दलित आंदोलन के नेता जिग्नेश मेवाणी हिरासत में लिए गए

gujrat-detained-leader-dalit-movement-jignesh-mewani-news-in-hindi-156340 अहमदाबाद. अहमदाबाद पुलिस ने गुजरात के दलित नेता जिग्नेश मेवाणी को हिरासत में ले लिया है. पुलिस ने उन्हें अहमदाबाद एयरपोर्ट पर हिरासत में लिया. वो दिल्ली से अहमदाबाद वापस लौट रहे थे. दलित नेता के भाई विरल मेवाणी ने कहा है कि क़रीब 25-30 पुलिसकर्मी सादा लिबास में एयरपोर्ट पर मौजूद थे और जिग्नेश जैसे ही एयरपोर्ट से बाहर आए उन्हें हिरासत में ले लिया गया.

विरल मेवाणी जिग्नेश को लेने एयरपोर्ट गए थे. अहमदाबाद से स्थानीय पत्रकार अंकुर जैन ने बताया है कि लिस का कहना है कि जिग्नेश को एहतियातन हिरासत में लिया गया है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्

रवार को अहमदाबाद पहुंचे हैं और शनिवार को वहां उनके जन्मदिन के अवसर पर कई कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं. पुलिस शायद उस स्थिति से बचना चाह रही थी जो भारतीय जनता पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के सूरत कार्यक्रम के दौरान उत्पन्न हुई थी. सूरत में कार्यक्रम के दौरान हंगामा हो गया था.

 

 

source: Aaj Tak

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आज 12 में से इन 3 राशियों को होने वाला है बड़ा फायदा, जानिए कैसा रहेगा आपका दिन

phpthumb_generated_thumbnailआज शनिवार को धूम्र और गंड नाम के 2 अशुभ योग बन रहे हैं 
जिसके चलते 12 में से 9 राशियों का दिन खराब रहेगा जबकि शेष 3 राशियों को कम नुकसान होगा। 
आप भी जानिए आज का दिन आपके लिए कैसा बीतने वाला है।
मेष (Aries) अपने हुनर से लोगों को प्रभावित करेंगे। परिवार के आयोजनों में व्यस्त रहेंगे।
व्यापार में नए प्रस्ताव मिलने से लाभ होगा। पारिवारिक जिम्मेदारी का पूर्ण ध्यान रखें।
सम्मान व कीर्ति में वृद्धि होगी। व्यापार में उन्नति सम्भव है।
वृषभ (Taurus) परिवार जनों से चल रहे विवादों का अंत होगा। रचनात्मक कार्यों का प्रतिफल प्राप्त होगा।
मकान व जमीन संबंधी कार्य पूरे होंगे।
संतान पर अनावश्यक रोक न लगाएं। कानूनी विवादों का निपटारा होगा पक्ष में होगा।
मिथुन (Gemini)आज धन लाभ होने की संभावना बन रही है। अपने प्रयासों से उन्नति पथ प्रशस्त करेंगे। 
इच्छित काम पूर्ण हो सकेंगे। स्वास्थ्य में सुधार होगा। वाहन पर खर्च हो सकता है।
कर्क (Cancer)अपने व्यवहार से अधिकारियों से नजदीकियां बढ़ाने में सफल रहेंगे।
नौकरी में कार्य की प्रशंसा होगी। सामाजिक कार्यों में सीमित रहें।
बुद्धि चातुर्य से कठिन कार्य भी आसानी से पूरे होंगे। विरोधी परास्त होंगे।
सिंह (Leo) परिजनों के प्रयासों से वैवाहिक अड़चनें समाप्त होंगी। 
दूसरों की आलोचना, निंदा से दूर रहें। नए सौदे अभी न करें। शुभ समय का इंतजार करें। 
अंतरराष्ट्रीय कारोबार से जुड़े लोग आर्थिक लाभ प्राप्त करेंगे।कन्या (Virgo) दिन मध्यम रहेगा। 
भौतिक विकास के कार्यों को बल मिलेगा। कारोबार में भागीदारी के प्रस्ताव आएंगे, सोच समझकर विचार करें।
दिनचर्या में बदलाव होगा। रिश्तेदारों की मदद करें।तुला (Libra)व्यापारिक नई योजनाओं का सूत्रपात होगा। 
आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। व्यावसायिक समस्याओं का हल आपके माध्यम से हो सकेगा।
 अनाज, तेल और कपास के व्यापार से जुड़े लोग लाभ अर्जित करेंगे।
वृश्चिक (Scorpio) अपनी कार्य करने की पद्धति में बदलाव लाना होगा। दूसरों से व्यर्थ में न उलझें।
व्यवहार-कुशलता से समस्या का समाधान संभव है। निर्माण कार्य के अधूरे पड़े कार्य पूरे होंगे। 
जीवनसाथी से संबंधों में मधुरता आएगी।धनु (Sagittarius) आप की निर्णयशक्ति मजबूत होगी।
दूसरों की देखादेखी न करें। व्यापारिक निर्णय लेने में देरी नहीं करनी चाहिए। 
पिता से व्यापार के विषय में मतभेद हो सकते हैं। सोच-समझकर व्यय करें।
मकर (Capricorn) नौकरी में नए प्रस्ताव प्राप्त होंगे। सुखद यात्रा के योग बन रहे हैं।
रचनात्मक कार्यों मन लगेगा। व्यापार लाभप्रद रहेगा। पारिवारिक जीवन सुखद रहेगा। सन्तान सुख मिलेगा।
कुंभ (Aquarius)आप की सूझबूझ और सजगता से व्यापार अच्छा चलेगा। 
कार्यस्थल पर विवाद समाप्त होने से शांति एवं सुख बढ़ेगा।
परोपकारी स्वभाव होने से दूसरों की मदद कर पाएंगे। शत्रु से सतर्क रहें।
मीन (Pisces) आपसी विवादों के कारण तनाव बढे़गा। कार्यक्षेत्र में विभिन्न बाधाओं से मन अशांत रहेगा।
स्वार्थी न बनें। काम में लापरवाही कर रहे हैं, सम्भल जाएं।


