कोरोना वायरस ने बिगाड़ा Tennis का खेल; अब चीन नहीं, इस देश खेलने जाएगी भारतीय टीम

चीन में फैले कोराना वायरस (Coronavirus) का असर अब खेलों पर भी पड़ने लगा है. अंतरराष्ट्रीय टेनिस महासंघ (आईटीएफ) ने फेड कप (Fed Cup) मैचों को चीन के बजाय अब कजाकिस्तान में आयोजित कराने का फैसला किया है. अखिल भारतीय टेनिस संघ (एआईटीए) ने कहा कि चीन (China) में होने वाले मैचों को कजाकिस्तान (Kazakhastan) स्थानांतरित किया गया है |

चीन में कोराना वायरस के कारण आपात चिकित्सा स्थिति पैदा होने के चलते एआईटीए ने आईटीएफ को पत्र लिखकर फेड कप टूर्नामेंट के स्थान को बदलने या इसे स्थगित करने का अनुरोध किया था. इस पत्र का जवाब आ गया है. एआईटीएफ महासचिव हिरणमय चटर्जी ने कहा, ‘आईटीएफ ने कहा है कि मैचों को कजाकिस्तान स्थानांतरित किया गया है.’ कोरोना वायरस से चीन में अब तक 56 लोगों की जान जा चुकी है |
फेड कप टेनिस टूर्नामेंट पहले चार फरवरी से डोंगुआन में होना था. अब यह मैच कजाकिस्तान में होगा. भारतीय टीम को सानिया मिर्जा (Sania Mirza) के बिना ही इस टूर्नामेंट के लिए कजाकिस्तान का दौरा करना पड़ सकता है. सानिया को पिंडली की चोट के कारण आस्ट्रेलियन ओपन के महिला युगल के पहले दौर के मैच से हटना पड़ा था. फेड कप में सानिया के लिए टोक्यो ओलंपिक के लिए टिकट पाने का मौका है. वे चार साल बाद भारतीय फेड कप टीम में लौटी हैं |

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Celebrity at Grammy Award 2020

प्रियंका चोपड़ा ग्रेमी अवार्ड 2020 में दिखी हाफ न्यूड

आजकल प्रियंका चोपड़ा अपने ग्रेमी अवार्ड के ऑउटफिट को लेकर सोशल मीडिया में काफी चर्चे में है | प्रियंका के फेन इस लॉन्ग नेक लाइन ड्रेस को पचा नहीं पा रहे और अलग अलग तरह के कमेंट कर रहे हैं |
ग्रेमी  वाली ड्रेस को लेकर   इन्टरनेट पर लगातार छाई हुई है | ग्रेमी अवार्ड 2020   में दुनिया भर से फ़िल्मी हस्तियों  हिस्सा लिया   लेकिन बॉलीवुड की प्रियंका चोपड़ा ने सबसे ज्यादा सुर्खियाँ बटोरी | हालांकि जिस ड्रेस को लेकर   प्रियंका सेंसेसन बनी रही कई भारतीय को बिलकुल भी पसंद नहीं आई |
Bollywood Celebrity Priyanka Chopra at Grammy Award 2020

 

वैसे, बता दें कि जैसे ही प्रियंका की ये तस्वीरें इंटरनेट पर आनी शुरू हुई, लोग उनके इस स्टाइल की तुलना हॉलिवुड ऐक्ट्रेस और सिंगर जेनिफर लोपेज से करने लगे, जो साल 2020 में आयोजित ग्रैमी अवॉर्ड्स के दौरान कुछ ऐसी ही ड्रेस में नजर आई थीं। जेनिफर का वह ग्रीन गाउन भी नाभि से नीचे तक के कट वाला था, जिसकी उस वक्त खूब चर्चा रही थी। जेनिफर जैसी प्रियंका की इस ड्रेस पर सोशल मीडिया पर कॉमेंट्स की बाढ़ सी आ गई। हांलांकि, कुछ लोगों को उनकी यह ड्रेस खास लगी और ‘उनकी बॉडी उनकी चॉइस’ जैसी बातें कही तो कई लोगों ने जमकर आलोचना कर डाली। नीचे देखिए, लोगों ने उनकी इस ड्रेस को देखकर कैसे-कैसे कॉमेंट्स कर डाले। लोगों को उनकी यह डीप नेकलाइन बिल्कुल नहीं भाई।


