Saraswati Pooja 2020: वसंत पचंमी आज, यह है मां सरस्वती पूजा का शुभ मुहूर्त, राशि के अनुसार ऐसे करें मां सरस्वती की पूजा

Saraswati Pooja 2020 : सुबह 10.45 बजे से पूजा का मुहूर्त शुरू
ज्योतिषाचार्य पीके युग के मुताबिक बुधवार 29 जनवरी को सुबह 10.45 बजे से 30 जनवरी को दोपहर 1.29 बजे तक पंचमी तिथि है। सरस्वती पूजा पर बृहस्पतिवार को अमलकीर्ति और अनफा योग बन रहा है। चंद्रमा से दशम भाव में किसी ग्रह के रहने पर अमलकीर्ति योग और सूर्य को छोड़ चंद्रमा के द्वादश भाव में कोई ग्रह रहता है, तब अनफा योग बनता है।

विद्या की देवी मां सरस्वती की उपासना का गुरुवार को खास दिन है। वसंत पंचमी पर मां की उपासना को लेकर बन रहे शुभ संयोग को लेकर स्कूल-कॉलेजों में विशेष तैयारी है। मां की उपासना को लेकर पटना के सभी छोट-बड़े शिक्षण संस्थानों में पूजा-अर्चना की तैयारी की गई है। कई शिक्षण संस्थानों के साथ गली-मोहल्लों में मूर्ति स्थापना कर मां की उपासना की जा रही है। मां सरस्वती की उपासना को लेकर वसंत पंचमी पर छात्र काफी उत्साहित होते हैं। छात्र मां की मूर्ति की स्थापना कर पूजा अनुष्ठान करते हैं। इस तिथि पर उपासना से विद्या और बुद्धि में वृद्धि होती है।

Saraswati Pooja 2020 राशि के अनुसार करें मां सरस्वती की आराधना

मेष : सिंदूर, लाल फूल, गुलाबी अबीर अर्पण करें।

वृष : हरे रंग की कलम, पीला फूल चढ़ाएं।

मिथुन : श्वेत रंग की कलम, अपराजिता पुष्प, नारियल अर्पण करें।

कर्क : लाल कलम, इत्र, अभ्रक चढ़ाएं।

सिंह : पीले रंग की कलम, लाल फूल, अभ्रक अर्पित करें।

कन्या : गुड़, अबीर, इत्र अर्पण करें।

तुला : नीला कलम, पंचामृत, गुलाबी अबीर, इत्र चढ़ाएं।

वृश्चिक : सफेद रेशमी वस्त्र, ऋतुफल, गंगाजल अर्पित करें।

धनु : श्वेत चंदन, अबीर, पीला फूल चढ़ाएं।

मकर : अरवा चावल, दही, पुष्प माला, शहद अर्पण करें।

कुंभ : खीर, पीला अबीर, इत्र चढ़ाएं।

मीन : सफेद वस्त्र, पीला फूल और घी अर्पित करें।

अग्रसेन हस्पताल, जीवन नगर में सरस्वती पूजा के कुछ फोटो

Saraswati Maa

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PISCES (मीन)

जनवरी- इस महीने आपको अचानक धन लाभ हो सकता है। नौकरी में उन्नति के अवसर प्राप्त होंगे। धार्मिक कामों में रुचि बढ़ेगी। आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।
उपाय- हर महीने में आने वाले एकादशी व्रत का पालन करें।

फरवरी- 08 फरवरी 2020 से मंगल की दृष्टि रहने से स्वास्थ्य व घरेलू उलझनें पैदा हो सकती हैं। अचानक रूप से खर्चें बढ़ेंगे।
उपाय– शिव मंत्रावली पुस्तक में से शिव स्तोत्रों का पाठ करें।

मार्च- इस महीने संघर्शपूर्ण स्थिति का सामना करना पड़ सकता है। निर्वाह योग्य आय के साधन बनते रहेंगे। निकट लोगों के साथ मनमुटाव हो सकता है।
उपाय- सूर्य देव को रोज़ जल चढ़ाएं।

अप्रैल- इस राशि के स्वामी गुरु नीच राशि (मकर) में संचार करने से करीबी लोगों से मनमुटाव हो सकता है। क्रोध की वजह से कोई काम बिगड़ सकता है।
उपाय- शिवलिंग पर दूध अर्पित करें।

मई- शनि की दृष्टि होने से कुछ सोची योजनाओं में विघ्न बाधाएं पैदा हो सकती हैं। धन का खर्च अधिक होगा। व्यर्थ की भागदौड़ हो सकती है।
उपाय-वैशाख माहात्म्य का पाठ करना शुभ होगा।

