इन पांच कारणों से कीवी टीम से ऐतिहासिक 500वां टेस्ट जीतेगा भारत

virat650_092216100550भारतीय टीम कानपुर के ग्रीन पार्क स्टेडियम में अपना 500वां टेस्ट खेल रही है. इस ऐतिहासिक टेस्ट मैच के साथ ही घरेलू सीजन की शुरुआत हो गई है जहां भारत को 13 टेस्ट खेलने हैं. ग्रीन पार्क पर भारत पिछले 33 सालों से नहीं हारा है. साथ ही न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू पिचों पर टीम इंडिया का रिकॉर्ड भी बेहद शानदार रहा है. लिहाजा मजबूत बल्लेबाजी और टर्न लेती पिचों पर फिरकी के फन के उस्तादों से सजी टीम इंडिया इस ऐतिहासिक टेस्ट को जरूर जीतेगी बशर्ते मौसम साथ दे, ऐसा हम मानते हैं. चलिए आपको बताते हैं वो पांच कारण क्यों हमारा ऐसा मानना है कि टीम इंडिया सीरीज की शुरुआत ऐतिहासिक टेस्ट में जीत के साथ करेगी?

टर्न लेती पिच पर फिरकी की फांस
टीम इंडिया के तरकश में बेहतरीन स्पिनर्स हैं. न्यूजीलैंड के सामने सबसे बड़ी समस्या टर्न लेती भारतीय पिचों पर अश्विन, जडेजा और मिश्रा सरीखे फिरकी के उस्तादों के सामने न केवल अपने विकेट बचाए रखने की जद्दोजहद होगी बल्कि यहां उन्हें टीम इंडिया के सामने एक बड़ा टोटल भी खड़ा करना होगा. इतना ही नहीं जब भारतीय टीम बल्लेबाजी के लिए उतरेगी तब उन्हें इसके धुरंधर बल्लेबाजों को जल्द से जल्द आउट भी करना होगा जिससे वो मैच ड्रॉ कराने स्थिति तक भी पहुंचाने में कामयाब हो सकें. लेकिन यहां कीवी टीम कमजोर नजर आती है. भले ही उनके पास लेग स्पिनर ईश सोढ़ी, ऑर्थोडॉक्स ऑफ स्पिनर मार्क क्रेग और बाएं हाथ के स्पिनर मिशेल सेंटनर की स्पिन तिकड़ी है लेकिन इन तीनों के पास कुल 98 टेस्ट विकेटों का अनुभव है.

सेंटनर और क्रेग पहली बार भारत के खिलाफ खेल रहे हैं तो सोढ़ी को टीम इंडिया के खिलाफ केवल एक मैच का अनुभव है. उसमें वो 21 ओवर्स में कोई विकेट नहीं ले सके थे. हालांकि सोढ़ी के पास 13 टेस्ट में 35 विकेट और सेंटनर के पास सात टेस्ट में 15 विकेट लेने का अनुभव जरूर हैं. इन तीनों में जिस एक गेंदबाज पर सभी की नजर टिकी होगी वो हैं क्रेग. 14 टेस्ट मैचों में 48 विकेट लेने वाले क्रेग भी पहली बार ही भारत के खिलाफ खेल रहे हैं लेकिन यहां एक बात याद रखने की है कि ऑफ स्पिन के खिलाफ भारतीय बल्लेबाज जरूर थोड़े कमजोर पड़ जाते हैं लिहाजा क्रेग के खिलाफ भारतीय बल्लेबाजों को होशियार रहना होगा.

बल्ले के उस्तादों से भरमार टीम इंडिया
भारतीय टीम में जहां विराट कोहली, अजिंक्य रहाणे, रोहित शर्मा, लोकेश राहुल, मुरली विजय, चेतेश्वर पुजारा जैसे शीर्ष क्रम के बल्लेबाज हैं. साथ ही अश्विन जैसा ऑलराउंडर भी मौजूद है. जो टेस्ट मैचों में 34.26 रनों की औसत से खेलता है. अब तक चार शतकीय और छह अर्धशतकीय पारी खेल चुका है.

एक साल से टेस्ट नहीं हारी टीम इंडिया
जहां भारत अपना 500वां टेस्ट खेल रहा है वहीं कीवी टीम का यह 413वां टेस्ट है. पिछले एक साल से भारतीय टीम ने एक भी टेस्ट मैच नहीं गंवाया है. इस दौरान खेले गए 10 टेस्ट मैचों में से भारत ने 7 जीते हैं. टीम इसी जुलाई-अगस्त में वेस्टइंडीज से जीत कर अपना 500वां मैच खेलने पहुंची है. तो वहीं न्यूजीलैंड की टीम नवंबर 2015 से खेले गए 11 टेस्ट मैचों में ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका से पांच मैच हारी जबकि जिम्बाब्वे और श्रीलंका के खिलाफ चार मैच में जीत दर्ज की है. पिछले ही टेस्ट में अफ्रीका के खिलाफ कीवी टीम दोनों पारियों में महज 399 रन ही बना सकी. यानी यहीं भी भारत का पलड़ा ही भारी दिखता है.

न्यूजीलैंड पर टेस्ट में हावी रहा भारत
भारत और न्यूजीलैंड के बीच टेस्ट रिकॉर्ड पर एक नजर डालने पर यह साफ हो जाता है कि क्रिकेट के इस फॉर्मेट में हमेशा ही टीम इंडिया का पलड़ा भारी रहा है. दोनों टीमों के बीच अब तक कुल 54 टेस्ट मैच खेले गए हैं. इनमें से भारत को 18 में जबकि न्यूजीलैंड को केवल 10 में जीत मिली है. इन दोनों टीमों के बीच खेले गए पिछले पांच टेस्ट मैचों में से भारत को तीन में जीत मिली है जबकि न्यूजीलैंड केवल एक जीत सका.

भारत में 28 सालों से नहीं जीती कीवी टीम
न्यूजीलैंड का भारत में रिकॉर्ड भी कुछ खास प्रभावित नहीं करता. यहां खेले गए कुल 31 टेस्ट मैचों में से भारत को 13 टेस्ट मैचों में जीत मिली. जबकि भारतीय पिचों पर न्यूजीलैंड को केवल दो जीत मिली है. पहली 1969 में विदर्भ में तो दूसरी 1988 में वानखेड़े में. यानी पिछले 28 सालों से न्यूजीलैंड को भारत में एक टेस्ट जीत की तलाश है.

घरेलू पिचों पर शेर है टीम इंडिया
अपने घरेलू पिच पर पिछले 40 सालों में 62 टेस्ट जीत चुकी है टीम इंडिया. वहीं इस दौरान उसे केवल 19 टेस्ट मैचों में हार का सामना करना पड़ा है. 2008 से तो यह रिकॉर्ड और भी मजेदार है क्योंकि इस दौरान केवल तीन टेस्ट मैचों में उसे हार का सामना करना पड़ा है जबकि 18 में जीत मिली. 2012-13 में इंग्लैंड से मिली हार के सिवा पिछले छह सालों में टीम इंडिया ने अपने आठ होम सीरीज में से सात जीते हैं.

 

 

Source: Aaj Tak