 

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Brazilian President Jair Bolsonaro will be the chief guest at India’s Republic Day parade

At India’s Republic Day parade Brazilian President Jair Bolsonaro will be the chief guest . On his Facebook page Mr. Jair Bolsonaso said just a day before.

And this isn’t even close to the first time he’s grabbed headlines for saying something very, very problematic, particularly about groups that are already marginalised.

Here’s a list of ten remarks India’s Republic Day chief guest has made in public that got him eyeballs for all the wrong reasons. This list is not exhaustive: the Brazilian president has been saying violent, scary things for decades now.

A. Indigenous people are “becoming human beings”

To start from the most recent: On his regular Facebook broadcast, Bolsonaro on Thursday said, “Indians are undoubtedly changing…They are increasingly becoming human beings just like us.” He was referring not to Indians in India, but indigenous people in Brazil.

Unsurprisingly, indigenous rights activists – who have been criticising the Brazilian president for his remarks and policies since he was elected – have lashed out at Bolsonaro for this remark. “The indigenous were always humans just like anyone else. It’s Bolsonaro…who is revealing himself to be less and less human,” tweeted the Brazilian journalist Leonardo Sakamoto in response.
https://www.youtube.com/watch?v=Mnm312zabUI

B. Torture is good
The Brazilian president is a supporter of state-sponsored violence and torture. “Brazilian prisons are wonderful places…they are places for people to pay for their sins, not live the life of Reilly in a spa,” he said in 2014. In 1999, he had been even more direct with his words: “I am in favour of torture, you know that. And the people are in favour as well.”

C. State should kill people
Bolsonaro thinks the military dictatorship was good for Brazil – and the only thing it got wrong was not killing enough people. “If some innocents die, alright; in every war innocent people die. I would even be happy if I died as long as 30,000 others died together with me…The situation of the country would be better today if the dictatorship had killed more people.”

D. Civil war better than democracy

Despite winning an election, the Brazilian president has made his distaste for democracy public on multiple occasions. While celebrating the dictatorship and chiding it for not killing enough people, Bolsonaro also said that Brazil needed a civil war.

“Through the vote you will not change anything in this country, right? Nothing! Absolutely nothing! You will only change, unfortunately, on the day when we begin a civil war here inside.”

E. Indigenous people should have been “exterminated”
In a recurring theme, Bolsonaro wants all those he disagrees with killed. This is what he said about indigenous groups in 1998. “It’s a shame that the Brazilian cavalry hasn’t been as efficient as the Americans, who exterminated the Indians.”

F. Won’t rape an ugly woman

While arguing with lawmaker Maria do Rosario in 2014, Bolsonaro said he wouldn’t rape her because she was ugly and a “slut”. “I wouldn’t ever rape you, because you don’t deserve it…Slut!”

Rosario had been talking about human rights violations during Brazil’s military dictatorship when she got this response.

Bolsonaro has never expressed remorse over his words. In a later newspaper interview, Bolsonaro said Rosario was “not worth raping; she is very ugly.”

G.Son should “die in an accident” if gay
Another targeted group Bolsonaro has openly gone after is the LGBTQIA+ community. In 2011, he said that he “would be incapable of loving a homosexual son…I would prefer my son to die in an accident than show up with a mustachioed​ man.”

H. Spending state money “on sex”

Bolsonaro has openly bragged about how he used the housing allowance he got as a congressman “on sex”. “Since I was a bachelor at the time, I used the money to have sex with people,” he said in a 2018 interview.