जून- कार्यक्षेत्र में विघ्नों के बावजूद स्थिति कुछ अनुकूल होने के आसार बढ़ेंगे। कुछ सोची योजनाओं में सफलता मिलेगी। पेट, लीवर में खराबी की वजह से परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
उपाय– हनुमान चालीसा का पाठ हर रोज करें।

जुलाई- धर्म-कर्म व आध्यात्मिक कार्यों की ओर रुचि बढ़ेगी। परिवार में भाई-बंधुओं का सहयोग प्राप्त होगा। मंगल का संचार होने से क्रोध बढ़ेगा, जिसके कारण कोई काम बिगड़ सकता है।
उपाय- श्रावण माहात्म्य का नित्य पाठ करें।

अगस्त- इस महीने संघर्षपूर्ण स्थितियों के बावजूद व्यवसायिक क्षेत्रों में धन लाभ व उन्नति के योग बनेंगे। धर्म व आध्यात्मिक क्षेत्रों में रूझान बढ़ेगा। अचानक धन प्राप्ति के साधन बढ़ेंगे।
उपाय- शिव-मंत्रावली में से शिव-स्तोत्र का पाठ करें।

सितंबर- मास के आरंभ में निर्वाह योग्य आय के साधन बनते रहेंगे। धन का खर्च अधिक होगा। शादीशुदा जीवन में आपसी मतभेद हो सकता है। धन का लेन-देन करते समय कुछ विवाद हो सकता है।
उपाय-सुबह-शाम तुलसी जी के समक्ष दीप दान करें।

अक्टूबर- मास के आरंभ में स्वास्थ्य संबंधी परेशानी, सिर-दर्द व क्रोध बढ़ सकता है। कार्यक्षेत्र में दौड़-धूप बनी रहेगी। धन लाभ होने के साथ-साथ खर्च में भी वृद्धि होगी।
उपाय- कार्तिक माहात्म्य का नित्य पाठ करें।

नवंबर- 16 तारीख के बाद आय के साधन अधिक बनेंगे। परिवार में तनाव व मतभेद हो सकता है। स्वास्थ्य में विकार पैदा हो सकता है।
उपाय- एकादशी व्रत व तुलसी के आगे दूप दान करना शुभ होगा।

दिसंबर- निकट के लोगों के साथ तनाव पैदा हो सकता है। संतान संबंधी चिंता सता सकती है। पति-पत्नी का स्वास्थ्य ढीला हो सकता है। कहीं दूर की यात्रा की योजना भी बन सकती है।
उपाय- गुरुवार के व्रत करना शुभ होगा।

 

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AQUARIUS (कुंभ)

जनवरी- शनि की दृष्टि रहने से नई-नई कार्य योजनाएं बनेंगी। पुराने किए गए कामों में सफलता मिलेगी। आर्थिक उलझनें पैदा हो सकती हैं लेकिन पारिवारिक सहयोग मिलता रहेगा।
उपाय- गरीब लोगों को वस्त्र दान करें।

फरवरी- मास के आरंभ में निर्वाह योग्य आय के साधन बनते रहेंगे। शनि की साढ़ेसाती व सूर्य की इस राशि पर होने से परिस्थितियां संघर्षपूर्ण रहेंगी।
उपाय- भगवान कृष्ण के नामों का जाप करें।

मार्च- इस महीने संतान संबंधी चिंता व तनाव पैदा हो सकता है। मंगल-शनि योग होने से भाई-बंधुओं व पत्नी के साथ तनाव हो सकता है।
उपाय- दुर्गा सप्तशती का पाठ करें।

अप्रैल– मंगर-गुरु-शनि का योग होने से आर्थिक समस्याएं बढ़ सकती हैं। निकट के लोगों से मनमुटाव हो सकता है। मन में किसी बात को लेकर परेशानी रह सकती है।
उपाय- पापप्रशनम स्तोत्र का पाठ करें।

मई- मास की शुरुआत में मंगल का इस राशि पर संचार होने से घरेलू उलझनें व तनाव पैदा हो सकता है। संतान संबंधी चिंता बनी रहेगी।
उपाय- शुक्रवार के दिन देवी लक्ष्मी के व्रत करें।

जून- मंगल का संचार होने से भागदौड़ करने पर भी लाभ नहीं हो पाएगा। मानसिक तनाव व स्वास्थ्य संबंधी परेशानी हो सकती है।
उपाय- श्री संदुरकांड का पाठ करें।

जुलाई- शनि वक्री होने से स्वास्थ्य नर्म व कुछ घरेलू परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। आय कम व व्यय अधिक रहेगा।
उपाय- श्रावण माहात्म्य का नित्य पाठ करें।

अगस्त- कार्य व व्यवसाय संबंधी परेशानियां पैदा हो सकती हैं। निकट के लोगों से मनमुटाव हो सकता है। व्यर्थ के खर्च होंगे।
उपाय- शिवलिंग पर दूध चढ़ाएं।