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Movie Review: ‘राज रीबूट’ में ‘राज’ जैसा कुछ नहीं

raaz_sm_650_091616021438फिल्म का नाम: ‘राज रीबूट’
डायरेक्टर: विक्रम भट्ट
स्टार कास्ट: इमरान हाशमी, कृति खरबंदा, गौरव अरोड़ा
अवधि: 2 घंटा 07 मिनट
सर्टिफिकेट: A
रेटिंग: 2 स्टार

विक्रम भट्ट का नाम आते ही आपके जहन में एक सवाल तुरंत दिमाग में चलने लगता है कि‍ आखिरकार अब किस तरह से वो डराने वाले हैं, और इस बार विक्रम भट्ट अपनी सफल फिल्म ‘राज’ की चौथी किश्त लेकर आए हैं, वैसे तो पिछले सालों में विशेष फिल्म्स की तरफ से कोई भी फिल्म बॉक्स ऑफिस पर अच्छा करतब नहीं दिखा पाई है, क्या ‘राज रीबूट’  कामयाब फिल्म साबित हो पाएगी? आइए फिल्म की समीक्षा कerरते हैं|

कहानी
यह कहानी शादीशुदा कपल शायना खन्ना (कृति खरबंदा) और रेहान खन्ना (गौरव अरोड़ा) की है, जिन्होंने रोमानिया में ही एक दूसरे से प्यार किया और शादी की, फिर मुम्बई चले गए, लेकिन कुछ सालों के बाद शायना की जिद पर रेहान फिर से रोमानिया आकर नौकरी करता है, इसी बीच कुछ ऐसे राज खुलते हैं, जिन्हें रेहान और शायना एक दूसरे से छुपाते रहते हैं. रोमानिया आकर जिस घर में शायना और रेहान रहते हैं उस में बार-बार शायना को किसी की आहट सुनाई और दिखाई देती है. और जब भी वो ये बात रेहान से शेयर करती है, रेहान उसकी बात को अनसुना ही करता है. कहानी में ट्विस्ट तब आता है जब आदित्य श्रीवास्तव (इमरान हाशमी ) की एंट्री होती है. कई सारे राज खुलने लगते हैं और आखिरकार फिल्म को अंजाम मिलता है|

