2012 Delhi gang rape निर्भया केस: 1 फरवरी को फांसी पर रोक वाली याचिका पर फैसला सुरक्षित, आज कभी भी आ सकता है कोर्ट का आदेश

दोषी अक्षय ठाकुर, विनय शर्मा और पवन गुप्ता के वकील एपी सिंह ने कोर्ट से कहा कि ये दोषी आतंकवादी नहीं हैं। वकील ने जेल मैनुअल के नियम 836 का हवाला दिया | ऐसे मामले में जहां एक से अधिक लोगों को मौत की सजा दी गई है| दोषियों को तब तक फांसी की सजा नहीं दी गई है जब तक उन्होंने अपने कानूनी विकल्पों का इस्तेमाल ना कर लिया हो।

निर्भया गैंगरेप और मर्डर केस में फांसी की सजा पाने वाले दोषियों की फांसी की सजा पर रोक लगाने वाली याचिका पर पटियाला हाउस कोर्ट में सुनवाई हुई। निर्भया गैंगरेप केस मामले में दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने दोषियों की उस याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है| दोषियों ने 1 फरवरी को होने वाली फांसी की सजा पर रोक लगाने की मांग की है। कोर्ट आज शाम तक फैसला सुनाएगा। आपको बता दें कि तिहाड़ जेल के अधिकारियों ने फांसी की सजा पर रोक लगाने के तीन दोषियों के अनुरोध वाली याचिका की सुनवाई को दिल्ली की एक अदालत में चुनौती दी थी।

वहीं तिहाड़ जेल के अधिकारियों ने दिल्ली की अदालत को बताया कि केवल एक दोषी की ही दया याचिका लंबित है| अन्य को फांसी दी जा सकती है। वहीं दोषियों के वकील ने दिल्ली की अदालत को बताया कि जब एक दोषी की याचिका लंबित है तो नियमों के अनुसार अन्यों को भी फांसी नहीं दी सकती।

फांसी की सजा का सामना कर रहे दोषी विनय कुमार शर्मा की ओर से पेश वकील ए पी सिंह ने अदालत से फांसी को अनिश्चितकाल के लिए टाल देने को कहा क्योंकि कुछ दोषियों के कानूनी उपचार अभी बाकी हैं। अभियोजन पक्ष ने कहा कि याचिका न्याय का मजाक है और यह फांसी को टालने की महज एक तरकीब है।

जेल के अधिकारियों ने अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा के समक्ष दायर स्थिति रिपोर्ट में इस याचिका का विरोध किया। अदालत ने बृहस्पतिवार को जेल अधिकारियों को नोटिस जारी करके दोषियों की याचिका पर जवाब मांगा था। दोषी पवन गुप्ता, विनय कुमार शर्मा और अक्षय कुमार के वकील ए पी सिंह ने अदालत से फांसी पर अनिश्चितकालीन स्थगन लगाने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि दोषियों में कुछ के द्वारा कानूनी उपायों का इस्तेमाल किया जाना बचा हुआ है।

निचली अदालत ने 17 जनवरी को मामले के चारों दोषियों मुकेश (32), पवन (25), विनय (26) और अक्षय (31) को मौत की सजा देने के लिए दूसरी बार ब्लैक वारंट जारी किया था जिसमें एक फरवरी को सुबह छह बजे तिहाड़ जेल में उन्हें फांसी देने का आदेश दिया गया। इससे पहले सात जनवरी को अदालत ने फांसी के लिए 22 जनवरी की तारीख तय की थी।

अब तक की स्थिति में दोषी मुकेश ने सभी कानूनी विकल्पों का इस्तेमाल कर लिया है। इसमें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के समक्ष दया याचिका दाखिल करना भी शामिल है। उसकी दया याचिका राष्ट्रपति ने 17 जनवरी को ठुकरा दी थी। मुकेश ने फिर दया याचिका ठुकराए जाने को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी जिसने बुधवार को उसकी यह अपील खारिज कर दी।

गौरतलब है कि पैरा मेडिकल की 23 वर्षीय छात्रा से 16-17 दिसंबर 2012 की मध्यरात्रि को छह लोगों ने चलती बस में सामूहिक दुष्कर्म किया था और उसे सड़क पर फेंक दिया था। उसे इलाज के लिए सिंगापुर ले जाया गया था जहां 29 दिसंबर को उसकी मौत हो गई थी।

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Saraswati Pooja 2020: वसंत पचंमी आज, यह है मां सरस्वती पूजा का शुभ मुहूर्त, राशि के अनुसार ऐसे करें मां सरस्वती की पूजा

