मुलायम के पुत्रमोह के कारण दो खेमों में बंटी समाजवादी पार्टी: मायावती

mayawati-1-580x395लखनऊ: उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती रविवार को केंद्र सरकार के साथ ही राज्य की सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी (एसपी) की सरकार पर भी जमकर बरसीं. मायावती ने मुलायम सिंह यादव के कुनबे में मचे गृहयुद्ध पर चुटकी लेते हुए कहा कि मुलामय के पुत्रमोह की वजह से ही एसपी अब अखिलेश और शिवपाल खेमे में बंट गई है. इस मौके पर उन्होंने राज्य के मुसलमानों से चुनाव के दौरान गुमराह न होने की भी अपील की.

BSP ने बुक कराई थीं 21 ट्रेनें

बीएसपी के संस्थापक कांशीराम की पुण्यतिथि पर लखनऊ में आयोजित विशाल रैली को संबोधित करते हुए मायावती ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर भी हमले किए. इस रैली में शामिल होने के लिए लाखों की भीड़ रविवार को राजधानी पहुंची. बीएसपी ने 21 रेलगाड़ियां बुक कराई थीं, जिनसे बीएसपी के लाखों कार्यकर्ता यहां पहुंचे.

यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री ने समाजवादी कुनबे में मची कलह पर तंज कसते हुए कहा कि मुलायम के पुत्रमोह में एसपी दो धड़ों में बंट गई है. विधानसभा चुनाव में अब ये दोनों खेमे एक-दूसरे के प्रत्याशियों को ही हराने की कोशिश करेंगे. अब हर जिले में एसपी के दो खेमे सक्रिय हो गए हैं. इसलिए अब यहां के मुसलमानों को सोचना होगा कि उनका वोट बंटने न पाए.

बीएसपी ही मुसलमानों की सच्ची हितैषी

बीएसपी अध्यक्ष ने कहा, “राज्य के मुसलमानों से अपील है कि वह कोई भी फैसला वर्तमान परिस्थतियों को ध्यान में रखते हुए करें. उनका गलत फैसला राज्य में सांप्रदायिक ताकतों को सत्ता में पहुंचा सकता है. इसलिए अपने वोट का नुकसान होने से बचाने के लिए एक जगह उसका उपयोग करें. बीएसपी ही मुसलमानों की सच्ची हितैषी है.”

मायावती ने अखिलेश सरकार पर हमला करते हुए कहा कि लखनऊ मैट्रो और आगरा-पूर्वाचल एक्सप्रेस-वे की नींव उनके शासनकाल में ही पड़ गई थी. लेकिन अब यह सरकार उसका नाम लेकर राजनीतिक फायदा ले रही है.

करीब डेढ़ घंटे के अपने संबोधन के दौरान बीएसपी अध्यक्ष ने एसपी, बीजेपी व कांग्रेस पर जमकर हमला बोला. मायावती ने कहा, “बीएसपी सरकार की योजनाओं का नाम बदलकर ही अखिलेश सरकार उसका फायदा उठा रही है. यूपी में जंगलराज कायम है. लूट मची है, लेकिन सरकार हाथ पर हाथ रखे बैठी हुई है.”

स्मार्टफोन औऱ लैपटॉप योजना पर भी चुटकी

मायावती ने अखिलेश सरकार की स्मार्ट फोन औऱ लैपटॉप योजना पर भी चुटकी ली. उन्होंने कहा कि बीएसपी वैसे तो अपना घोषणा-पत्र जारी नहीं करती, लेकिन यदि यूपी में बीएसपी की दोबारा सरकार बनी तो युवाओं को स्मार्टफोन व लैपटॉप बांटने की बजाय एकमुश्त धनराशि का इंतजाम कराएगी, ताकि युवा अपनी जरूरतों के हिसाब से उसका सदुपयोग कर सकें.

मायावती ने राहुल की किसान यात्रा और दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित पर भी निशाना साधा. मायावती ने कहा कि अंबेडकर को भुनाने के लिए लोग दलितों के बीच जाकर खाना खा रहे हैं. इससे दलितों को गुमराह होने की जरूरत नहीं है.