स्क्रिप्ट
फिल्म की स्क्रिप्ट भी खुद विक्रम भट्ट ने लिखी है और फिल्मांकन के दौरान उनके अंदाज को आप भली भांति स्क्रीन पर देख भी सकते हैं. गिरीश धमीजा के लिखे हुए कुछ संवाद अच्छे भी लगते हैं. लोकेशंस कमाल की हैं, लेकिन फर्स्ट हाफ काफी धीमा है, और वहीं सेकंड हाफ में भी काफी लंबे सीन हैं जो एक हॉरर फिल्म को बोर फिल्म बनाने लगता है. मनोज सोनी की सिनेमैटोग्राफी लाजवाब है. पिछली 2-3 फिल्मों की ही तरह इस बार भी विक्रम भट्ट, कहानी से एक बार फिर मात खा गए. एक दो सीन ऐसे हैं जहां डर भी लगता है लेकिन पूर्ण रूप से यह फिल्म डरावनी कम और इमोशनल ज्यादा नजर आती है|

अभिनय
फिल्म में कृति खरबंदा का अभिनय काफी अच्छा है वहीं इमरान हाशमी अपने अहम किरदार को बखूबी निभाते नजर आते हैं.गौरव अरोड़ा की ये दूसरी फिल्म है लेकिन पिछली फिल्म के बाद उनके भीतर के अच्छे बदलाव पर्दे पर जरूर नजर आते हैं. बाकी सह-कलाकारों का काम भी सहज है|

कमजोर कड़ी
फिल्म की कमजोर कड़ी इसकी कहानी है. फर्स्ट हाफ खींचा हुआ है और इंटरवल के बाद का हिस्सा काफी हिला डुला है|

संगीत
फिल्म का संगीत रिलीज से पहले ही हिट है, फिल्म के गानों को जीत गांगुली ने बखूबी सजाया है और अरिजीत सिंह की आवाज में सुनने में ये गाने और भी मजेदार लगते हैं|

क्यों देखें
अगर विक्रम भट्ट की फिल्मों को पसंद करते हैं, तो ही थिएटर तक जाएं|

 

 

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प्रेमिका की बहन को गोली मार, आशिक ने की खुदकुशी

gun-fire_650_091516045308यूपी के शाहजहांपुर में एक सिरफिरे आशिक ने अपनी प्रेमिका की बहन को गोली मारने के बाद खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली. गंभीर हालत में युवती को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. बताया जा रहा है कि प्रेमिका की बहन की वजह से मृतक की शादी टूटी थी. इससे वो काफी नाराज था. पुलिस मामले की जांच कर रही है|

जानकारी के मुताबिक, जिले के थाना राम चन्द्र मिशन क्षेत्र में रहने वाला सचिन आरती नामक युवती से प्यार करता था. दोनों के परिवारों के बीच शादी की बात चल रही थी, लेकिन आरती की बड़ी बहन रजनी इस रिश्ते के खिलाफ थी. वह सचिन को बिल्कुल पसंद नहीं करती थी. इसलिए आरती के परिवार ने शादी से इनकार कर दिया था|

इस बात से नाराज सचिन ने बुधवार रात रजनी की गर्दन पर गोली मार दी. इसके बाद उसने खन्नौत नदी के किनारे जाकर खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली. इस मामले की सूचना मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची. घायल रजनी को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. सचिन के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजकर जांच की जा रही है|

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घर जाकर जन्मदिन पर पीएम मोदी ने लिया मां हीरा बा का आशीर्वाद, अहमदाबाद में कटेगा 67 किलो का केक

narendra650_091716081837प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आज 67वां जन्मदिन है. पीएम मोदी अपना जन्मदिन मनाने गुजरात पहुंचे हैं. वहां उन्होंने गांधीनगर में अपनी मां हीरा बा का आशीर्वाद लिया. पीएम मोदी 32 दिनों में तीसरी बार गुजरात गए हैं|

पीएम मोदी के जन्मदिन के मौके पर ओल्ड अहमदाबाद में 67 किलो का केक कटेगा. सूरत में बच्चों ने प्रधानमंत्री मोदी की सालगिरह मनाई.

PM मोदी ने लिया मां का आशीर्वाद
प्रधानमंत्री मोदी ने शनिवार को मां का आशीर्वाद लेने के बाद ट्वीट कर कहा कि मां की ममता, मां का आशीर्वाद जीवन जीने की जड़ी-बूटी होता है. पीएम मोदी का शनिवार को गुजरात में बहुत व्यस्त कार्यक्रम रहेगा. मां का आशीर्वाद लेने के बाद नरेंद्र मोदी आदिवासी बहुल जिले के दाहोद के लीमखेड़ा में सिंचाई परियोजना की शुरुआत करेंगे. इसके बाद प्रधानमंत्री नवसारी में विकलांगों को किट, व्हील चेयर्स, हियरिंग ऐड बांटने के कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे. यहां विकलांगों को आठ करोड़ रुपये से अधिक जरूरत का सामान बांटा जाएगा|