Saraswati Pooja 2020 : सुबह 10.45 बजे से पूजा का मुहूर्त शुरू
ज्योतिषाचार्य पीके युग के मुताबिक बुधवार 29 जनवरी को सुबह 10.45 बजे से 30 जनवरी को दोपहर 1.29 बजे तक पंचमी तिथि है। सरस्वती पूजा पर बृहस्पतिवार को अमलकीर्ति और अनफा योग बन रहा है। चंद्रमा से दशम भाव में किसी ग्रह के रहने पर अमलकीर्ति योग और सूर्य को छोड़ चंद्रमा के द्वादश भाव में कोई ग्रह रहता है, तब अनफा योग बनता है।

विद्या की देवी मां सरस्वती की उपासना का गुरुवार को खास दिन है। वसंत पंचमी पर मां की उपासना को लेकर बन रहे शुभ संयोग को लेकर स्कूल-कॉलेजों में विशेष तैयारी है। मां की उपासना को लेकर पटना के सभी छोट-बड़े शिक्षण संस्थानों में पूजा-अर्चना की तैयारी की गई है। कई शिक्षण संस्थानों के साथ गली-मोहल्लों में मूर्ति स्थापना कर मां की उपासना की जा रही है। मां सरस्वती की उपासना को लेकर वसंत पंचमी पर छात्र काफी उत्साहित होते हैं। छात्र मां की मूर्ति की स्थापना कर पूजा अनुष्ठान करते हैं। इस तिथि पर उपासना से विद्या और बुद्धि में वृद्धि होती है।

Saraswati Pooja 2020 राशि के अनुसार करें मां सरस्वती की आराधना

मेष : सिंदूर, लाल फूल, गुलाबी अबीर अर्पण करें।

वृष : हरे रंग की कलम, पीला फूल चढ़ाएं।

मिथुन : श्वेत रंग की कलम, अपराजिता पुष्प, नारियल अर्पण करें।

कर्क : लाल कलम, इत्र, अभ्रक चढ़ाएं।

सिंह : पीले रंग की कलम, लाल फूल, अभ्रक अर्पित करें।

कन्या : गुड़, अबीर, इत्र अर्पण करें।

तुला : नीला कलम, पंचामृत, गुलाबी अबीर, इत्र चढ़ाएं।

वृश्चिक : सफेद रेशमी वस्त्र, ऋतुफल, गंगाजल अर्पित करें।

धनु : श्वेत चंदन, अबीर, पीला फूल चढ़ाएं।

मकर : अरवा चावल, दही, पुष्प माला, शहद अर्पण करें।

कुंभ : खीर, पीला अबीर, इत्र चढ़ाएं।

मीन : सफेद वस्त्र, पीला फूल और घी अर्पित करें।

अग्रसेन हस्पताल, जीवन नगर में सरस्वती पूजा के कुछ फोटो

Saraswati Maa

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pregnant women

24वें हफ्ते में भी गर्भपात करा सकेंगी महिलाएं, केबिनेट ने दी मंजूरी

जबकि डेनमार्क, घाना, कनाडा, जर्मनी, विएतनाम, और जाम्बिया सहित 23 देशों में किसी भी समय गर्भपात की अनुमति है.

इन देशों में गर्भपात की अनुमति

इंडियन जर्नल ऑफ मेडिकल एथिक्स के लेख के अनुसार नेपाल, फ्रांस, इंग्लैंड, ऑस्ट्रिया, इथोपिया, इटली, स्पेन, आइसलैंड, नार्वे, फिनलैंड, स्वीडन और स्विट्जरलैंड समेत 52 फीसदी देशों में बच्चे में विसंगतियां पाए जाने पर 20 हफ्ते से ज्यादा होने पर गर्भपात की इजाजत है.

कैबिनेट ने मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी (अमेंडमेंट) बिल, 2020 को मंजूरी दे दी है. इस मंजूरी के साथ ही मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी एक्ट, 1971 में संशोधन का रास्ता साफ हो गया है. अब इस बिल को संसद के आगामी सत्र में पेश किया जाएगा. इस बिल के जरिए अब महिलाएं 24वें हफ्ते भी गर्भपात करा सकेंगी.

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आज बुधवार को मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी (अमेंडमेंट) बिल, 2020 को मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी एक्ट, 1971 में संशोधन के लिए मंजूरी दे दी है. इस बिल को संसद के आगामी सत्र में पेश किया जाएगा.

