“लीडर से ज्यादा मैं अपने आप को कोच, टीचर एवं मानव रचना यूनिवर्सिटी का हिस्सा मानता हूँ I” Sarkar Talwar

Shri Sarkar Talwarआज सीधी बात के तहत “दी संडे हेडलाइंस” की संवाददाता सोनल अरोड़ा ने श्री सरकार तलवार, डायरेक्टर स्पोर्ट्स, मानव रचना यूनिवर्सिटी से बातचीत की प्रस्तुत है  बातचीत के कुछ अंश, वैसे तो क्रिकेट प्रेमियों के लिए यह नाम नया नहीं है I इनका जन्म आगरा, उत्तर प्रदेश में सन 22 सितम्बर 1952 में हुआ I आइये एक नजर डालते है श्री तलवार की उपलब्धियों पर….

नेशनल चैंपियनशिप अवार्ड
खेल में स्नातक करने के साथ लगभग 20 वर्ष पंजाब एवं हरियाणा की रणजी टीम के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया I

बेस्ट बॉलर ऑफ़ दी कंट्री (1985)
इन्होने 358 विकेट एवं  2000 रन बनाये I 8 रणजी मैच में 45 विकेट लिए जिसके कारण इनको मुंबई में बेस्ट बॉलर ऑफ़ दी कंट्री से नवाजा गया I

इंटरनेशनल क्रिकेट कोच  लेवल 4

जूनियर क्रिकेट वर्ल्ड कप जीता
सन 1996 में लॉड्स इंग्लैंड में पाकिस्तान को हराकर जूनियर क्रिकेट वर्ल्ड कप जीता I

बेस्ट क्रिकेट कोच (1996 – 1997)
इंग्लैंड में वर्ल्ड कप जितने के बाद मिला I

भीम अवार्ड (विशिष्ट खिलाडियों की श्रेणी)
हरियाणा सरकार की तरफ से भीम अवार्ड से सम्मानित किया गया I

लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड
बी सी सी आई की तरफ से इनको लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से नवाजा गया I

सोनल अरोड़ा : आप खुद को लीडर मानतें है या कुछ और ?
श्री तलवार : लीडर से ज्यादा मैं अपने आप को कोच, टीचर एवं मानव रचना यूनिवर्सिटी का हिस्सा मानता हूँ I     और यही कारण है की मैं स्पोर्ट्स को अलग नजरिये से देख पता हूँ I मैं समझता हूँ की अच्छे लीडर के अंदर अपना नजरिया होना जरुरी है I

सोनल अरोड़ा : क्या अचंभित करती है ?
श्री तलवार :  मुझे ख़ुशी होती है जब मैं  कुछ अलग देखता हूँ आजकल बच्चों के अंदर की प्रतिभा को देखकर अचंभित हो जाता हूँ I उनके अंदर सिखने की ललक को देखकर मुझे अपने पुराने दिन याद आने लगते हैं I और मैं हरसंभव प्रयास करता हूँ जिससे वो कुछ अच्छा प्रदर्शन कर सकें I

सोनल अरोड़ा : आपकी पूंजी क्या है उसपर आप कितना भरोसा करते हैं ?
श्री तलवार :     मेरी पूंजी मेरा आत्मबल है जो हमें बच्चों से मिलता है मैं खिलाडियों को खेलते नहीं उड़ते हुए देखना चाहता हूँ खिलाडियों को सही गाइड लाइन और प्रोत्साहन मिल सके  लिए समय समय पर वैसे खिलाडियों को भी आमंत्रित करता हूँ जो अपनी मेहनत के बल पर आम से खास बन चुकें हैं I

सोनल अरोड़ा : आपको प्रेरणा कैसे मिलती है ?
श्री तलवार : मैं जब भी बच्चों को क्लासरूम में या प्ले ग्राउंड में परफॉर्म करते देखता हूँ मैं  प्रेरित होता हूँ I खेल का जीवन में बड़ा महत्व है यह शारीरिक मानसिक विकास के साथ हमारे जीवनशैली को भी प्रभावित करती हैंI आप अच्छे खिलाडियों  देखकर इसका अंदाजा लगा सकते हैं I

सोनल अरोड़ा : लड़कियों के लिए खेल कितना जरुरी है ?
श्री तलवार : लड़कियां खेल में लड़कों के मुकाबले ज्यादा बढ़िया प्रदर्शन करतीं है इनके अंदर त्याग की भावना और वचनबद्धता लड़कों की अपेक्षा ज्यादा होती है हमें अपनी सोच बदलनी होगी I जिससे उन्हें बराबरी का दर्ज मिल सके I

सोनल अरोड़ा : आपने कभी किसी को खेल से बाहर किया है ?
श्री तलवार : (मुस्कुराते हुए ) हाँ मुझे याद है एकबार खेल के दौरान एक ट्रेनर थे मैं उनका नाम नहीं लेना चाहता काफी अनुभवी थे लेकिन उनका व्यव्हार अनप्रोफेशनल सा था खिलाडियों के साथ बात करने का तरीका, मुझे पसंद नहीं आया और मैंने उनको खेल के दौरान ही बाहर किया था I

सोनल अरोड़ा : अंतिम सवाल। … खिलाडियों को आप क्या कहना चाहेंगे ?
श्री तलवार : खिलाडियों से मैं यही कहना चाहूंगा की खेल को ईमानदारी के साथ खेलें सही डिसीजन लेना सीखे कोच की इज्जत करना सीखे I हार से भी सीखे क्योंकि हार के बाद जीत है I

 

Editor : Nitin Garg