 

 

 

Source: आज तक

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अपराधी नहीं, अच्छे इंसान हैं कपिल शर्मा : विवेक ओबरॉय

vivek-oberoiनई दिल्ली| अभिनेता विवेक ओबरॉय का कहना है कि उन्हें हास्य कलाकार कपिल शर्मा में कुछ भी गलत नहीं लगा और न ही बीएमसी में भ्रष्टाचार पर किए गए उनके ट्वीट ने किसी प्रकार का विवाद खड़ा किया है। विवेक का कहना है कि उन्हें कपिल कोई अपराधी नहीं, बल्कि एक अच्छे इंसान लगते हैं।

मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, कपिल ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडण्वीस तक पहुंचने के लिए विवेक की मदद ली।

कपिल ने हाल ही में नगर निकाय बृहन्मुंबई नगर निगम द्वारा घूस मांगे जाने की शिकायत ट्वीट के जरिए की थी।

‘द कपिल शर्मा शो’ के मेजबान कपिल ने अपने ट्वीट में कहा था कि वह पिछले पांच साल से प्रतिवर्ष 15 करोड़ रुपये कर अदा कर रहे हैं और अब भी उन्हें अपने कार्यालय के काम को आगे बढ़ाने के लिए नगर निगम के एक अधिकारी को 5,00,000 रुपये की रिश्वत देने को कहा गया था।

विवेक ने कपिल की मदद के लिए अपने राजनीतिक संपर्को का इस्तेमाल किया। उन्होंने कहा, “मैं अपने निजी अनुभवों के कारण उनकी परेशानी जानता हूं और इसलिए मैंने उनकी मदद करने के बारे में सोचा और करूंगा।”

अभिनेता का कहना है कि उन्होंने कपिल का मानवीय रूप देखा है। उन्होंने कहा, “मैंने कैंसर से जूझ रहे बच्चों की वित्तीय सहायता के लिए काम किया है और काफी साल से इस ओर काम कर रहा हूं।”

विवेक ने कहा कि कपिल ने स्वयं आकर उनसे कहा कि वह इसका हिस्सा बनना चाहते हैं।

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‘एे दिल है मुश्किल’ के नए गाने ‘बुल्लेया’ के बारे में जानें ये पांच खास बातें

bulleya_sm_650_091616124111करण जौहर की आने वाली फिल्म ‘ऐ दिल है मुश्किल’ का नया गाना ‘बुल्लेया’ आज आपका दिन बना देगा. फिल्म का यह दूसरा गाना है जिसे रिलीज किया गया है|

1. शानदार बोल और दिल को छू लेने म्यूजिक से सजे इस गाने को सुनने के बाद यकीनन आपके रोमांटिक बड्स एक्टिव हो जाएंगे और आप रोमांस की दूनिया के इस नए सफर को एंजॉय करेंगे|

2. सूफी अल्फाजों के साथ पिरोए गए इस गाने के वीडियो में शामिल किए गए शॉट्स में ऐश्वर्या और रणबीर का रोमांटिक अंदाज देखना वाकई मजेदार है. दोनों की रोमांटिक कैमिस्ट्री का जवाब नहीं. अरसे बाद ऐश्वर्या किसी रोमांटिक रोल में इतनी सहज दिख रही हैं|

3. गाने में अनुष्का शर्मा के साथ भी रणबीर के लव ट्रायएंगल को दिखाया गया है इसलिए गाने में दिलचस्पी और भी बढ़ जाती है|

4. गाने के बोल चाहे सूफी हैं लेकिन हाई बीट्स म्यूजिक कंपोजि‍शन के साथ यह गाना मौजूदा म्यूजिक ट्रेंड के हिसाब से बिलकुल फिट है|

5. गाने में रणबीर कपूर का अंदाज उनकी फिल्म ‘रॉकस्टार’ में उनके किरदार की याद भी दिलाता है. और रणबीर का यह नया रोमियो रूप भी दर्शकों को पसंद आएगा. कुल मिलाकर बुल्लेया गाना शानदार है और सॉन्ग लवर्स की हिट लिस्ट में यह टॉप पर जरूर जगह बना सकता है.