‘गर्भपात का अधिकार महिलाओं के पास हो’

मंत्रालय ने यह हलफनामा याचिकाकर्ता और वकील अमित साहनी की जनहित याचिका के मामले में दाखिल किया. अमित साहनी ने अपनी याचिका में कहा था कि महिला और उसके भ्रूण के स्वास्थ्य के खतरे को देखते हुए गर्भपात कराने की अवधि 20 सप्ताह से बढ़ाकर 24 से 26 हफ्ते कर दी जाए. इसके अलावा अविवाहित महिला और विधवाओं को भी कानूनी रूप से गर्भपात कराने की अनुमति दी जाए. अमित साहनी ने अपनी इस जनहित याचिका में कई व्यावहारिक दिक्कतों का भी जिक्र किया था जो समाज में गर्भधारण के बाद महिलाओं को झेलनी पड़ती है. याचिका में यह भी कहा गया कि जिस तरह से गर्भधारण का अधिकार महिला के पास है उसी तरह से गर्भपात कराने का भी अधिकार महिला के पास होना चाहिए.

 

 

 

 

 

 

 

 

सरकार ने कहा था-कर रहे विचार-विमर्श

पिछले साल गर्भपात कराने की अवधि बढ़ाने को लेकर कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई थी. इस याचिका पर सुनवाई के दौरान स्वास्थ्य मंत्रालय ने पिछले साल अगस्त में दिल्ली हाई कोर्ट को बताया कि गर्भवती महिला के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए उसके गर्भपात की समयसीमा 20 सप्ताह से बढ़ाकर 24 से 26 हफ्ते करने को लेकर मंत्रालय ने विचार-विमर्श शुरू कर दिया है.

सरकार की ओर से दाखिल हलफनामे में कहा गया कि संबंधित मंत्रालय और नीति आयोग की राय लेने के बाद गर्भपात संबंधी कानून में संशोधन के मसौदे को जल्द ही अंतिम रूप दिया जाएगा जिसके बाद उसे कानून मंत्रालय के पास भेज दिया जाएगा ताकि गर्भपात संबंधी कानून पर जरूरी संशोधन हो सके.

स्वास्थ्य मंत्रालय ने हाई कोर्ट को यह भी बताया कि उसने गर्भपात संबंधी मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेगनेन्सी (एमटीपी) कानून, 1971 में संशोधन को लेकर अपना मसौदा कानून मंत्रालय के पास भेज दिया है.

इसके बाद, कानून मंत्रालय ने स्वास्थ्य मंत्रालय को कहा था कि अभी संसद के दोनों सदन अनिश्चितकाल के लिए स्थगित है. ऐसे में नई सरकार बनने के बाद इस मुद्दे पर गौर करेंगे.

स्वास्थ्य मंत्रालय ने तत्कालीन चीफ जस्टिस डीएन पटेल और जस्टिस सी. हरिशंकर की बेंच के सामने हलफनामा दाखिल किया था.

 

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राजनीति के कोर्ट में दिखेंगी बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल, अपनी बहन चंद्रांशु के साथ BJP में हुईं शामिल

बैडमिंटन चैंपियन साइना नेहवाल ने सत्तारूढ़ पार्टी भारतीय जनता पार्टी (BJP) ज्वाइन कर ली है. साइना नेहवाल अपनी बहन चंद्रांशु नेहवाल के साथ बीजेपी में शामिल हुईं. भाजपा में शामिल होने के बाद साइना ने कहा, ”आज मैं ऐसी पार्टी ज्वाइन किया, जो देश के लिए इतना करती हैं. नरेंद्र मोदी सर दिन रात देश के लिए इतना मेहनत करते हैं. अभी मेरे लिए सबकुछ मेरे लिए नया है, लेकिन मुझे सब कुछ अच्छा लग रहा है. नरेंद्र सर खेलो को बढ़ावा देते हैं, खेलो इंडिया जैसे प्रोत्साहन के लिए काम करना शुरू किया है.” उन्होंने कहा, ”मैं बहुत हार्ड वर्किंग हूं. मैं मोदी जी के साथ देश के लिए कुछ करना चाहती हूं. मुझे राजनीति पसंद है. खेलो इंडिया से युवाओं को खेलने का मौका मिलता है. मोदी जी से मैं बहुत प्रेरित हूं.”
हरियाणा में जन्मी 29 साल की साइना नेहवाल भारत की मशहूर बैडमिंटन खिलाड़ी है, जिनकी फैन फॉलोइंग कहीं ज्यादा है. बैडमिंटन में वर्ल्ड नंबर वन रह चुकीं साइना को राजीव गांधी खेल रत्न और अर्जुन अवार्ड से नवाजा जा चुका है. अभी तक साइना ने कुल 24 अंतर्राष्ट्रीय खिताब जीत चुकी हैं. वहीं, लंदन ओलिंपिक में उन्होंने ब्रॉन्ज मेडल जीता था. वह साल 2009 में दुनिया की दूसरी और साल 2015 में दुनिया की पहले नंबर की खिलाड़ी बनी थीं.