I. Descendants of slaves are “overweight”, “do nothing”

In an April 2017 speech, Bolsonaro talked about a settlement, or quilombo, which was founded by the descendants of runaway slaves. “I visited a quilombo and the least heavy afro-descendant weighed seven arrobas (approximately 230 pounds). They do nothing! They are not even good for procreation.”

New Delhi: On Sunday morning, Brazilian President Jair Bolsonaro will be the chief guest at India’s Republic Day parade. Just a day before that, though, Bolsonaro is being criticised for a racist statement he made on his Facebook page. And this isn’t even close to the first time he’s grabbed headlines for saying something very, very problematic, particularly about groups that are already marginalised.

Here’s a list of ten remarks India’s Republic Day chief guest has made in public that got him eyeballs for all the wrong reasons. This list is not exhaustive: the Brazilian president has been saying violent, scary things for decades now.

J. Women should not get the same salary as men

In 2016, Bolsonaro said in a TV interview that it was unfair for women to get the same salaries as men since they got “more labour rights” like maternity leave. He said that he wouldn’t employ a woman “with the same salary as a man”.

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जापान में 6.9 तीव्रता का भूकंप, सुनामी की लहरें फुकुशिमा प्लांट से टकराईं

imagesटोक्यो
जापान के उत्तरी हिस्से में 6.9 मैग्निट्यूड क्षमता का भूकंप आने के बाद सुनामी की चेतावनी जारी हुई। यह भूकंप भारतीय समय के मुताबिक, रात करीब ढाई बजे आया। मंगलवार को आए इस भूकंप के कारण समुद्र में करीब एक मीटर ऊंची सुनामी की लहरें उठीं। ये लहरें किनारे पर स्थित फुकुशिमा न्यूक्लियर पावर प्लांट से भी टकराईं। फुकुशिमा से करीब 70 किलोमीटर दूर सेंदाई में 1.4 मीटर ऊंची सुनामी लहरें देखी गईं। चेतावनी जारी करते हुए बताया गया था कि समुद्र में करीब 10 फुट ऊंची सुनामी लहरें उठ सकती हैं, लेकिन यह चेतावनी अब वापस ले ली गई है। हवाई स्थित प्रशांत महासागर के सुनामी चेतावनी केंद्र ने कहा है कि अब सुनामी का खतरा करीब-करीब खत्म हो चुका है।

भूकंप की खबर दिखाते हुए जापान के न्यूज चैनल NHK ने यहां रहने वाले लोगों को तुरंत इलाका खाली कर ऊंचे इलाकों में चले जाने की सलाह दी। इससे पहले मार्च 2011 में भी जापान सुनामी के कहर का सामना कर चुका है। उस समय 18,500 से ज्यादा लोग या तो मारे गए या फिर लापता हो गए। इसके अलावा, फुकुशिमा डायची पावर प्लांट के 3 रिऐक्टर भी सुनामी के कारण पिघल गए थे। यह दुनिया के सबसे बड़े न्यूक्लियर हादसों में से एक था।

प्लांट ऑपरेटर TEPCO के एक अधिकारी ने बताया कि पावर प्लांट के पास समुद्र की लहरें करीब एक मीटर तक ऊपर उठीं। हालांकि कंपनी के प्रवक्ता ने यह भी बताया कि अभी तक किसी तरह के नुकसान की खबर नहीं है। TEPCO ने पहले बताया था कि फुकुशिमा डायची प्लांट में एक रिऐक्टर के अंदर पानी ठंडा रखने का सिस्टम कुछ देर के लिए बंद हो गया था, लेकिन इसे दोबारा शुरू किया जा चुका है। फुकुशिमा ऑपरेटर ने बताया कि वॉटर कूलिंग सिस्टम का बंद होना ऑटोमैटिक प्रक्रिया का हिस्सा था। NHK के मुताबिक, सुनामी के कारण उठीं कई और लहरें उत्तरपश्चिमी किनारे से टकराईं। इनमें सबसे ऊंची लहर करीब 1.4 मीटर (4.6 फुट) की थीं।

