डेंगू के एक दर्जन मरीज मिलने से हड़कंप

सुशीला तिवारी अस्पताल में डेंगू के एक दर्जन मरीज मिलने से हड़कंप मच गया है। ओपीडी में चार मरीजों की जांच कराने और सूचना न देने पर सीएमओ एवं एसटीएच प्रशासन आमने-सामने आ गए हैं। सीएमओ ने आईडीएसपी सेल को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।
सुशीला तिवारी अस्पताल में लालकुआं निवासी भगवती देवी (60) को 18 जुलाई को भर्ती कराया गया था और 20 जुलाई को डिस्चार्ज कर दिया गया। बाजपुर की मेहता कॉलोनी निवासी सुरेंद्र (03) को 18 जुलाई को भर्ती किया गया और 22 जुलाई को डिस्चार्ज किया गया। वहीं, बरेली निवासी रूबिया (40) 23 जुलाई को भर्ती हुई, जिसे 24 जुलाई को डिस्चार्ज किया गया। इसी तरह बिलासपुर (रामपुर) निवासी जावेद अली (55) 23 को भर्ती हुए और 24 को डिस्चार्ज हुए। जबकि, खटीमा निवासी मनोज धामी (17) 16 जुलाई को भर्ती हुए और 24 जुलाई को डिस्चार्ज हो गए।

इसके अलावा सिमरन (29), ममता (22) और इमरान 25 को एसटीएच में भर्ती कराया गया था। सूत्रों की मानें तो कुछ मरीजों के डिस्चार्ज पर मलेरिया, डेंगू और टायफायड तीनों निगेटिव दिखाए गए हैं। जबकि, आईजीएम कार्ड में डेंगू पॉजिटिव था। सवाल ये उठता है कि डेंगू के मरीजों को प्लेटलेट्स कम होने पर ही भर्ती किया जाता है और इतनी जल्दी डिस्चार्ज कैसे कर दिया गया।

दूसरी ओर सीएमओ डॉ. एलएम उप्रेती ने बताया कि मंगलवार को एसटीएच की ओपीडी में चार मरीजों की जांच कराई गई। चार मरीजों में भी डेंगू पॉजिटिव होने की बात सामने आ रही है। डेंगू के मरीजों का नाम और पता नहीं नोट किया गया। सीएमओ ने आईडीएसपी (इंटीग्रेटेड डिजीज सर्विलांस प्रोग्राम) सेल को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। नोटिस की प्रति मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य को भी भेजी गई है।

कोट
प्लेटलेट्स कम होने पर लोग घबरा जाते हैं और डेंगू समझकर आ जाते हैं। मरीज में अगर डेंगू के लक्षण नहीं दिख रहे हैं तो भर्ती करने का कोई औचित्य नहीं है।
– डॉ. सीपी भैसोड़ा, प्रभारी प्राचार्य, राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी।