अमरीका का राष्ट्रपति चुनाव अगर टाई हो गया तो?

_92302651_8cb38719-a878-4f71-8685-865bc56bba75अमरीकी चुनाव का मैजिकल यानी जादुई नंबर है 270. अगर रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनल्ड ट्रंप और डेमोक्रेटिक पार्टी की प्रत्याशी हिलेरी क्लिंटन दोनों को 538-सदस्य वाले इलेक्टोरल कॉलेज में 269-269 वोट मिले तो नतीजा बराबरी पर ख़त्म होगा यानी मुक़ाबला टाई हो जाएगा

चुनाव के नतीजे बुधवार को आने वाले हैं. डोनल्ड ट्रंप और हिलेरी क्लिंटन के बीच मुक़ाबला टक्कर का है. विशेषज्ञ कहते हैं कि चुनाव का नतीजा कुछ भी हो सकता है.

 

डर इस बात का है कि डोनल्ड ट्रम्प हारने की सूरत में कहीं नतीजे को चुनौती न दे दें. उन्होंने चुनावी मुहिम के आख़िरी दौर के लगभग हर भाषण में ये बात कही है कि अगर वो हारे तो उन्हें नतीजा स्वीकार नहीं होगा.

उन्होंने चुनावी प्रक्रिया को भ्रष्ट कहा है और उन्हें डर इस बात का है कि कहीं उनके ख़िलाफ़ साज़िश न हो. उनके समर्थकों को भी ऐसा लगता है कि अमरीकी प्रशासन, हिलेरी क्लिंटन के पक्ष में काम कर सकता है.

दिलचस्प बात ये है कि अगर वो इलेक्टोरल कॉलेज के वोट में पीछे रह गए, तो पॉपुलर वोट में आगे होने के बावजूद चुनाव हार सकते हैं, . ऐसे में वो और उनके समर्थक चुनाव के नतीजे को अस्वीकार कर सकते हैं.

आम जनता के वोट यानी पॉपुलर वोट में जीत के अलावा दोनों उम्मीदवारों की निगाहें इलेक्टोरल कॉलेज के वोटों पर टिकी होंगीं. पॉपुलर वोट में बहुमत और इलेक्टोरल कॉलेज में अपने प्रतिस्पर्धी से कम वोट हासिल करने के बावजूद उम्मीदवार की हार हो सकती है.

आपको याद होगा 2000 के चुनाव में अल गोर पॉपुलर वोट में जॉर्ज बुश से पांच लाख अधिक वोट लाए, लेकिन सीनेट में थोड़ा पीछे रह गए, जिसके कारण वो चुनाव हार गए थे.

अगर मुक़ाबला टाई पर ख़त्म हुआ तो क्या होगा? अमरीकी संविधान के 12वें संशोधन के अनुसार अमरीकी कांग्रेस राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति का चुनाव करेगा. कांग्रेस के हाउस ऑफ़ रेप्रज़ेंटेटिव्स की ज़िम्मेदारी राष्ट्रपति को चुनने की होगी, जबकि सीनेट उपराष्ट्रपति चुनेगा.

सीनेट की 100 सीटों में इस समय रिपब्लिकन पार्टी के पास 54 सीटें हैं, जबकि मंगलवार को 34 सीटों के लिए चुनाव होगा। हाउस ऑफ़ रेप्रेजेंटेटिव्स में इस समय 247 सीटों के साथ रिपब्लिकन पार्टी को बहुमत हासिल है, जबकि डेमोक्रेटिक पार्टी की 188 सीटें हैं.

हाउस की सदस्यता के चुनाव हर दो साल पर होते हैं. एक चुनाव राष्ट्रपति पद के चुनाव के साथ होता है और दूसरा इसके दो साल बाद.

अब मंगलवार के बाद ही ये साफ़ होगा कि दोनों सदनों में रिपब्लिकन पार्टी का बहुमत बरक़रार रहेगा या नहीं.

लेकिन ज़रा इस स्थिति पर ग़ौर कीजिये: राष्ट्रपति पद के चुनाव में टाई की सूरत में राष्ट्रपति और उप राष्ट्रपति अलग-अलग पार्टियों के बन सकते हैं. अगर हाउस ऑफ़ रेप्रेजेंटेटिव्स में रिपब्लिकन पार्टी का बहुमत बना रहता है, तो ट्रम्प राष्ट्रपति घोषित किए जा सकते हैं. और अगर सीनेट में बहुमत डेमोक्रेटिक पार्टी को मिलता है तो उप राष्ट्रपति, हिलेरी क्लिंटन के रनिंग मेट टिम केन चुने जा सकते हैं.

ऐसा अमरीका के इतिहास में एक बार हो चुका है. साल 1796 में चुनाव बाद राष्ट्रपति जॉन एडम्स बने थे और उनके विपक्षी दल के थॉमस जेफ़रसन उप राष्ट्रपति बने थे.

अमरीकी कांग्रेस के दोनों सदन यानी हाउस ऑफ़ रेप्रेजेंटेटिव्स और सीनेट में रिपब्लिकन पार्टी के बहुमत के आसार हैं. इस सूरत में रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार ट्रम्प को कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए.

लेकिन अमरीकी चुनाव पर नज़र रखने वाले भारतीय पत्रकार अजित साही के अनुसार असंभव भी संभव हो सकता है. वो कहते हैं, “रूस के राष्ट्रपति पुतिन और नाटो के बारे में ट्रम्प का जो रवैया रहा है या उनके खिलाफ यौन उत्पीड़न के जो आरोप लगे हैं, उसकी वजह से कांग्रेस में रिपब्लिकन पार्टी के मेंबर हिलेरी क्लिंटन के पक्ष में जा सकते हैं.”

वो आगे कहते हैं कि इसकी सम्भावना कम है. उन्होंने कहा, “अगर ट्रम्प हारे तो वो नतीजा स्वीकार कर लेंगे. अगर नहीं किया तो रिपब्लिकन पार्टी उन्हें अलग-अलग थलग करके नतीजा स्वीकार कर सकती है.”

लेकिन टाई होने की सूरत में हिलेरी, रिपब्लिकन पार्टी को ये यक़ीन दिलाने की कोशिश करेंगी कि अगर राष्ट्रपति चुनी गईं तो वो दोनों पार्टियों के एजेंडे को साथ लेकर चलेंगी. विशेषज्ञों के अनुसार ट्रम्प रिपब्लिकन पार्टी के नेताओं में इस समय लोकप्रिय नहीं हैं.

अमरीकी विशेषज्ञ कहते हैं कि क्लिंटन की अगर जीत हुई तो भी उन्हें कांग्रेस में रिपब्लिकन पार्टी के सदस्यों के साथ मिलकर काम करना होगा, वरना वो उसी तरह से परेशान होंगी, जैसे राष्ट्रपति बराक ओबामा हुए थे|