सितंबर- सोची हुई योजनाओं में सफलता मिलेगी। सरकारी कामों में विघ्न बाधाएं, लेकिन धन आगमन के साधन बनते रहेंगे।
उपाय- सूर्य-कवच का पाठ करें।

अक्टूबर- मंगल पुनः मीन राशि पर आने से स्वास्थ्य नर्म व चोट आदि का भय बना रहेगा। मान-सम्मान में वृद्धि होगी। धर्म-कर्म के कामों में रुचि बढ़ेगी।
उपाय- चाक्षुषोपनिषद स्तोत्र का पाठ करें।

नवंबर- स्वास्थ्य संबंधी परेशानी, बनते कामों में विघ्न व मानसिक तनाव हो सकता है। दूर की यात्राएं, धन का खर्च भी अधिक होगा। सौंदर्य आदि कामों पर खर्च होगा।
उपाय- कार्तिक माहात्म्य का नित्य पाठ करें।

दिसंबर- व्यवसायिक क्षेत्र में अनेक उतार-चढ़ाव आएंगे, लेकिन इन सबके बावजूद निर्वाह योग्य आय के साधन बनते रहेंगे। मास के अंत में शुभ यात्रा हो सकती है।
उपाय- हर माह में आने वाले एकादशी व्रत का पालन करें।

 

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CAPRICORN (मकर)

जनवरी- इस माह व्यवसाय में परेशानी, तनाव, धन संबंधी समस्याएं व परिवार में मतभेद हो सकते हैं। अनावश्यक कार्यों पर खर्च अधिक होगा।
उपाय- सूर्य उपासना करना शुभ रहेगा।

फरवरी- आपकी मेहनत से आय के साधनों में वृद्धि होगी। मान-प्रतिष्ठा में वृद्धि व आय से खर्च होगा। निकट के रिश्तें में सहयोग की कमी रहेगी।
उपाय- हर सोमवार शिव पूजा करें।

मार्च- इस माह की शुरुआत में कुछ आर्थिक समस्याएं पैदा हो सकती हैं। शनि का संचार होने से विघ्न बाधाओं के बावजूद गुज़ारे योग्य आय के साधन बनते रहेंगे।
उपाय- श्री दुर्गा सप्तशती में से चण्डी स्तोत्र का पाठ करें।

अप्रैल- मान-प्रतिष्ठा में वृद्धि, धन लाभ व उन्नति के अवसर मिलेंगे। कोई रुका हुआ काम पूरा होगा। शादीशुदा लाइफ में परेशानी आ सकती है। अपने क्रोध को कम करें।
उपाय- पापप्रशनम स्तोत्र का पाठ करें।

मई- विघ्न बाधाओं के बावजूद आय के साधन बनते रहेंगे। मानसिक चिंताएं व आर्थिक परेशानी हो सकती है। व्यापार या नौकरी में परेशानी हो सकती है।
उपाय- शुक्रवार माता लक्ष्मी के व्रत करें।

जून- कारोबार मध्यम रहेगा। विघ्न-बाधाओं के बावजूद धन की प्राप्ति होगी। घर परिवार की ओर से चिंता सता सकती है। शरीर कष्ट का भय होगा।
उपाय- श्री सूक्तम का पाठ करें।

जुलाई- इस मास के आरम्भ में धन प्राप्ति होगी और कोई उलझा काम पूरा होगा। इस राशि पर सूर्य की दृष्टि होने से बनते कामों में अड़चनें पैदा हो सकती हैं।
उपाय- श्रावण माहात्म्य का नित्य पाठ करें।

अगस्त- सरकारी कामों में रुकावटें पैदा हो सकती हैं। आय के साथ-साथ खर्च भी बहुत होंगे। व्यर्थ की मानसिक चिंता व तनाव पैदा हो सकता है।
उपाय- शिवलिंग पर कच्ची लस्सी चढ़ाएं।

सितंबर- धन लाभ व सुख-साधनों की प्राप्ति होगी। व्यर्थ के खर्च बढ़ेंगे। धर्म-कर्म में रुचि पैदा होगी। अचानक से हुए खर्चों को लेकर मानसिक तनाव पैदा हो सकता है।
उपाय- पितृ-स्तोत्र का पाठ करना शुभ रहेगा।

अक्टूबर- आर्थिक हालात पहले से बेहतर होंगे। इस माह के अंत में कोई शुभ समाचार मिल सकता है। धार्मिक कामों पर खर्च होगा।
उपाय- हर रोज़ कार्तिक माहात्म्य का नित्य पाठ करें।

नवंबर- पारिवारिक माहौल पहले से कुछ बेहतर होगा। शत्रु आपको परेशान कर सकते हैं। आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
उपाय- सोमवार के व्रत करें।