  • बैडमिंटन चैंपियन साइना नेहवाल BJP में हुईं शामिल
  • बैडमिंटन में वर्ल्ड नंबर वन रह चुकीं हैं साइना
  • लंदन ओलिंपिक में जीता था ब्रॉन्ज मेडलप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा करते हुए उनके ट्वीट के साथ, साइना नेहवाल को भाजपा के प्रति झुकाव के लिए देखा गया है. साल 2015 में साइना ने पीएम मोदी को अपना एक रैकेट भेंट किया था, जब वह वर्ल्ड बैडमिंटन रैकिंग में पहले पायदान पर आई थीं. उन्होंने कहा, ”मैंने वह रैकेट भेंट किया जिससे मैंने विश्व चैम्पियनशिप फाइनल खेला था. उन्होंने इसे स्वीकार किया और कहा कि वह इसे बेशकीमती तोहफों में रखेंगे जो उन्हें प्रधानमंत्री के तौर पर मिले हैं.” 

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A girl with mask

Coronavirus: अब तक 6 बार मचा चुका है तबाही, 60 साल पहले खोजा गया था |

  • कोरोनावायरस (Coronavirus) पिछली साल चीन के हुबेई प्रांत की राजधानी वुहान से फैलना शुरु हुआ. कुछ लोग इसे वुहान कोरोनावायरस (Wuhan Coronavirus) भी बुला रहे हैं. लेकिन वुहान में पैदा नहीं हुआ. कोरोनावायरस की खोज 60 साल पहले ही की जा चुकी है. उसके बाद से इसने कई बार इंसानों पर हमला किया है. फोटो में दिख रहा है कोरोनावायरस का थ्रीडी मॉडल.
  • कोरोनावायरस (Coronavirus) की खोज 1960 के दशक में हो गई थी. तब इसे ब्रॉन्काइटिस वायरस (Bronchitis Virus) कहते थे. यह वायरस तब मुर्गियों में मिला था. इसके बाद इससे ज्यादा खतरनाक पीढ़ी इंसानों की नाक और गले में खोजी गई.
  • इंसानों की नाक और गले में कोरोनावायरस (Coronavirus) के दो प्रकार मिले. इनका नाम है – ह्यूमन कोरोनावायरस 229ई (Human Coronavirus 229E) और ह्यूमन कोरोनावायरस ओसी43 (Human Coronavirus OC43). ये दोनों ही वायरस बेहद खतरनाक हैं. सामान्य सर्दी जुकाम से शुरु होकर घातक निमोनिया तक का रूप ले लेते हैं.
    Virus
  • इसके बाद कोरोनावायरस (Coronavirus) का सबसे ज्यादा खतरनाक रूप 2003 में सामने आया. इसे सार्स (SARS-CoV) कहा गया. इस वायरस की वजह से दुनिया भर में 8096 लोग संक्रमित हुए थे. इनमें से 774 लोगों की मौत हो गई थी.
  • साल 2004 में कोरोनावायरस (Coronavirus) का नया रूप देखने को मिला. इसका नाम है ह्यूमन कोरोनावायरस एनएल63 (HCoV-NL63). ये वायरस नीदरलैंड्स के सात माह के बच्चे में मिला था. इसके बाद इस वायरस के संक्रमण की खबर पूरी दुनिया से आई. लेकिन इससे किसी के मरने की खबरें नहीं आई.
  • वर्ष 2005 में कोरोनावायरस (Coronavirus) का अलग रूप आया. जिसका नाम था ह्यूमन कोरोनावायरस एचकेयू1 (HCoV-HKU 1). इस वायरस का पहला पेशेंट था चीन के शेंनझेन का 70 वर्षीय आदमी. इसे बाइलेटरल निमोनिया हुआ था. इस वायरस के 10 शिकार ऑस्ट्रेलिया में मिले. लेकिन इससे किसी की मौत नहीं हुई.
  • 2012 में कोरोनावायरस (Coronavirus) ने मध्यपूर्वी एशिया में हमला किया. इसे सबसे पहले खोजा गया था सउदी अरब में. इसका नाम था मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम कोरोनावायरस (MERS-CoV). 2015 में यह वायरस फिर फैला. तब इसने सउदी अरब, जॉर्डन, कतर, मिस्र, यूएई, कुवैत, तुर्की, ओमान, अल्जीरिया, बांग्लादेश, ऑस्ट्रिया, यूके, दक्षिण कोरिया, अमेरिका, चीन और इंडोनेशिया में लोगों को संक्रमित किया. इसकी वजह से कुल 186 लोग बीमार पड़े और 38 लोगों की मौत हुई.
  • वुहान कोरोनावायरस (Wuhan Coronavirus) के लक्षण (Symptoms) हैं – बुखार, सर दर्द, गले में जलन, छाती में दर्द, खांसी, तेज धड़कन, सांस लेने में दिक्कत और निमोनिया. अंत में इससे पीड़ित व्यक्ति की किडनी फेल हो जाती है. इससे उसकी मौत हो जाती है.
  • वुहान कोरोनावायरस (Wuhan Coronavirus) की वैक्सीन बनने में अभी करीब दो महीने लगेंगे. लेकिन तबतक इससे बचने (Precaution) के तरीके हैं – हाथ साफ रखें, नाक-मुंह को ढंक कर रखें, पीड़ित व्यक्ति के करीब न जाएं, पूरी तरह से पका हुआ खाना खाए और चेहरे पर मास्क लगाएं.
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Brazilian President Jair Bolsonaro will be the chief guest at India’s Republic Day parade

