में खासतौर पर अमेरिकी राष्ट्रपति के लिए बनाए गए जेट विमान में सफर करने वाले पहले शख्स थे जॉन एफ केनेडी।