NHK ने इस भूकंप की खबर जारी करते हुए लिखा, ‘सुनामी! भागो!’ लोगों को स्थिति की गंभीरता के बारे में बताने के लिए यह संदेश चटख लाल रंग के बैंड पर सफेद अक्षरों में लिखा गया था। हालांकि NHK द्वारा जारी की गई तस्वीरों से किसी भी तरह के जानमाल के नुकसान का संकेत नहीं मिला है। जापान के प्रधानमंत्री शिंजो एबे फिलहाल अर्जेंटीना के दौरे पर हैं। भूकंप की खबरों के बारे में जानकारी मिलने के बाद उन्होंने केंद्र सरकार को स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर प्रभावित लोगों के लिए राहत कार्य करने का निर्देश दिया है।

भूकंप का केंद्र फुकुशिमा के पास समुद्र के अंदर करीब 11.3 किलोमीटर की गहराई में था…

अमेरिका के जियोलॉजिकल सर्वे ने बताया कि 6.9 मैग्निट्यूड क्षमता का यह भूकंप समुद्र में करीब 11.3 किलोमीटर की गहराई में पैदा हुआ। फुकुशिमा के पास प्रशांत महासागर में आया यह भूकंप जापान के समय के अनुसार, मंगलवार सुबह करीब 6 बजे आया। उधर न्यूजी लैंड में भी मंगलवार को 5.6 तीव्रता का भूकंप आया। इसमें जानमाल के नुकसान की कोई खबर नहीं है।

Source: Navbharat Times

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ट्रंप को अच्छा दोस्त मानते हैं पीएम मोदी, साथ काम करने के लिए उत्साहित

modi-trump_147918642996_650x425_111516104219प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ काम करने के लिए उत्साहित हैं. पीएम मोदी का मानना है कि ट्रंप से उनके रिश्ते अच्छे हैं और आने वाली उनकी रिपब्लिकन सरकार भारत के साथ मिलकर काम करेगी|

लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन के संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने से पहले डिनर दिया था, जिसमें पीएम मोदी भी पहुंचे थे. डिनर के दौरान ही पीएम ट्रंप और अगली अमेरिकी सरकार के बारे में ये बातें कही.

डोनाल्ड ट्रंप से बताए अच्छे रिश्ते
डिनर में जब पीएम से पूछा गया कि वो ट्रंप के साथ कैसे रिश्ते रखना चाहते हैं तो उन्होंने कहा कि रिपब्लिकन नेता के साथ उनके अच्छे संबंध हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों में किसी तरह के बदलाव का कोई सवाल ही नहीं उठता.

बराक ओबामा ने मोदी को बताया था अच्छा दोस्त
आपको बता दें कि डेमोक्रेटिक पार्टी की सत्ता के दौरान अमेरिका और भारत के बीच रिश्तों में काफी सुधार आया है. डेमोक्रेटिक राष्ट्रपति बराक ओबामा तो पीएम मोदी को अपना दोस्त तक बता चुके हैं. हालांकि डोनाल्ड ट्रंप भी प्रचार अभियान के दौरान भारत को लेकर अपने झुकाव की बात कर चुके हैं|

मोदी ने ट्रंप को दी थी जीत की बधाई
हाल ही में अमेरिका में संपन्न हुए राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की जीत हुई थी. पीएम मोदी ने फोन करके उन्हें जीत की बधाई दी थी और साथ ही चुनाव अभियान के दौरान भारत के लिए बोले गई बातों के लिए भी शुक्रिया अदा किया था. उन्होंने ट्रंप से कहा था कि भारत के लिए जिस तरह आपने दोस्ती का इजहार किया हम उसके लिए आभारी हैं|