मायावती ने कहा कि कांग्रेस ने शीला दीक्षित को यूपी में मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया है. यह वही शीला दीक्षित हैं, जिन्होंने मुख्यमंत्री रहते हुए दिल्ली में रह रहे यूपी और बिहार के लोगों का अपमान किया था. सूबे की जनता को उनकी सच्चाई के बारे में पता है.

नरेंद्र मोदी पर भी करारा हमला

उन्होंने इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी करारा प्रहार किया. मायावती ने आरोप लगाया कि पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव से ठीक पहले सर्जिकल स्ट्राइक्स कराकर वह इसका चुनावी लाभ लेना चाहते हैं. मायावती ने कहा कि ये सर्जिकल स्ट्राइक्स पठानकोट में हुए आतंकवादी हमले के बाद ही हो जाने चाहिए थी, लेकिन ऐसा लगता है कि जानबूझकर इसमें देरी की गई, ताकि इसका राजनीतिक फायदा उठाया जा सके.

मायावती ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी कमजोरियों और नाकामियों को छुपाने के लिए सर्जिकल स्ट्राइक का सहारा ले रहे हैं.

बहादुरी के लिए जवानों की जयकार

मायावती ने कहा कि पहले भी सेना की ओर से सर्जिकल ऑपरेशन किए गए हैं. दुनिया के अन्य देशों में इस तरह के ऑपरेशन सेना करती रहती हैं. अमेरिका ने जिस तरह से ओसामा बिन लादेन का खात्मा किया, उसका ढिंढोरा नहीं पीटा गया. सेना की इस बहादुरी के लिए जवानों की जयकार होनी चाहिए, लेकिन इसे दूसरी कहानी का रूप दिया जा रहा है.

केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए मायावती ने कहा कि सरकार विरोधियों को डराने के लिए सीबीआई का इस्तेमाल कर रही है. प्रधानमंत्री ने लोकसभा चुनाव में जो वादे किए थे, उनमें से एक भी वादा पिछले ढाई वर्षो में पूरा नहीं हो पाया.

मायावती ने कहा कि केंद्र सरकार काला धन विदेश से लाने की बजाय देश के काले धन को सफेद करने में जुटी हुई है. उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाया जा रहा है.

उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र सरकार आरएसएस के एजेंडे पर चलकर यूपी का माहौल खराब करना चाहती है. वह लव जेहाद, गोहत्या, घर वापसी जैसे मुद्दों की आड़ में राज्य में कट्टरवादी सोच को बढ़ावा देने का काम कर रही है.

राजनीतिक स्वार्थ के लिए लखनउ आकर दशहरा मना रहे हैं मोदी: मायावती
उत्तर प्रदेश के 2017 विधानसभा चुनाव का बिगुल फूंकते हुए बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के राजधानी लखनउ आकर दशहरा मनाने को ‘राजनीतिक स्वार्थ’ करार दिया और कहा कि बीजेपी को अब धर्म की राजनीति करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है.

मायावती ने यहां बीएसपी संस्थापक कांशीराम की पुण्यतिथि पर आयोजित एक रैली में कहा, ‘‘उरी के शहीद जवानों की चिता की आग अभी ठंडी भी नहीं हुई है लेकिन प्रधानमंत्री अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए लखनउ में ही दशहरा मनाने आ रहे हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हो सकता है कि इसी स्वार्थ में वह (मोदी) दीवाली भी उत्तर प्रदेश में आकर मनायें.

अटठारह जवानों की शहादत के सम्मान में उनके परिवार वालों के दुख को अपना समझकर इस बार बीजेपी के लोगों को अपना दशहरा और दीवाली धूमधाम से मनाने की बजाय संजीदगी और सादगी से मनाना चाहिए था.’’ मायावती ने कहा कि राजनीतिक स्वार्थ के चलते ही बीजेपी अपने राष्ट्रीय नेताओं, विशेषकर प्रधानमंत्री मोदी को यहां लखनउ के दशहरे के धार्मिक मेले में ले जाने को मजबूर हुई ताकि ये नेता भीड़ में अपनी पार्टी व सरकार की कुछ बातें धर्म की आड़ में रख सकें. बीजेपी को धर्म की राजनीति करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है.

उल्लेखनीय है कि मोदी 11 अक्तूबर को लखनउ के ऐतिहासिक ऐशबाग रामलीला मैदान में होने वाले दशहरा मेला में शामिल होंगे. इसे लेकर बीएसपी सहित बीजेपी के विरोधी दलों ने कडी प्रतिक्रिया व्यक्त की है और मोदी के आगमन को उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनावों से जोडा है.

