स्मॉग पर दिल्ली समेत 5 राज्यों को एनजीटी की फटकार, पूछा- हेलिकॉप्टर से क्यों नहीं छिड़का पानी?

msid-55310584width-400resizemode-4smogनई दिल्ली
दिल्ली में स्मॉग के मुद्दे पर नैशनल ग्रीन ट्राइब्यूनल (NGT) ने मंगलवार को एक बार फिर दिल्ली सरकार को जमकर फटकार लगाई। दिल्ली के साथ-साथ पंजाब, हरियाणा, यूपी और राजस्थान सरकार को भी एनजीटी ने खूब लताड़ा। एनजीटी ने दिल्ली सरकार से पूछा कि क्या उसके पास स्मॉग कम होने से संबंधित कोई भी आंकड़ा मौजूद है? साथ ही ट्राइब्यूनल ने यह सवाल भी किया कि पानी का छिड़काव क्रेन के बजाए हेलिकॉप्टर से क्यों नहीं किया जा रहा है? ट्राइब्यूनल ने दिल्ली में 7 दिनों तक किसी भी तरह के निर्माण कार्य पर भी रोक लगा दी है।
दिल्ली सरकार को फटकार
प्रदूषण से निपटने के लिए ढुलमुल रवैया अपनाने के लिए दिल्ली सरकार को फटकार लगाते हुए एनजीटी ने कहा, ‘दिवाली और क्रॉप बर्निंग से होने वाले प्रदूषण के बारे में तो सब जानते ही हैं, पर क्या सराकर ने अगस्त और सितंबर में प्रदूषण से निपटने को लेकर कोई बैठक की थी? आपने प्रदूषण कम करने के लिए कौन से बड़े कदम उठाए हैं।’ साथ ही एनजीटी ने स्मॉग के चलते स्कूलों को बंद करने के फैसले पर भी यह कहते हुए सवाल उठाया कि क्या इसके लिए कोई वैज्ञानिक अध्ययन किया गया है? ट्राइब्यूनल ने सख्त लहजे में कहा कि यह जिंदगी और मौत का सवाल है, आपने बच्चों को अपने घरों में कैद रहने को मजबूर कर दिया है। एनजीटी ने कहा कि प्रदूषण से बचाव के लिए पहने जाने वाले मास्क की भी अपनी सीमाएं हैं, एक हद के बाद शायद ये भी नुकसान ही पहुंचाए।

पंजाब सरकार से सवाल

वहीं पंजाब सरकार से एनजीटी ने पूछा, ‘आपने किसानों को क्रॉप बर्निंग के लिए कितनी मशीनें उपलब्ध करवाई हैं? साथ ही क्रॉप बर्निंग को कम करने के लिए क्या अहम कदम उठाए गए हैं?’ पंजाब सरकार पर नाराजगी जाहिर करते हुए एनजीटी ने कहा कि अगर आपने 1000 रुपये भी किसानों को दिए होते, तो वे कृषि से संबंधित कूड़ा इस तरह नहीं जलाते।’ एनजीटी ने क्रॉप बर्निंग पर नियंत्रण के लिए पहले से कदम न उठाने को लेकर पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश की आलोचना की।

हरियाणा सरकार को भी लिया आड़े हाथ
सुनवाई के दौरान हरियाणा सरकार भी एनजीटी की फटकार से बच नहीं पाई। एनजीटी ने कहा कि हरियाणा सरकार ने स्मॉग और प्रदूषण से पैदा हुए हालात को नियंत्रित करने के लिए कुछ नहीं किया है।

मंगलवार को स्मॉग से राहत
इस बीच दिल्ली में मुसीबत बन चुके स्मॉग से मंगलवार को थोड़ी राहत मिलती दिखी। हवा में बिखरा धुआं और कोहरा बेहद कम दिखाई दिया। इतनी उजली तस्वीर दिल्ली के लोगों को करीब 8 दिन बाद नसीब हुई। हालांकि प्रदूषण अब भी बरकरार है। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक, स्मॉग के साथ-साथ राजधानी दिल्ली के औसत प्रदूषण में थोड़ी गिरावट जरूर आई है, लेकिन खतरा टला नहीं है। सोमवार की तुलना में भले ही मंगलवार सुबह 10 बजे तक प्रदूषण कम दर्ज किया गया, लेकिन यह अब भी खतरे के निशान से ऊपर है।

दिवाली के बाद से पहली बार आनंद विहार इलाके में प्रदूषण का स्तर 500 से नीचे दर्ज किया गया है। दिल्ली में सबसे ज्यादा इसी इलाके में प्रदूषण का स्तर 1400 तक जा पहुंचा था। आनंद विहार में मंगलवार को PM-2.5 का न्यूनतम स्तर 196 और अधिकतम 757 माइक्रोग्राम दर्ज किया गया। यहां PM-10 का न्यूनतम स्तर 405 और अधिकतम 999 माइक्रोग्राम रहा है। आईटीओ पर PM-2.5 का न्यूनतम 157 और अधिकतम 707 माइक्रोग्राम रेकॉर्ड किया है। यहां PM-10 का न्यूनतम स्तर 81 और अधिकतम 314 माइक्रोग्राम रहा है। आरके पुरम इलाके में सुबह PM-2.5 का न्यूनतम स्तर 198 और PM-10 का न्यूनतम 148 रेकॉर्ड किया है। मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक, आनंद विहार और पंजाबी बाग के बाद आरकेपुरम तीसरा सबसे ज्यादा प्रदूषण वाला इलाका है। पंजाबी बाग इलाके में आज PM-2.5 का न्यूनतम स्तर 173 और PM-10 का न्यूनतम 132 माइक्रोग्राम दर्ज किया गया है।

 

 

Source: Navbharat Times