‘बुल्लेया’ को लिखा है अमिताभ भट्टाचार्य ने और इसे गाया है अमित मिश्रा और शिल्पा राओ ने|

 

 

Source: AAj Tak

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कौन सा वादा पूरा नहीं कर पाए अमिताभ, 32 साल बाद भी क्यों है मलाल!

LONDON, ENGLAND - JUNE 16: Amitabh Bachchan arrives at the World Premiere of Raavan at the BFI Southbank on June 16, 2010 in London, England. (Photo by Gareth Cattermole/Getty Images)

नई दिल्ली। महानायक अमिताभ बच्चन का राजनीति के साथ भले ही कम समय वास्ता रहा हो, लेकिन उनका कहना है कि उन्हें अपने निर्वाचन क्षेत्र इलाहाबाद के लोगों से किए गए वादों को पूरा नहीं कर पाने का मलाल है, जिसके कारण वह अब भी उस दौर से उबर नहीं पाए हैं।

अमिताभ ने अपने पुराने पारिवारिक दोस्त राजीव गांधी के समर्थन में राजनीति में प्रवेश करने के लिए 1984 में अभिनय से कुछ समय के लिए दूरी बनाई थी। उन्होंने इलाहाबाद सीट से चुनाव लड़ा था और बड़े अंतर से जीत दर्ज की थी।

हालांकि उनका राजनीतिक करियर थोड़े समय के लिए ही रहा क्योंकि उन्होंने तीन साल बाद ही इस्तीफा दे दिय था। उन्होंने कहा, कि मैं इसके बारे में अक्सर सोचता हूं क्योंकि ऐसे कई वादे होते हैं जो एक व्यक्ति लोगों से वोट मांगते समय चुनाव प्रचार के दौरान करता है। उन वादों को पूरा नहीं कर पाने की मेरी असमर्थता से मुझे दुख होता है।

अमिताभ ने कहा कि अगर कोई ऐसी चीज है जिसका मुझे पछतावा है तो यह वही है। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने इलाहाबाद शहर और इसके लोगों से कई वादे किये थे लेकिन मैं उन्हें पूरा नहीं कर पाया।’’ बच्चन ने एक कार्यक्रम ‘‘ऑफ द कफ’’ में शेखर गुप्ता और बरखा दत्त के साथ बातचीत के दौरान कहा, ‘‘मैंने वह सब करने की कोशिश की जो मैं समाज के लिए कर सकता था लेकिन इस बात को लेकर इलाहाबाद के लोगों मे मेरे प्रति हमेशा नाराजगी रहेगी।

बच्चन ने कहा कि राजनीति में शामिल होने का उनका निर्णय भावनात्मक था लेकिन जब वह इसमें शामिल हुये तब उन्हें यह अहसास हुआ कि इसमें भावनाओं के लिए कोई जगह नहीं है। उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि मेरा फैसला भावनात्मक था। मैं एक दोस्त की मदद करना चाहता था लेकिन जब मैंने राजनीति में प्रवेश किया, तब मुझे अहसास हुआ कि उसका भावनाओं के लिए कोई लेना देना नहीं है। मुझे अहसास हुआ कि मैं इसे करने में असमर्थ हूं और फिर मैंने इसे छोड़ दिया।’

यह पूछने पर कि क्या राजनीति छोड़ने के उनके निर्णय का असर गांधी परिवार के साथ उनकी मित्रता पर पड़ा, बच्चन ने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि इसका कोई असर पड़ा। मित्रता समाप्त नहीं हुई है।’ अभिनेता से जब पूछा गया कि वह उस दोस्ती के बारे में बात क्यों नहीं करते हैं, उन्होंने कहा, ‘आप एक दोस्ती के बारे में कैसे बात करते हैं? हम दोस्त हैं।’ भारतीय अभिनेता अपने राजनीतिक विचार साझा करने से हिचकिचाते हैं जबकि अमेरिका में ऐसा नहीं हैं और वहां हॉलीवुड के बड़े स्टार चुनाव के दौरान अपने राजनीतिक विचार रखते हैं।