 

Source: Aaj Tak

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अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव रिजल्ट 2016: डोनाल्ड ट्रंप ने रचा इतिहास, मुकाबले में हिलेरी को दी मात

131313-trump-145वॉशिंगटन: हाल में राजनीति में कदम रखने वाले अरबपति कारोबारी डोनाल्ड ट्रंप ने सभी बाधाओं को पार करते हुए कांटे के चुनावी मुकाबले में अनुभवी नेता हिलेरी क्लिंटन को आज मात दे दी और इसके साथ ही उनके चुनाव सर्वेक्षकों को हैरान करते हुए अमेरिका के 45वें राष्ट्रपति बनने का रास्ता साफ हो गया।

अमेरिका की पहली महिला राष्ट्रपति बनने का सपना संजोए चुनावी मैदान में उतरी डेमोक्रेटिक उम्मीदवार हिलेरी की उम्मीदें इस परिणाम के साथ ही टूट गईं। ट्रंप ने निर्वाचन मंडल के 289 मत हासिल करके शानदार जीत हासिल की जबकि हिलेरी को 218 मत मिले। राष्ट्रपति पद का चुनाव जीतने के लिए उम्मीदवार को निर्वाचन मंडल के 538 मतों में से 270 मत हासिल करने की आवश्यकता होती है। 70 वर्षीय ट्रंप ने पेनसिल्वेनिया, ओहायो, फ्लोरिडा, टेक्सास और उत्तर कैरोलिना जैसे राज्यों में शानदार प्रदर्शन करके चुनाव सर्वेक्षकों को गलत साबित कर दिया और जीत पर कब्जा कर लिया।

ट्रंप ने अपनी चुनाव प्रचार मुहिम के मुख्यालय में अपने समर्थकों से कहा, ‘यह हम सब के लिए एकजुट जनता के रूप में साथ आने का समय है। मैं हमारी सरजमीं के हर नागरिक से वादा करता हूं कि मैं सभी अमेरिकियों का राष्ट्रपति बनूंगा।’ ट्रंप ने बताया कि हिलेरी ने उन्हें फोन करके जीत की बधाई दी। उन्होंने कहा, ‘मैं उन्हें उनकी शानदार मुहिम पर बधाई देता हूं। देश पर उनका बहुत एहसान है।’ ट्रंप ने कहा, ‘हमारी प्रचार मुहिम नहीं बल्कि एक आंदोलन था। यह सभी जातियों, पृष्ठभूमियों एवं आस्थाओं का आंदोलन था। हम साथ मिलकर देश के पुनर्निर्माण का अत्यंत आवश्यक कार्य आरंभ करेंगे। देश में अपार संभावनाएं हैं।’ उन्होंने तालियों की गड़गड़ाहट के बीच अपने समर्थकों से कहा, ‘हम अंदरूनी शहरों में हालात दुरस्त करेंगे। हम हमारी बुनियादी सुविधाओं का निर्माण करेंगे। इसके पुनर्निर्माण में हम लाखों लोगों को काम मुहैया कराएंगे।’

सीएनएन के अनुमान के अनुसार ट्रंप ने 29 राज्यों और हिलेरी ने 18 राज्यों में जीत हासिल की। चैनल के अनुसार ट्रंप ने पेनसिल्वेनिया, फ्लोरिडा, अलास्का, यूटा, आयोवा, एरिजोना, विस्कॉन्सिन, जॉर्जिया, ओहायो, उत्तर कैरोलिना, उत्तर डकोटा, दक्षिण डकोटा, नेब्रास्का, कंसास, ओकलाहोमा, टेक्सास, व्योमिंग, इंडियाना, केंटुकी, टेनेसी, मिसीसिपी, अरकंसास, लुइसियाना, पश्चिम वर्जीनिया, अलबामा, दक्षिण कैरोलिना, मोंटाना, इडाहो और मिसौरी में जीत हासिल की।