At India’s Republic Day parade Brazilian President Jair Bolsonaro will be the chief guest . On his Facebook page Mr. Jair Bolsonaso said just a day before.

And this isn’t even close to the first time he’s grabbed headlines for saying something very, very problematic, particularly about groups that are already marginalised.

Here’s a list of ten remarks India’s Republic Day chief guest has made in public that got him eyeballs for all the wrong reasons. This list is not exhaustive: the Brazilian president has been saying violent, scary things for decades now.

A. Indigenous people are “becoming human beings”

To start from the most recent: On his regular Facebook broadcast, Bolsonaro on Thursday said, “Indians are undoubtedly changing…They are increasingly becoming human beings just like us.” He was referring not to Indians in India, but indigenous people in Brazil.

Unsurprisingly, indigenous rights activists – who have been criticising the Brazilian president for his remarks and policies since he was elected – have lashed out at Bolsonaro for this remark. “The indigenous were always humans just like anyone else. It’s Bolsonaro…who is revealing himself to be less and less human,” tweeted the Brazilian journalist Leonardo Sakamoto in response.
https://www.youtube.com/watch?v=Mnm312zabUI

B. Torture is good
The Brazilian president is a supporter of state-sponsored violence and torture. “Brazilian prisons are wonderful places…they are places for people to pay for their sins, not live the life of Reilly in a spa,” he said in 2014. In 1999, he had been even more direct with his words: “I am in favour of torture, you know that. And the people are in favour as well.”

C. State should kill people
Bolsonaro thinks the military dictatorship was good for Brazil – and the only thing it got wrong was not killing enough people. “If some innocents die, alright; in every war innocent people die. I would even be happy if I died as long as 30,000 others died together with me…The situation of the country would be better today if the dictatorship had killed more people.”

D. Civil war better than democracy

Despite winning an election, the Brazilian president has made his distaste for democracy public on multiple occasions. While celebrating the dictatorship and chiding it for not killing enough people, Bolsonaro also said that Brazil needed a civil war.

“Through the vote you will not change anything in this country, right? Nothing! Absolutely nothing! You will only change, unfortunately, on the day when we begin a civil war here inside.”

E. Indigenous people should have been “exterminated”
In a recurring theme, Bolsonaro wants all those he disagrees with killed. This is what he said about indigenous groups in 1998. “It’s a shame that the Brazilian cavalry hasn’t been as efficient as the Americans, who exterminated the Indians.”

F. Won’t rape an ugly woman

While arguing with lawmaker Maria do Rosario in 2014, Bolsonaro said he wouldn’t rape her because she was ugly and a “slut”. “I wouldn’t ever rape you, because you don’t deserve it…Slut!”

Rosario had been talking about human rights violations during Brazil’s military dictatorship when she got this response.

Bolsonaro has never expressed remorse over his words. In a later newspaper interview, Bolsonaro said Rosario was “not worth raping; she is very ugly.”

G.Son should “die in an accident” if gay
Another targeted group Bolsonaro has openly gone after is the LGBTQIA+ community. In 2011, he said that he “would be incapable of loving a homosexual son…I would prefer my son to die in an accident than show up with a mustachioed​ man.”

H. Spending state money “on sex”

Bolsonaro has openly bragged about how he used the housing allowance he got as a congressman “on sex”. “Since I was a bachelor at the time, I used the money to have sex with people,” he said in a 2018 interview.

I. Descendants of slaves are “overweight”, “do nothing”

In an April 2017 speech, Bolsonaro talked about a settlement, or quilombo, which was founded by the descendants of runaway slaves. “I visited a quilombo and the least heavy afro-descendant weighed seven arrobas (approximately 230 pounds). They do nothing! They are not even good for procreation.”

New Delhi: On Sunday morning, Brazilian President Jair Bolsonaro will be the chief guest at India’s Republic Day parade. Just a day before that, though, Bolsonaro is being criticised for a racist statement he made on his Facebook page. And this isn’t even close to the first time he’s grabbed headlines for saying something very, very problematic, particularly about groups that are already marginalised.

Here’s a list of ten remarks India’s Republic Day chief guest has made in public that got him eyeballs for all the wrong reasons. This list is not exhaustive: the Brazilian president has been saying violent, scary things for decades now.

J. Women should not get the same salary as men

In 2016, Bolsonaro said in a TV interview that it was unfair for women to get the same salaries as men since they got “more labour rights” like maternity leave. He said that he wouldn’t employ a woman “with the same salary as a man”.

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सोने की कीमत में भारी उछाल, 4000 रुपया प्रति तोला बढ़ा गोल्ड का भाव

131297-545064-untitled-1नई दिल्ली: कालेधन पर लगाम लगाने के लिए मोदी सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए मंगलवार आधी रात से 500 और 1000 रुपये के नोट बंद कर दिए हैं। इसके बाद सोने के दाम में उछाल आया है। आधी रात से सोने की कीमत में भी भारी उछाल आया है। सोने का भाव प्रति तोला 4000 रुपया बढ़ गया है। मुंबई में प्रति 10 ग्राम सोने की कीमत में 4000 रुपये का इजाफा हुआ है।

मजबूत वैश्विक रख के बीच सोने का वायदा भाव आज 1,025 रुपये की छलांग के साथ 30,000 रपये प्रति दस ग्राम के स्तर को पार कर गया। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज में सोने का दिसंबर डिलीवरी का अनुबंध 1,025 रुपये या 3.43 प्रतिशत के लाभ से 30,905 रुपये प्रति दस ग्राम पर पहुंच गया। इसमें 1,560 लॉट का कारोबार हुआ। इसी तरह सोने का फरवरी अनुबंध 894 रुपये या तीन प्रतिशत चढ़कर 30,703 रुपये प्रति दस ग्राम पर पहुंच गया। इसमें 133 लॉट का कारोबार हुआ।

अमेरिकी राष्ट्रपति पद के चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप के आगे रहने की खबरों के बीच निवेश के सुरक्षित विकल्प के रूप में सोने की मांग बढ़ी है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना चढ़कर 1,323 डालर प्रति औंस पर पहुंच गया। इससे यहां भी सोने में मजबूती आई।

 

 

Source: Naidunia

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जम्मू: आरएस पुरा में 23 घंटे से फायरिंग, BSF ने ढेर किए 3 पाक सैनिक, 6 चौकियां भी की तबाह

firing_102616075355जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान की तरफ से एक बार फिर सीजफायर का उल्लंघन किया गया है. मंगलवार रात आरएसपुरा सेक्टर और अरनिया में ये फायरिंग हुई है. इस फायरिंग को 20 घंटे से ज्यादा का समय हो गया है. बीएसएफ ने भी पाकिस्तानी रेंजर्स की 5-6 चौकी को पूरी तरह बर्बाद कर दिया है. बीएसएफ के सूत्रों के अनुसार, तीन पाकिस्तान जवान भी मारे गए है|

इस फायरिंग में 11 नागरिकों के घायल होने की भी खबर है. कुछ घर भी क्षतिग्रस्त हुए हैं.

पाकिस्तान के सिविल एरिया और कई पोस्ट्स पर भारी नुकसान होने की खबर है. सीमापार से लगातार मोर्टार दागे जा रहे हैं. छोटे हथियारों के अलावा 82 एमएम और 120 एमएम के मोर्टार गोलों का इस्तेमाल किया जा रहा है|

सेना के एक अधिकारी ने कहा कि पाकिस्तान की सेना ने राजौरी जिले के नौशेरा सेक्टर में नियंत्रण रेखा के पास सुबह 10 बजे से बिना उकसावे के संघर्ष विराम का उल्लंघन किया और हमारी चौकियों को निशाना बनाकर मोर्टार दागे और छोटे हथियारों से गोलीबारी की. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की ओर से किए जा रहे संघर्ष विराम उल्लंघन का भारतीय सेना मुंहतोड़ जवाब दे रही है|

सेना के एक अधिकारी ने कहा, ‘हमें जानकारी मिली है कि हमारे सैनिकों की जवाबी गोलीबारी में दो से तीन पाकिस्तानी जवान मारे गए हैं.’ गोलीबारी अब भी चल रही है. एक मोर्टार आरएसपुरा के सुचेतगढ़ सेक्टर के एक घर पर जा गिरा जिससे उसमें रहने वाले एक परिवार की छह महिला सदस्य घायल हो गईं|