दिसंबर- शनि-साढ़ेसाती व गुरु संचार के कारण मानसिक बेचैनी व तनाव पैदा हो सकता है। कारोबार में उतार-चढ़ाव हो सकता है। स्वास्थ्य कुछ नरम रहेगा।
उपाय- सूर्य-कवच का पाठ करें।

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SAGITTARIUS (धनु)

जनवरी- इस माह पारिवारिक व आर्थिक उलझनों व तनाव का सामना करना पड़ सकता है। ज्यादा भागदौड़ के बाद खर्च भी अधिक होगा। मान-सम्मान में वृद्धि होगी।
उपाय- मकर संक्रांति को गर्म वस्त्र दान करें।

फरवरी- व्यर्थ की यात्रा में परेशानी व खर्च अधिक होगा। भागदौड़ के बाद गुजारे योग्य धन प्राप्त में परेशानी आएगी। शनि-साढेसाती के कारण स्वास्थ्य संबंधी परेशानी आएगी।
उपाय- शिव मानस पूजा स्तोत्र का पाठ करें।

मार्च- संघर्षमयी परिस्थितियों के बावजूद आय तथा मान-सम्मान में वृद्धि होगी। धर्मिक व्यक्ति के साथ सम्पर्क बढ़ेंगे। पति या पत्नी को स्वास्थ्य कष्ट हो सकता है।
उपाय- श्री दुर्गा सप्तशती में से चण्डी स्तोत्र का पाठ करें।

अप्रैल– इस माह आपको आर्थिक व मानसिक परेशानी हो सकती है। शनि साढ़ेसाती व केतु संचार होने से मन में अंशाति पारिवारिक उलझनें पैदा हो सकती है।
उपाय- पापप्रशनम स्तोत्र का पाठ करें।

मई- अपने साहस और परिश्रम से ही कार्यक्षेत्र की समस्याएं सुलझ सकती हैं। गुरु वक्री रहने से बौद्धिक कार्यों में रूचि कम होगी।
उपाय- सरस्वती स्तोत्र का पाठ करें।

जून- विघ्न बाधाओं के बावजूद गुजारे लायक धन प्राप्ति के अवसर मिलेंगे। धर्म-कर्म में रूचि बढ़ेगी। किसी कार्य के बन जाने से खुशी का माहौल बना रहेगा।
उपाय– श्री सूक्तम का पाठ करें।

जुलाई- इस माह की शुरुआत में वक्री गुरु पुनः इस राशि में आने से परिस्थितियों में सुधार आएगा। सोची हुई योजनाओं में सफलता मिलेगी।
उपाय- श्रावण माहात्म्य का नित्य पाठ करें।

अगस्त- कठिन परिस्थितियों के बावजूद निर्वाह योग्य आय के साधन बनते रहेंगे। परिवार में व्यर्थ की आर्थिक उलझनें बढ़ेंगी। धार्मिक कामों में रूचि बढ़ेगी।
उपाय- शिवलिंग पर कच्ची लस्सी चढ़ाएं।

सितंबर– गुरु का संचार होने से उलझनों व अड़चनों के बावजूद आय के साधनों में वृद्धि होगी। इस मास के अंत में धन लाभ व शुभ समाचार मिलेगा।
उपाय- पितृ-स्तोत्र का पाठ करना शुभ रहेगा।

अक्टूबर- केचु का संचार इस राशि से हट जाने से पुरानी चली आ रही समस्याएं मानसिक चिंताएं दूर हो सकती है। धार्मिक व सामाजिक कामों में रूचि बढ़ेगी।
उपाय- हर रोज़ कार्तिक माहात्म्य का नित्य पाठ करें।

नवंबर- इस माह की शुरुआत में बिगड़े कामों में धीरे-धीरे सुधार आएगा।धन लाभ व उन्नति के अवसर प्राप्त होंगे। मान-सम्मान और नौकरी में नए-नए अवसर मिलेंगे।
उपाय- आदित्यह्रदय स्तोत्र का पाठ करें।

दिसंबर- घर-परिवार से कोई चिंता सता सकती है, जिससे मानसिक तनाव पैदा हो सकता है। सूर्य इसी राशि पर होने से बिगड़े कामों में सुधार आएगा। व्यर्थ की यात्रा भी होगी।
उपाय- सोमवार के व्रत करें।

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SCORPIO (वृश्चिक)

जनवरी- नवीन कार्यों की योजना बनेगी, मान-सम्मान में वृद्धि होगी। शनि की साढ़ेसाती के कारण मानसिक तनाव व निकट के भाई-बंधुओं के साथ मतभेद हो सकता है।
उपाय- मकर संक्रांति को गर्म वस्त्र और पंचांग दान करें।

फरवरी- आय के साधनों  में वृद्धि, शुभ व मांगलिक कामों में खर्च होगा। मंगल केतु युक्त होने से पारिवारिक समस्याएं व आर्छिक उलझनें बढ़ेगी।
उपाय– श्री विश्वनाथ मंगल स्तोत्र का पाठ करें।

मार्च- धन लाभ व पारिवारिक सुखों में वृद्धि होगी। परिवार में मंगल कार्य पूरे होंगे। ज़मीन-जायदाद आदि का क्रय-विक्रय करने की योजना बनेगी।
उपाय- श्री दुर्गा सप्तशती का पाठ करें।

अप्रैल- इस माह धन लाभ कम व घरेलू उलझनों के कारण मानसिक तनाव पैदा होगा।व्यवसाय में उन्नति के अवसर मिलेंगे। वृद्धि, कार्य में लाभ व उन्नति के चांस मिलेंगे।
उपाय- पापप्रशनम स्तोत्र का पाठ करें।

मई- 04 मई 2020 से मंगल चतुर्थ स्थान पर आने से अचानक खर्चों में वृद्धि व घरेलू परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। व्यर्थ की यात्रा हो सकती है।
उपाय- सूर्य देव को रोज़ जल चढ़ाएं।

जून- व्यवसाय में संघर्ष के बाद आय के स्तोत्र बढ़ेंगे।मंगल पंचम स्थान पर होने से स्वास्थ्य संबंधी कष्ट व खर्च अधिक होंगे। सावधानी बरतें।
उपाय- श्री सूक्तम का पाठ करें।

जुलाई- आय के साधन बनते रहेंगे लेकिन व्यवसायिक क्षेत्र में संघर्ष रहेगा। परिवार में अत्याधिक खर्च व परेशानी पैदा हो सकती है।
उपाय- शिवलिंग पर जल चढ़ाना शुभ होगा।

अगस्त- इस महीने में रक्त में गड़बड़ी, नेत्र पीड़ा हो सकती है, इससे आपके उत्साह में कमी होगी। स्वभाव में क्रोध व चिड़चिड़ापन रहेगा।
उपाय- शिवलिंग पर कच्ची लस्सी चढ़ाएं।

सितंबर- 10 सितंबर 2020 से मंगल वक्री होने से स्वास्थ्य संबंधी परेशानी, मानसिक तनाव व क्रोध के कारण निकट बंधुओं से मतभेद हो सकता है।
उपाय- पितृ-स्तोत्र का पाठ करना शुभ रहेगा।

अक्टूबर- महीने की शुरुआत में वक्री मंगल पंचम स्थान  पर आने से और केतु का संचार होने से वाद-विवाद व मानसिक तनाव हो सकता है।
उपाय- हर रोज़ कार्तिक माहात्म्य का नित्य पाठ करें।

नवंबर- विघ्न बाधाओं के बावजूद धन-लाभ व कार्यों में सफलता मिलेगी। व्यवसाय में कुछ बदलाव करने का विचार बन सकता है।
उपाय- आदित्यह्रदय स्तोत्र का पाठ करें।

दिसंबर- संतान और माता-पिता के सहयोग से हर काम सफल होगा। सांझेदारी के कामों में हानि हो सकती है। धन के संबंध में निकट बन्धु से तकरार हो सकती है।
उपाय- मंगलवार के व्रत करें।

 

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LIBRA (तुला)

जनवरी- इस माह के शुरुआत में नए वाहन, भीमि-जायदाद लेने का विचार बन सकता है। शुक्र पंचम स्थान पर होने से धन-लाभ व उन्नति के योग बनेंगे।
उपाय- शिवमहिम्न स्तोत्र का पाठ करें।

फरवरी- संघर्ष के बावजूद गुज़ारे योग्य आय के साधन बनते रहेंगे। सिनेमा, संगीत आदि कामों पर धन खर्च हो सकता है। चोट आदि का भय हो सकता है, सावधान रहें।
उपाय- महाशिवरात्रि का विधि पूर्वक व्रत रखें।

मार्च– मान-सम्मान में वृद्धि और अचानक धन लाभ व उन्नति के नए मार्ग खुलेंगे। विदेश संबंधी कार्यों प्रगति होगी लेकिन विघ्नों के बाद सफलता मिलेगी।
उपाय- दुर्गा-सप्तशती का पाठ करें।

अप्रैल- शनि की ढैय्या रहने से मानसिक तनाव, शरीर कष्ट व गुप्त चिंता हो सकती है। खर्च अधिक होंगे। घरेलु उलझनें पैदा हो सकती हैं।
उपाय- पापप्रशनम स्तोत्र का पाठ करें।

मई- व्यवसाय में अचानक लाभ व खरीदारी आदि पर खर्च अधिक होगा। 13 मई 2020 से शुक्र वक्री होने से शुभ फल में कमी रहेगी। विरोधियों द्वारा बनते कामों में अड़चनें पैदा करने से धन की हानि हो सकती है।
उपाय- कनकधारा-स्तोत्र का पाठ करें।

जून- बनते कामों में विघ्न, व्यर्थ की भाग-दौड़, मानसिक तनाव व अधिक खर्च रहेगा। 18 जून 2020 से मंगल की दृष्टि रहने से गुप्त चिंता व परिवार में उलझनें पैदा हो सकती हैं।
उपाय- शिवलिंग पर कच्ची लस्सी चढ़ाने से लाभ मिलेगा।

जुलाई- व्यवसाय में उलझनों का सामना करना पड़ सकता है। किसी अपने से धोखा मिलने के संकेत हैं। आलस्य में वृद्धि, स्वास्थ्य में खराबी, अधिक धन व समय नष्ट होगा।
उपाय- मंगलवार व बुधवार गणेश चालीसा का पाठ करें।

अगस्त- शुक्र भाग्य के स्थान पर होने से संघर्ष व परिश्र्म करने के बावजूद ही आय के साधन बनेंगे। कोई रुका हुआ काम पूरा होगा। मान-प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी।
उपाय- तुलसी जी के समक्ष सुबह-शाम दीप दान करें।

सितंबर- शनि की ढैय्या के कारण आजीविका के लिए दौड़-धूप अधिक रहेगी। मन अंशात और असंतुष्ट रहेगा। स्वास्थ्य में विकार, माता-पिता से मतभेद हो सकता है।
उपाय- सूर्य देव को रोज़ जल चढ़ाएं।

अक्टूबर- बिगड़े हुए कामों में सुधार आएगा। बहुत परिश्रम के बाद धन लाभ होगा। व्यर्थ के कामों पर खर्च होगा। नौकरी में तरक्की और व्यवसाय को बढ़ाने की योजनाएं बनेंगी।
उपाय- कार्तिक माहात्म्य का नित्य पाठ करें।

नवंबर- स्वास्थ्य संबंधी परेशानी, बनते कामों में विघ्न, परिवार वालों के साथ मतभेद हो सकता है। क्रोध अधिक व चोट आदि का भय बना रहेगा।
उपाय- कार्तिक माहात्म्य का नित्य पाठ करें।

दिसंबर- दैनिक कार्यों में प्रगति होगी। निर्वाह योग्य आय के सादन बनते रहेंगे। शनि की ढैय्या के कारण आय कम व खर्च अधिक होंगे।
उपाय- श्री सूक्तम का पाठ करना शुभ रहेगा।

 

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VIRGO (कन्या)


जनवरी- शनि की ढैय्या के कारण विशेष संघर्ष के बाद ही निर्वाह योग्य आय के साधन बेनेंगे। खर्च व घरेलु उलझनों के कारण तनाव पैदा हो सकता है। 

उपाय- माघ-माहात्म्य का पाठ हर रोज़ करें।

फरवरी- इस महीने की शुरुआत में पारिवारिक उलझनें और व्यवसायिक परेशानियां पैदा हो सकती हैं। बुध के वक्री होने से कोई न कोई समस्या अवश्य बनी रहेगी।
उपाय- मृत्युंजय स्तोत्र का पाठ करें।

मार्च- बहुत संघर्ष के बाद आय के साधन बनेंगे। किसी व्यक्ति विशेष से धोखा मिल सकता है। मानसिक तनाव और किसी बात की चिंचा हो सकती है।
उपाय- दुर्गा सप्तशती का पाठ करें।

अप्रैल- महीने की शुरूआत में व्यर्थ की चिंता व पारिवारिक उलझनें पैदा हो सकती हैं। धार्मिक कामों की ओर प्रवृति बढ़ेगी।
उपाय- पापप्रशमन स्तोत्र का पाठ करें।

मई- स्वास्थ्य में विकार, बनते कामों में विघ्न और धन हानि हा सकती है। कठिनाई से निर्वाह योग्य साधन बनेंगे। धीरे-धीरे परिस्थितियों में परिवर्तन होगा।
उपाय- शिव चालीसा का नित्य पाठ करें।

जून- धीरे-धीरे हर काम में प्रगति होगी। भीमि-बाहन आदि कामों में क्रय-विक्रय की योजना बनेगी। व्यर्थ की यात्रा हो सकती है।
उपाय- हनुमान चालीसा का पाठ करें।

जुलाई- सूर्य, बुध, राहु योग व मंगल की दृष्टि रहने से मानसिक तनाव व उलझने पैदा हो सकती हैं। व्यर्थ का खर्च बड़ सकता है।
उपाय- श्रावण माहात्म्य का पाठ करें।

अगस्त- 02 से लेकर 16 अगस्त 2020 तक बुध लाभ स्थान में और 15 अगस्त 2020 को मंगल की दृष्टि रहने से नौकरी में कुछ रुकावटें पैदा हो सकती हैं। स्वास्थ्य नर्म रहेगा।
उपाय- मृत्युंजय स्तोत्र का पाठ करें।