जब बच्चन से यह पूछा गया कि क्या विवाद का डर भारतीय अभिनेताओं को देश के राजनीतिक परिदृश्य को लेकर अपने विचार साझा करने से रोकता है, तो उन्होंने कहा, ‘आप एक कलाकार हैं और लोग आपसे प्यार करते हैं तो आपके मन में भी इसकी प्रतिक्रिया के रूप में यह प्यार लौटाने की इच्छा होती है और अगर एक राजनेता आपको पसंद करता है तब भी आप यही करते हैं।’ उन्होंने कहा कि यदि इस प्रतिक्रिया के रूप में वह कुछ कर रहे हैं तो इसका मतलब यह नहीं हुआ, वह उनकी राजनीति भी पसंद करने जा रहा हैं।

बच्चन ने कहा, ‘जब आप ऐसा नहीं करते तो हमें इसके परिणाम को लेकर डर होता है। राजनेता बहुत शक्तिशाली लोग होते हैं। मैं नहीं जानता कि क्या वह नुकसान पहुंचा सकते हैं या किस हद तक नुकसान पहुंचा सकते हैं लेकिन कानून की व्यवस्था है।’ उन्होंने कहा कि लेकिन अदालतों में जाना और राजनीति से लड़ाई लड़ना उनका काम नहीं है। उनका काम कैमरे के सामने अच्छा काम करना है और वह अपना ध्यान भटकाना नहीं चाहते।

बच्चन ने कहा कि अमेरिका में दर्शक भारत के दर्शकों के मुकाबले ‘अधिक परिपक्व’ हैं और यह एक कारण हो सकता है कि उनके सितारे अपने राजनीतिक विचारों को लेकर साहसी हैं। उन्होंने कहा, ‘हॉलीवुड के पास अधिक परिपक्व दर्शक हैं। यहां ऐसे दर्शकों की संख्या सीमित हैं। जब मैं असम में कांग्रेस के लिए चुनाव प्रचार कर रहा था तब मेरा हेलिकॉप्टर विपक्ष के एक स्थान पर उतरा।’ उन्होंने कहा, ‘जल्द ही, पुलिस ने हमसे जाने के लिए कह दिया। वहां भीड़ में युवा थे और उनमें से एक दौड़कर हेलिकॉप्टर के पास आया और उसने खिड़की का शीशा तोड़कर मेरे हाथ में एक कागज रख दिया।’

अमिताभ ने कहा, ‘उसने कागज में लिखा था कि वह मेरा बहुत बड़ा प्रशंसक है लेकिन मैं उसका ध्यान भटका रहा हूं इसलिए मुझे वहां से चले जाना चाहिए।’ उन्होंने कहा, ‘यह ऐसी चीज है जिसका कलाकारों को सामना करना पड़ता है। हम लोगों का प्यार पाने के लिए पूरा जीवन लगा देते हैं और फिर हम अचानक उनसे कहते हैं कि आप मुझसे प्यार करते हैं इसलिए मेरी राजनीति से भी प्यार करें और मुझे नहीं लगता कि यह सही है।’

बच्चन ने कहा, ‘जब आप ऐसा नहीं करते तो हमें इसके परिणाम को लेकर डर होता है। राजनेता बहुत शक्तिशाली लोग होते हैं। मैं नहीं जानता कि क्या वह नुकसान पहुंचा सकते हैं या किस हद तक नुकसान पहुंचा सकते हैं लेकिन कानून की व्यवस्था है।’ उन्होंने कहा कि लेकिन अदालतों में जाना और राजनीति से लड़ाई लड़ना उनका काम नहीं है। उनका काम कैमरे के सामने अच्छा काम करना है और वह अपना ध्यान भटकाना नहीं चाहते।

बच्चन ने कहा कि अमेरिका में दर्शक भारत के दर्शकों के मुकाबले ‘अधिक परिपक्व’ हैं और यह एक कारण हो सकता है कि उनके सितारे अपने राजनीतिक विचारों को लेकर साहसी हैं। उन्होंने कहा, ‘हॉलीवुड के पास अधिक परिपक्व दर्शक हैं। यहां ऐसे दर्शकों की संख्या सीमित हैं। जब मैं असम में कांग्रेस के लिए चुनाव प्रचार कर रहा था तब मेरा हेलिकॉप्टर विपक्ष के एक स्थान पर उतरा।’ उन्होंने कहा, ‘जल्द ही, पुलिस ने हमसे जाने के लिए कह दिया। वहां भीड़ में युवा थे और उनमें से एक दौड़कर हेलिकॉप्टर के पास आया और उसने खिड़की का शीशा तोड़कर मेरे हाथ में एक कागज रख दिया।’