 

 

 

Source: Aaj Tak

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विदेश सचिव ने संसदीय समिति से कहा : सेना ने पहले भी किए थे सर्जिकल स्ट्राइक

army-surgical-strikes-loc_650x400_71475656584नई दिल्ली: संसद की एक समिति को बताया गया कि सेना ने पहले भी नियंत्रण रेखा के पार आतंकवाद विरोधी अभियान चलाया था जो ‘विशिष्ट लक्ष्य वाले सीमित क्षमता के थे’, लेकिन यह पहला मौका है जब सरकार ने इसे सार्वजनिक किया है. यह टिप्पणी रक्षा मंत्री के दावे की विरोधाभासी प्रतीत होती है.

विदेश सचिव एस जयशंकर ने विदेश मामलों से संबंधित संसदीय समिति को यह सूचना दी. सांसदों ने उनसे विशिष्ट रूप से सवाल किया था कि क्या पहले भी सर्जिकल स्ट्राइक (लक्षित हमले) किए गए थे. बैठक में मौजूद सूत्रों के अनुसार, विगत में नियंत्रण रेखा के पार विशिष्ट लक्ष्य वाले, सीमित क्षमता के आतंकवाद विरोधी अभियान चलाए गए थे, लेकिन यह पहला मौका है जब सरकार ने इसे सार्वजनिक किया है.

शीर्ष राजनयिक की टिप्पणी काफी अहम है, क्योंकि रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने पिछले हफ्ते कांग्रेस के दावों को खारिज कर दिया था कि यूपीए कार्यकाल में भी लक्षित हमले किए गए थे. सदस्यों ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर कहा कि जयशंकर ने समिति से यह भी कहा कि 29 सितंबर के लक्षित हमले के बाद भी भारत पाकिस्तान से बातचीत कर रहा है, लेकिन भविष्य की बातचीत तथा इसके स्तर के बारे में कोई कैलेंडर नहीं तैयार किया गया है. उन्होंने कहा कि ऑपरेशन के समाप्त होने के बाद जल्द ही पाकिस्तानी सेना के सैन्य अभियान महानिदेशक (डीजीएमओ) को हमलों के बारे में सूचित कर दिया गया था.

करीब ढाई घंटे चली बैठक के दौरान सेना के उप प्रमुख ले. जनरल बिपिन रावत ने भी नियंत्रण रेखा के पार आतंकवादियों के ठिकानों पर लक्षित हमले का ब्यौरा दिया. सरकार के प्रतिनिधियों ने पैनल से कहा कि हमलों ने मकसद को अभी पूरा कर दिया है और पाकिस्तानी प्रतिष्ठान में हमेशा यह संदेह कायम रहेगा कि क्या भारत भविष्य में भी ऐसे अभियान चला सकता है. कांग्रेस के एक सदस्य जानना चाहते थे कि क्या भविष्य में भी ऐसे अभियान चलाए जा सकते हैं. सरकार के प्रतिनिधियों ने कहा कि ‘काफी कुछ सहने के बाद’ हमले किए गए|

  1. विदेश सचिव एस जयशंकर ने विदेश मामलों से जुड़ी संसदीय समिति को जानकारी दी
  2. उन्होंने कहा, यह पहला मौका जब सरकार ने सर्जिकल स्ट्राइक को सार्वजनिक किया
  3. जयशंकर की यह टिप्पणी रक्षा मंत्री के दावे की विरोधाभासी प्रतीत होती है

नई दिल्ली: संसद की एक समिति को बताया गया कि सेना ने पहले भी नियंत्रण रेखा के पार आतंकवाद विरोधी अभियान चलाया था जो ‘विशिष्ट लक्ष्य वाले सीमित क्षमता के थे’, लेकिन यह पहला मौका है जब सरकार ने इसे सार्वजनिक किया है. यह टिप्पणी रक्षा मंत्री के दावे की विरोधाभासी प्रतीत होती है.

विदेश सचिव एस जयशंकर ने विदेश मामलों से संबंधित संसदीय समिति को यह सूचना दी. सांसदों ने उनसे विशिष्ट रूप से सवाल किया था कि क्या पहले भी सर्जिकल स्ट्राइक (लक्षित हमले) किए गए थे. बैठक में मौजूद सूत्रों के अनुसार, विगत में नियंत्रण रेखा के पार विशिष्ट लक्ष्य वाले, सीमित क्षमता के आतंकवाद विरोधी अभियान चलाए गए थे, लेकिन यह पहला मौका है जब सरकार ने इसे सार्वजनिक किया है.