मायावती ने ना सिर्फ मोदी, बीजेपी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ बल्कि प्रदेश की सत्ताधारी एसपी एवं कांग्रेस पर भी जमकर हमला बोला.

कांशीराम की मूर्ति पर श्रद्धासुमन अर्पित

चार बार उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री रह चुकी मायावती ने कांशीराम स्मारक स्थल पर हजारों की संख्या में जुटे बीएसपी कार्यकर्ताओं को संबोधित करने के बाद कांशीराम की मूर्ति पर श्रद्धासुमन अर्पित किये. उन्होंने एसपी सरकार की भर्त्सना करते हुए कहा, ‘‘जब से उत्तर प्रदेश में एसपी की सरकार बनी है तब से यहां हर स्तर पर कानून का राज नहीं बल्कि गुंडों, बदमाशों, माफियाओं, अपराधियों, अराजक एवं सांप्रदायिक तत्वों, भ्रष्टाचारियों का जंगलराज चल रहा है. हत्या, चोरी, लूट, फिरौती, अपहरण, गुंडा टैक्स, महिलाओं का उत्पीडन, जमीनों पर कब्जे, दंगे एवं तनाव की वारदात अब चरम पर हैं.’’

बीएसपी सुप्रीमो ने कहा कि उनकी सरकार बनने पर एसपी सरकार के शासनकाल में गैर-कानूनी कार्य करने वालों, शातिर गुंडों, बदमाशों, माफियाओं, अपराधियों, अराजक एवं सांप्रदायिक तत्वों, भ्रष्टाचार करने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी शिकंजा कस कर जेल की सलाखों के पीछे भेजा जाएगा.

मायावती यहीं नहीं रूकीं, एसपी सरकार पर सरकारी योजनाओं के प्रचार प्रसार पर प्रदेश की जनता का करोडों अरबों रूपया टीवी एवं अन्य मीडिया पर बेदर्दी से खर्च करने का आरोप मढते हुए कहा कि इसी धन को प्रदेश के गरीबों के उत्थान पर खर्च किया जा सकता था. एसपी सरकार के समय विकास के जो भी थोडे बहुत कार्य हुए, अधिकांश महत्वपूर्ण कार्यों की बीएसपी सरकार ने शुरूआत कर दी थी. इनमें लखनउ मेट्रो रेल और लखनउ-आगरा एक्सप्रेसवे प्रमुख हैं. उन्होंने कहा कि बीएसपी सरकार द्वारा शुरू की गयी अनेक जनहित योजनाओं में से एसपी सरकार ने काफी योजनाओं का नाम बदलकर चला दिया.

जनता की सुरक्षा और विकास पर लगाएंगे पूरी ताकत

पार्कों, संग्रहालयों और स्मारकों के निर्माण को लेकर पूर्व में अपने मुख्यमंत्रित्व काल के दौरान विपक्षियों के निशाने पर रही मायावती ने आज स्पष्ट किया, ‘‘स्मारक और संग्रहालय बनाने के कार्य मेरी पूर्व की सरकारों में पूरे हो चुके हैं. अब पूरी ताकत जनता की सुरक्षा और विकास पर लगाएंगे.’’

मायावती ने कहा कि बीएसपी की सरकार बनी तो बिना किसी पक्षपात और विरोध के सभी वगो’ के विकास और उत्थान का ध्यान रखा जाएगा. विकास का लाभ एक ही जाति या क्षेत्र विशेष को नहीं बल्कि प्रदेश के गरीबों, दलितों, पिछडों, मुस्लिमों एवं अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों को मिलेगा. पूर्वांचल एवं बुंदेलखंड के विकास को प्राथमिकता दी जाएगी. साथ ही उन्होंने उत्तर प्रदेश का विभाजन कर चार राज्यों में बांटने के प्रस्ताव पर केन्द्र सरकार पर दबाव बनाने की बात कही.

मायावती ने एसपी सरकार की नीतियों पर प्रहार करते हुए कहा कि वह एसपी सरकार की तरह बेरोजगार युवाओं को बेरोजगारी भत्ता नहीं देंगी बल्कि सरकारी एवं गैर सरकारी क्षेत्र में रोजगार देंगी. प्रदेश के गरीब एवं अन्य जरूरतमंदों को लैपटाप या मोबाइल की बजाय सीधी आर्थिक मदद दी जाएगी ताकि वे अपनी खास जरूरत पूरी कर सकें.