सितंबर- किसी नवीन कार्य की योजना बन सकती है। शुभ कामों में खर्च,धन-लाभ  व उन्नति के अवसर मिलेंगे। कुछ बिगड़े कामों में सुधार आएगा।
उपाय- तुसली के समक्ष सुबह-शाम दीपक जलाएं।

अक्टूबर- किसी उच्च व्यक्ति के साथ संपर्क हो सकता है। अचानक से मनोरंजन आदि के कामों में खर्च हो सकता है।
उपाय- कार्तिक माहात्म्य का पाठ करें।

नवंबर- बुध के द्वितीय स्थान में होने से उछल-पुथल के बावजूद गुजारे योग्य आय के साधन हनते रहेंगे। व्यर्थ का खर्च हो सकता है।
उपाय- सूर्य आराधना करना शुभ रहेगा।

दिसंबर- ज़मीन-जायदाद व वाहन संबंधी समस्या उत्पन्न हो सकती है। स्वास्थ्य कुछ ढीला रह सकता है।
उपाय- मंगलवार के व्रत करें।

 

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LEO (सिंह)

जनवरी- कार्य-क्षेत्र में कुछ नई योजनाएं बनेंगी लेकिन लाभ के स्थान में राहु होने से आर्थिक परेशानियों का सामना होगा। घरेलू उलझनों की वजह से तानल रह सकता है।
उपाय- मकर संक्रांति को गर्म वस्त्र और पंचांग दान करें।

फरवरी- कार्यों में धीरे-धीरे प्रगति होगी। सूर्य की दृष्टि होने से मान-सम्मान में वृद्धि व धन लाभ होगा। पति-पत्नी का आपसी मनमुटाव हो सकता है।
उपाय- श्री महाशिवरात्रि का विधि पूर्वक व्रत रखें।

मार्च- नए-नए दोस्त बनेंगे। निर्वाह योग्य आय के साधन बनते रहेंगे। स्वास्थ्य कुछ ढीला रहेगा, पेट व नेत्र संबंधी रोगों से बचाव करना पड़ सकता है।
उपाय- सूर्य-कवच का पाठ करें।

अप्रैल- सूर्य अष्टम स्थान पर होने से धन लाभ व बनते कामों में विघ्न पैदा हो सकते हैं।स्वास्थ्य में विकार और व्यर्थ के खर्च बढ़ेंगे। 13 अप्रैल 2020 के बाद आय के साधनों में वृद्धि होगी।
उपाय- पापप्रशनम स्तोत्र का पाठ करें।

मई- सूर्य भाग्य स्थान में होने से बिगड़े कामों में सुधार आएगा। धन लाभ व उन्नति के अवसर प्राप्त होंगे। पारिवारिक सुख में वृद्धि होगी। किसी शुभ कार्य पर धन खर्च होगा।
उपाय- सूर्य देव को रोज़ जल चढ़ाएं।

जून- मंगल की सप्तमस्थ दृष्टि रहने से कुछ रुके कार्यों में सफलता प्राप्त होगी। मित्रों की सहायता से किसी कार्य में सिद्धि हासिल होगी।
उपाय- चाक्षुषोपनिषद स्तोत्र का पाठ करें।

जुलाई- व्यवसायिक क्षेत्र में अस्थिरता व उथल-पुथल के हालात का सामना हो सकता है। खर्च अधिक होंगे। संघर्ष के बाद ही गुजारे योग्य आय के साधन बनते रहेंगे।
उपाय- श्रावण माहात्म्य का नित्य पाठ व शिव-मंत्रावली में से शिव-स्तोत्र का पाठ करें।

अगस्त- गुरु की दृष्टि होने से धर्म-कर्म की ओर रूचि होगी। किसी शुभ कार्य पर खर्च होगा। कठिनाई से धन प्राप्ति के साधन बनेंगे।
उपाय- शिवलिंग पर कच्ची लस्सी चढ़ाएं।

सितंबर- कुछ बिगड़े कामों में सुधार व आय के साधनों में वृद्धि होगी। किसी नवीन कार्यक्षेत्र में धन का निवेश करने की योजना भी बनेगी। क्रोध की अधिकता रहेगी।
उपाय- पितृ-स्तोत्र का पाठ करना शुभ रहेगा।

अक्टूबर- घर में शुभ कार्य होंगे। 17 अक्टूबर 2020 से व्यर्थ खर्च बढ़ सकता है। वाहन आदि का क्रय-विक्रय भी होगा।
उपाय- कार्तिक माहात्म्य का नित्य पाठ करें।

नवंबर- सूर्य नीच राशि में होने सो धन लाभ साधारण हो, मानसिक तनाव व क्रोध अधिक रहेगा। परिवार में व्यर्थ का तनाव पैदा हो सकता है। यात्रा से परेशानी हो सकती है।
उपाय- आदित्यह्रदय स्तोत्र काप पाठ करें।

दिसंबर- विशेष परिश्रम व पारिवारिक सहयोग के बावजूद कार्य-सिद्धि में देरी हो सकती है। बहुत सारे विघ्नों के बाद भी कुछ बिगड़े कामों में सुधार आएगा।
उपाय- मंगलवार के व्रत करें।

 

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CANCER (कर्क)


जनवरी- शुभ और धार्मिक कामों में धन खर्च अधिक होगा। पारिवारिक माहौल पहले से सुखद रहेगा। मान-प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। संतान को लेकर कोई गुप्त चिंता सता सकती है।
उपाय- माघ-माहात्म्य का नित्य पाठ करें और किसी वृद्ध ब्राह्मण को पंचांग संकल्पपूर्वक दान करें।

फरवरी- सूर्य व शनि की दृष्टि रहने से और 08 फरवरी 2020 से मंगल की भी नीच दृष्टि रहने से माता को परेशानी तथा शरीर कष्ट हो सकता है। बहुत मेहनत के बाद गुजारे योग्य आमदन के साधन बनते रहेंगे।
उपाय- शीघ्र विवाह के लिए महाशिवरात्रि पर श्रीविश्वनाथ मङ्गल स्तोत्र का पाठ करें।

मार्च- मंगल व शनि की दृष्टि रहने से अत्यन्त कठिनाई से निर्वाह योग्य आय के साधन बनेंगे। कारोबार में व्यस्तताएं बढ़ेंगी। खर्चों की अधिकता से मन परेशान रहेगा।
उपाय- श्री दुर्गा सप्तशती में से सिद्ध-कुंजिका स्तोत्र व चण्डी स्तोत्र का पाठ करें।

अप्रैल- गुरु की शुभ दृष्टि होने से आपके जीवन पर इसका मिला-जुला प्रभाव रहेगा। नौकरी व व्यापार में उन्नति के अवसर प्राप्त होंगे।
उपाय- श्री दुर्गा कवच का पाठ करें।

मई- मंगल-शनि के साथ-साथ गुरु की शुभ दृष्टि होने से बिगड़े हुए कार्यों में धीरे-धीरे सुधार होता जाएगा लेकिन भागदौड़ व गुस्से के कारण कोई बना हुआ कार्य बिगड़ भी सकता है।
उपाय- सूर्य उपासना व गायत्री जप करना शुभ रहेगा।

जून- निराशा की भावना को त्याग कर हर काम करना होगा। बनते कामों में विघ्नों के बावजूद कामयाबी की संभावनाएं बढ़ेंगी।
उपाय- भौम गायत्री मंत्र का पाठ करें।

जुलाई- अकारण ही परिवार में झगड़ा हो सकता है। यात्रा की योजना बन सकती है। किसी बगड़े हुए कार्य के बन जाने से परिवार में खुशी का माहौल बनेगा।
उपाय- श्री दुर्गा सप्तशती का पाठ करना शुभ होगा।

अगस्त- इस मास आपको घरेलू व आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। क्रोध व उत्तेजना से बचें, इससे आपको मानसिक तनाव हो सकता है। भाई-बहन से मन मुटाव होने के संभावना हो सकती है।
उपाय- शिवलिंग पर कच्ची लस्सी चढ़ाएं।

सितंबर- व्यर्थ के वाद-विवाद से दूर रहें। सुख-साधनों पर खर्च अधिक होंगे। क्रोध व गुस्से की भावना अधिक हो सकती है।
उपाय- श्राद्ध-पक्ष में पितरों की तिथि अनुसार ब्राह्मण भोजन, तर्पण व पिंडदान करना कल्याणकारी होगा।

अक्टूबर- व्यवसाय व नौकरी में स्थिति मध्य रहेगी। इसके साथ ही नौकरी में परिवर्तन की योजना बनेगी। व्यर्थ के खर्चें बढ़ सकते हैं।
उपाय- कार्तिक माहात्म्य का पाठ करें।

नवंबर- निर्वाह योग्य आय के साध बनते रहेंगे। स्वास्थ्य परेशानी, निकट बन्धुओं से विरोध, घरेलु कलह व शत्रु भय बना रहेगा। संतान व उनके कैरियर संबंधी चिंता सता सकती है।
उपाय- षष्ठी देवी स्तोत्र का पाठ करें।

दिसंबर- शुभ व धार्मिक कामों में खर्च होगा। पारिवारिक माहौल पहले से सुखद होगा। मान-सम्मान में वृद्धि होगी। संतान संबंधी चिंता हो सकती है।
उपाय- षष्ठी देवी स्तोत्र का पाठ करें।

 

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