शीर्ष राजनयिक की टिप्पणी काफी अहम है, क्योंकि रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने पिछले हफ्ते कांग्रेस के दावों को खारिज कर दिया था कि यूपीए कार्यकाल में भी लक्षित हमले किए गए थे. सदस्यों ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर कहा कि जयशंकर ने समिति से यह भी कहा कि 29 सितंबर के लक्षित हमले के बाद भी भारत पाकिस्तान से बातचीत कर रहा है, लेकिन भविष्य की बातचीत तथा इसके स्तर के बारे में कोई कैलेंडर नहीं तैयार किया गया है. उन्होंने कहा कि ऑपरेशन के समाप्त होने के बाद जल्द ही पाकिस्तानी सेना के सैन्य अभियान महानिदेशक (डीजीएमओ) को हमलों के बारे में सूचित कर दिया गया था.


करीब ढाई घंटे चली बैठक के दौरान सेना के उप प्रमुख ले. जनरल बिपिन रावत ने भी नियंत्रण रेखा के पार आतंकवादियों के ठिकानों पर लक्षित हमले का ब्यौरा दिया. सरकार के प्रतिनिधियों ने पैनल से कहा कि हमलों ने मकसद को अभी पूरा कर दिया है और पाकिस्तानी प्रतिष्ठान में हमेशा यह संदेह कायम रहेगा कि क्या भारत भविष्य में भी ऐसे अभियान चला सकता है. कांग्रेस के एक सदस्य जानना चाहते थे कि क्या भविष्य में भी ऐसे अभियान चलाए जा सकते हैं. सरकार के प्रतिनिधियों ने कहा कि ‘काफी कुछ सहने के बाद’ हमले किए गए.


हमले में आतंकवादियों के हताहत होने के बारे में सवाल किए जाने पर अधिकारियों ने कहा कि सेना नियंत्रण रेखा के पार हमले करने गयी थी न कि सबूत एकत्र करने. बैठक के दौरान बीजेपी और वाम दल के एक सदस्य के बीच शब्दों का आदान प्रदान हुआ जब हमलों के बाद सांसदों की सुरक्षा का मुद्दा उठाया गया. कुछ सदस्यों ने कहा कि बैठक का विषय निजी सुरक्षा नहीं बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा है.

विशेष सचिव आंतरिक सचिव एम के सिंघला ने अति महत्वपूर्ण लोगों को दी जा रही सुरक्षा के बारे में समिति को सूचित किया. बैठक में रक्षा सचिव जी मोहन कुमार और सीमा सुरक्षा बल के महानिदेशक के के शर्मा भी शामिल हुए. कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी समिति के सदस्य हैं. एक सदस्य ने कहा कि वह बैठक में शामिल हुए, लेकिन उन्होंने कोई सवाल नहीं पूछा.

विदेश सचिव ने संसदीय समिति से कहा : सेना ने पहले भी किए थे सर्जिकल स्ट्राइक Read More

यूपी: बरेली में मुहर्रम जुलूस के दौरान हंगामा, पथराव-फायरिंग में कई लोग घायल

etx-6am-bareilly-danga-pkg-1310-rch-00_12_56_02-still001-580x395बरेली: उत्तर प्रदेश में बरेली के नवाबगंज में मुहर्रम जुलूस के दौरान दो समुदायों में झड़प हो गई. देखते ही पथराव और फायरिंग भी शुरू हो गई है. इस झड़प में कई लोग घायल हुए हैं. पुलिस अब हालात काबू में होने का दावा कर रही है और हिंसा फैलाने वालों की पहचान की जा रही है.

मुहर्रम के दिन ताजिया निकालने के दौरान हुए विवाद में दो समुदायों के बीच झड़प इतनी बढ़ी की नौबत पथराव और फायरिंग तक पहुंच गई. इस झगड़े में करीब 2 दर्जन लोग घायल हो गए. घायलों में से कुछ का कहना है कि जुलूस में शामिल कुछ लोग पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगा रहे थे, जिसका विरोध करने पर विवाद बढ़ गया.

मुहर्ऱम के जुलूस में शामिल लोग एक परिवार के लोगों पर उन्हें निशाना बनाने का आरोप लगा रहे हैं. पुलिस पर भी सवाल उठ रहे हैं.

पुलिस हालात काबू में होने का दावा कर रही है लेकिन तनाव को देखते हुए पूरे इलाके में फोर्स तैनात कर दी गई है. साथ ही उन लोगों की पहचान की जा रही है जो हिंसा में शामिल थे.

 

 

Source: ABP

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