उन्होंने कहा कि एसपी सरकार ने पूर्व की बीएसपी सरकार के समय की जिन योजनाओं के नाम बदले हैं, उनके नाम बहाल किये जाएंगे

मोदी सरकार पर हमला जारी रखते हुए मायावती ने कहा कि लोकसभा चुनाव के समय बीजेपी और मोदी ने देश की जनता से किये गये चुनावी वायदों में से एक चौथाई वायदे भी नहीं पूरे किये.

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार गरीबों और किसानों का कर्ज माफ करने की बजाय देश के बडे पूंजीपतियों और धन्नासेठों के करोडों अरबों रूपये के कर्ज माफ कर रही है.

मायायवती ने कहा कि पूर्व की कांग्रेस सरकार की ही तरह मौजूदा मोदी सरकार महत्वपूर्ण सरकारी संस्थाओं, सीबीआई एवं अन्य जांच एजेंसियों को देश के जनहित में इस्तेमाल करने की बजाय अपने विरोधियों को प्रताड़ित करने के लिए इस्तेमाल कर रही है.

‘‘बुरे दिन जाएंगे, अच्छे दिन आएंगे, सबका साथ, सबका विकास, ना खाएंगे, ना खाने देंगे’’
मायावती ने मोदी पर तंज कसा कि लोकसभा चुनाव के दौरान मोदी ने ‘‘बुरे दिन जाएंगे, अच्छे दिन आएंगे, सबका साथ, सबका विकास, ना खाएंगे, ना खाने देंगे’’ जैसे नारे दिये थे जो हवाहवाई और कोरी जुमलेबाजी बनकर रह गये हैं. मायावती ने कांग्र्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि आजादी के बाद सबसे लंबे समय तक उत्तर प्रदेश में कांग्रेस ने राज किया लेकिन ये पार्टी अपनी गलत नीतियों और कार्यशैली की वजह से काफी बरस पहले ही राज्य की सत्ता से बाहर हो गयी और इस बार केन्द्र की सत्ता से भी बाहर हो चुकी है.

उन्होंने कहा कि जहां तक पिछडों और ‘अपर कास्ट’ का सवाल है, बीएसपी का मानना है कि पूर्व के चुनाव की तरह इन दोनों वर्गो का वोट अधिकांश पार्टियों में बंटने वाला नहीं है. इस बार अच्छी बात ये जानने को मिल रही है कि प्रदेश में जिन सीटों पर बीएसपी ने पिछडों और अपर कास्ट के लोगों को टिकट दिये हैं इस बार बीएसपी की जबर्दस्त लहर होने की वजह से इन सीटों पर बीएसपी के उम्मीदवारों को ही ज्यादा वोट मिलेगा और इस बार प्रदेश में बीएसपी की अकेले पूर्ण बहुमत की सरकार बनेगी.

बीजेपी महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त की गयीं स्वाती सिंह पर मायावती ने बगैर उनका नाम लिये कहा कि भाई को पत्नी से अलग करने वाली महिला को बीजेपी ने अध्यक्ष बना दिया. उत्तर प्रदेश में बीजेपी की हालत इतनी खराब हो चुकी है कि अब उसे अपने संगठन में इस किस्म के लोगों के साथ साथ बीएसपी के भाषणबाजी करने वालों को भी रखने के लिए मजबूर होना पडा है. उनका इशारा बीएसपी से बीजेपी में गये स्वामी प्रसाद मौर्य की ओर था. ‘‘बीजेपी को हमारे रिजेक्टेड लोगों को टिकट देना पड़ रहा है.’’

उन्होंने मोदी के लखनउ आकर दशहरा मनाने पर की टिप्पणी को आगे बढाते हुए कहा कि ये भी संभव है कि आगे चलकर बीजेपी के लोग भीड जुटाने के लिए मजबूरी में फिल्म कलाकारों का भी इस्तेमाल करें. कलाकार मनोरंजन के लिए भीड़ एकत्र कर सकते हैं लेकिन उसे वोटों में तब्दील नहीं कर सकते.