दिव्यांगों को पांच फीसदी आरक्षण!

19_09_2016-divyang1_ialकेन्द्र सरकार जल्द लाएगी बिल, प्रदेश सरकारें भरें दिव्यांगों का बैकलॉग

केन्द्रीय राज्य मंत्री सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने दिलाया भरोसा

ALLAHABAD: आंखों में एक ललक थी। एक सपना था कि अब अपने हाथ- पैर चला सकेंगे। सुन सकेंगे, बात कर सकेंगे। सोमवार को जब ‘सहयोग’ का सामान सामने आया तो आंखें छलक पड़ीं। जुबां से दुआ निकल पड़ी, हर उस शख्स के लिए जिसने उनके बारे में सोचा। इसी में यह सुनाई दे जाना कि उन्हें सरकारी नौकरियों में तीन की जगह पर पांच फीसदी आरक्षण दिए जाने के लिए केन्द्र सरकार बिल लाने जा रही है, उनकी खुशी दोगुनी हो उठी। ऐसे आठ हजार से अधिक लोग जमा थे सोमवार को परेड ग्राउंड पर। किसी को हाथ का सहारा मिला तो किसी को चलने के लिए पैर। किसी को चलने के लिए ह्वीलचेयर मिली तो किसी को सुनने के लिए कान की मशीन तो किसी को बात करने के लिए स्मार्टफोन.

दिव्यांगों को अक्षम समझना भूल

सोमवार को केन्द्रीय राज्यमंत्री सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय कृष्णपाल गुर्जर परेड ग्राउंड पर एडिप योजना के अन्तर्गत भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण निगम एलिम्को द्वारा नि:शुल्क दिव्यांग उपकरण बांटने के लिए आयोजित कैंप में चीफ गेस्ट के रूप में शामिल होने पहुंचे थे। यहां हुई सभा में बोलते हुए उन्होंने कहा कि दिव्यांगों को अक्षम समझना भूल है। यूपीएससी परीक्षा टॉपर करके इला सिंह ने इसे और पुख्ता कर दिया है। समाज सेवा के क्षेत्र के पहले से ही सक्रिय दिव्यांग जनों ने रियो के पैरा ओलंपिंक में कई पदकों पर कब्जा जमाकर इस संदेश को और स्पष्ट किया है। इससे हमारी जिम्मेदारी बनती है कि दिव्यांगों को उनका हक दिया जाय। केन्द्र सरकार उन्हें तीन से बढ़ाकर पांच फीसदी आरक्षण देने जा रही है। उसके पहले जरूरी है कि प्रदेश की सरकारें में अपने यहां दिव्यांग आरक्षण के रिक्त पदों पर बैक लॉग के जरिए नौकरी दे।

450 बच्चों को इम्प्लांट हो चुका कॉक इम्पीयर

केन्द्रीय राज्यमंत्री ने बताया कि मंत्रालय द्वारा सुगम भारत अभियान योजना के तहत छह साल तक के बच्चों को नि:शुल्क कॉक इम्पीयर इम्प्लांट कराया जा रहा है। इसका खर्च छह लाख रुपए है। इसके अन्तर्गत जन्म से सुनने व बोलने में अक्षम बच्चों की सर्जरी कराकर उन्हें प्रशिक्षित किया जाता है। बच्चों के साथ ही उनके पैरेंट्स के रहने की व्यवस्था भी दी जाती है। तीन महीने के प्रशिक्षण के दौरान बच्चे बोलने और सुनने में सक्षम हो जाते हैं.

मिलेगी यूनिवर्सल पहचान

केन्द्रीयमंत्रालय ने कहा कि दिव्यांगों को अलग से आईडी कार्ड तैयार होगा। जिससे वह किसी भी प्रदेश में उस कार्ड के जरिए दिव्यांगों को मिलने वाली सुविधाओं का लाभ उठा सकेंगे। इस दिशा में मंत्रालय काम शुरू कर चुका है। इस यूनिवर्सल आईडी कार्ड धारक को कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी अलग पहचान मिलेगी। जो उन्हें प्रत्येक शहर में वही सुविधा दिलाने में मददगार साबित होगा, जो उनके शहर में मिलती है। उन्हें भटकना नहीं पड़ेगा।

दिव्यांग नहीं अक्षम

केन्द्र सरकार की नीतियों के बारे में चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार दिव्यांगो को लेकर संवेदनशील है। अभियान चलाकर उसने दिव्यांग आरक्षण कोटे में नियुक्तियां की है। इसके अलावा शोषित, दलित व पिछड़े वर्ग को सशक्त बनाने के लिए तेजी से काम कर रही है। उन्होंने कहा कि कैंप का उद्देश्य दिव्यांगों के उपकरण वितरण में पारदर्शिता लाना है। उन्होंने बताया कि केन्द्र सरकार ने अपने ढाई साल के कार्यकाल में चार हजार कैंप लगाकर दिव्यांगों को उपकरण आदि वितरित किए हैं.

8000 से अधिक लाभान्वित

2981

ट्राईसाइकिल

471

व्हील चेयर

2615

बैसाखी

735

बैसाखी

630

कान की मशीन

95

सीपी वेयर

246

स्मार्ट केन दृष्टि बाधितों के लिए

80

स्मार्ट फोन दृष्टिबाधितों के लिए

17

डेजी प्लेयर दृष्टिबाधितों के लिए कृत्रिम अंग

223

कैलीपर

35

ऑटोवॉक जर्मनी के कृत्रिम पैर

 

 

 

 

Source: iNEXT