अमिताभ ने कहा, ‘उसने कागज में लिखा था कि वह मेरा बहुत बड़ा प्रशंसक है लेकिन मैं उसका ध्यान भटका रहा हूं इसलिए मुझे वहां से चले जाना चाहिए।’ उन्होंने कहा, ‘यह ऐसी चीज है जिसका कलाकारों को सामना करना पड़ता है। हम लोगों का प्यार पाने के लिए पूरा जीवन लगा देते हैं और फिर हम अचानक उनसे कहते हैं कि आप मुझसे प्यार करते हैं इसलिए मेरी राजनीति से भी प्यार करें और मुझे नहीं लगता कि यह सही है।’

 

 

Source: IBN-Khabar

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अरुणाचल में कांग्रेस को बड़ा झटका, 43 विधायक BJP समर्थित PPA में शामिल

prema_650_091616021031अरुणाचल प्रदेश में कांग्रेस को एक बड़ा झटका लगा है. 46 एमएलए के साथ मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने पार्टी को छोड़ दिया है. 60 सदस्यों वाली विधानसभा में कांग्रेस के 46 विधायक हैं, जबकि 11 विधायक बीजेपी के हैं|

पीपीए का दामन थामा
अरुणाचल प्रदेश में कांग्रेस के 46 में से 43 विधायकों ने पीपीए का दामन थामा है. एक बार फिर से कांग्रेस पर संकट खड़ा हो गया है. बागियों में अरुणाचल के मुख्यमंत्री के अलावा दिवंगत दोरजी खांडू के बेटे और वर्तमान में राज्य के सीएम पेमा खांडू भी हैं. खांडू ने कहा, ‘मैंने विधानसभा अध्यक्ष से मुलाकात करके उन्हें यह सूचना दी है कि हमने कांग्रेस का पीपीए में विलय कर दिया है. राज्य में कांग्रेस के 46 विधायक हैं जिनमें से 43 इस पार्टी में शामिल हो गए हैं. पीपीए का गठन 1979 में हुआ था. यह 10 क्षेत्रीय दलों के नॉर्थ-ईस्ट डेमोक्रेटिक एलायंस का हिस्सा रहा है जिसका गठन बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने मई 2016 में की थी. वर्तमान में असम में बीजेपी के नेता हेमंता विश्व सरमा इसके प्रमुख हैं|

जुलाई में खांडू को मिली थी कमान
कांग्रेस का अरुणाचल का संकट काफी पुराना है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद नाटकीय घटनाक्रम के बाद जुलाई में नबाम तुकी के स्थान पर पेमा खांडू को मुख्यमंत्री घोषित करके एक लंबी चली लड़ाई को जीता था. खांडू के विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद दो निर्दलीयों और 45 पार्टी विधायकों के समर्थन से कांग्रेस ने एक बार फिर सरकार बना ली थी. तेजी से बदले घटनाक्रम के बाद बागी नेता खालिको पुल अपने 30 साथी बागी विधायकों के साथ पार्टी में लौट आए थे. पुल बागी होकर मुख्यमंत्री बने थे, जिन्हें सुप्रीम कोर्ट ने अपदस्थ कर दिया था|

60 सदस्यीय अरुणाचल प्रदेश विधानसभा में कांग्रेस के 46 विधायक थे जबकि बीजेपी के 11. अब 43 विधायकों के पीपीए में चले जाने के बाद कांग्रेस में पूर्व सीएम नबम तुकी और इक्का-दुक्का विधायक ही बचे रह गए हैं. हाल में पूर्व सीएम कलिखो पुल का निधन हो गया था. फरवरी 2016 में उन्होंने 24 कांग्रेसी विधायकों के साथ पीपीए ज्वाइन किया था|

इसके बाद सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया था जिसमें अदालत ने कलिखो पुल सरकार को असंवैधानिक घोषित कर पूर्व की कांग्रेस सरकार को बहाल करने का आदेश दिया था. इसके बाद पेमा खांडू के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार बनी थी. ताजा घटनाक्रम के बाद एक बार फिर बाजी बीजेपी के हाथ जाते दिख रही है|

 

 

Source: AAj Tak

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यादव परिवार में टूट और सपा में बिखराव को रोकने के लिए मुलायम के पास हैं ये 5 विकल्प

mulayam_147038556116_650x425_080516020024_091616015907बेटे अखिलेश यादव और भाई शिवपाल यादव के बीच खटास से पैदा हुए सियासी बवंडर को थामने की जिम्मेदारी अब सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव ने खुद संभाल ली है. मुलायम ने शुक्रवार को कहा कि पार्टी और परिवार में कोई झगड़ा नहीं है लेकिन उन्होंने एक बार फिर अखि‍लेश का फैसला पलटते हुए गायत्री प्रजापति को मंत्री बनाए जाने का ऐलान कर दिया. मुलायम ने कुछ दिन पहले ही अखिलेश को चेताया था कि शिवपाल सपा से अलग हुए तो पार्टी टूट जाएगी. बेटे अखिलेश को सीएम बनाने के बाद भी मुलायम भाई शिवपाल यादव को अहमियत दे रहे हैं|

शि‍वपाल ने सरकार और संगठन में सभी पदों से इस्तीफा दिया तो उनके परिवार में पत्नी और बेटे ने भी अपने-अपने पद त्याग दिए. हालांकि, इनके इस्तीफे अभी तक स्वीकार नहीं किए गए हैं. अब ऐसे समय में जब चाचा और भतीजा में से कोई भी पक्ष झुकने को तैयार नहीं दिख रहा है तो नेताजी के पास कुछ सीमित विकल्प बचे हैं|

1. बीते 24 साल में पहली बार ऐसा हुआ है कि यादव परिवार के किसी सदस्य ने रूठकर इस तरह इस्तीफा दिया है. अब चूंकि टकराव चरम पर हैं, ऐसे में संभव है कि बिखराव रोकने के लिए मुलायम अखिलेश को हटाकर खुद सीएम पद संभाल लें. यही कदम परिवार में टूट को रोक सकता है. क्योंकि ज्यादातर सीनियर नेता और विधायक अखिलेश के एजेंडे से नाखुश बताए जा रहे हैं|

2. मुलायम सिंह यादव सीएम अखि‍लेश यादव से शिवपाल को उनके वो विभाग लौटाने को कह सकते हैं जो अखिलेश ने नेताजी को बिना बताए ही अपने चाचा से छीन लिए थे. शि‍वपाल को पीडब्ल्यूडी और सिंचाई विभाग लौटाने से उनकी नाराजगी दूर होने की उम्मीद है. मुलायम शिवपाल से छीने विभागों के साथ ही आबकारी विभाग भी सौंपने को कह सकते हैं|

3. इस वक्त मुलायम सिर्फ सपा का चेहरा हैं जबकि जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं से तालमेल शि‍वपाल ही रखते हैं. 57 में से करीब 30 वरिष्ठ मंत्री शि‍वपाल के वफादार हैं. करीब 100 विधायक भी शि‍वपाल के वफादार हैं. ऐसे में शि‍वपाल की नाराजगी पार्टी में टूट का कारण बनी सकती है. अब छह महीने बाद चुनाव भी होने हैं, इसलिए मुलायम शि‍वपाल को पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनाकर संगठन को मजबूत बनाने की कोशिश करेंगे.

4. शिवपाल यादव के इस्तीफे के बाद से उनके समर्थकों का जमावड़ा लगने लगा है. शिवपाल के समर्थक सांसद और नेताजी के चचेरे भाई राम गोपाल यादव को बाहर किए जाने की मांग कर रहे हैं. इससे ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि जिस राम गोपाल को नेताजी ने अखि‍लेश और शि‍वपाल के बीच सुलह कराने के लिए दिल्ली से लखनऊ भेजा, वो अपने टास्क को सही तरीके से पूरा करने कामयाब नहीं रहे. ऐसे में पार्टी में विद्रोह की चिंगारी को शांत करने के लिए मुलायम सिंह यादव के पास राम गोपाल को सपा से निकालने का भी विकल्प है.

5. इस हफ्ते शुरू हुए इस सियासी ड्रामे के पीछे राज्यसभा सदस्य अमर सिंह का हाथ बताया जा रहा है. छह साल के संन्यास के बाद अमर सिंह की जब सपा में वापसी हुई तो अखिलेश सहित पार्टी का एक बड़ा धड़ा नेताजी के इस कदम से नाराज था. ऐसे में मुलायम सिंह यादव परिवार और पार्टी में संभावित फूट को रोकने के लिए अपने दोस्त को पार्टी से निकाल भी सकते हैं|

Source: AAj Tak

यादव परिवार में टूट और सपा में बिखराव को रोकने के लिए मुलायम के पास हैं ये 5 विकल्प Read More