हिलेरी ने कैलिफोर्निया, नेवादा, हवाई, इलिनोइस, न्यूयार्क, न्यूजर्सी, मैरीलैंड, डिस्ट्रिक्ट ऑफ कोलंबिया, वर्मोंट, मैसाचुसेट्स, कनेक्टिकट, डेलावेयर, कोलोराडो, न्यू मेक्सिको, वर्जीनिया, ओरेगन, वॉशिंगटन और रोह्ड आइलैंड में जीत प्राप्त की। छुपा रस्तम निकली ट्रंप की विचित्र प्रचार मुहिम के देश भर में लय पकड़ने के साथ ही रिपब्लिकन उम्मीदवार के समर्थक न्यूयार्क में हिल्टन होटल बॉलरूम में एकत्र होने लगे।

ट्रंप के लिए एक समय राष्ट्रपति बनना दूर की कौड़ी समझा जा रहा था। न्यूयॉर्क के अरबपति ट्रंप ने अमेरिका के औसत श्वेत कामकाजी वर्ग के सत्ता प्रतिष्ठान से मोहभंग का लाभ उठाया और प्रवासी विरोधी बयानबाजी के दम पर प्रचार मुहिम आगे बढ़ाई जो चुनाव के लिहाज से सोने की खान साबित हुई। महिलाओं एवं प्रवासियों पर ट्रंप की टिप्पणियों के कारण कई शीर्ष रिपब्लिकनों ने ट्रंप की आलोचना की थी और प्राइमरी चुनाव में बड़ी जीत के बावजूद कई पार्टी नेताओं ने उन्हें समर्थन देने से इनकार कर दिया था।

अधिकतर विशेषज्ञों ने कहा कि एफबीआई ने 69 वर्षीय हिलेरी के खिलाफ ईमेल मामले में जांच शुरू करने की जो घोषणा की थी, उसी ने चुनाव का रूख ट्रंप के समर्थन में मोड़ दिया लेकिन एफबीआई ने हिलेरी को चुनाव से पहले अंतिम समय में क्लीन चिट दे दी हालांकि तब तक शायद बहुत देर हो चुकी थी।

पेश है लाइव अपडेट्स

-हिलेरी क्लिंटन ने डोनाल्ड ट्रंप को फोन कर अपनी हार स्वीकार की : सीएनएन ।

-रिपब्लिकन डोनाल्ड ट्रंप अमेरिकी राष्ट्रपति पद के चुनाव में विजयी : अमेरिकी मीडिया।

-डोनाल्ड ट्रंप को मिले 276 वोट।

-कड़े मुकाबले में हिलेरी क्लिंटन को दी मात

डोनाल्ड ट्रंप होंगे अमेरिका के नए राष्ट्रपति।

-हिलेरी क्लिंटन को अबतक 218 वोट मिले।

-डोनाल्ड ट्रंप की जीत लगभग तय।

-मिशिगन और मिनसोटा में काउंटिंग जारी।

-राष्ट्रपति पद से सिर्फ चार वोट पीछे हैं ट्रंप।

हिलेरी क्लिंटन इस कड़े मुकाबले में पिछड़ गई प्रतीत हो रही हैं।

-ट्रंप ने अहम राज्यों में जीत हासिल की

-चुनाव जीतने के करीब पहुंचे

हिलेरी के मुकाबले ट्रंप का पलड़ा भारी

– 50 में से 37 राज्यों के नतीजे आए।

-ट्रंप को 21 राज्यों में बढ़त, 16 में हिलेरी आगे।

-ट्रंप ने अहम राज्य ओहायो में जीत हासिल की। रिपब्लिकन उम्मीदवार , हिलेरी के पास निर्वाचन मंडल के 109 मतों के मुकाबले 167 मतों से आगे

-27 राज्यों के 17 में ट्रंप की जीत।

-हिलेरी के 104 इलेक्टोल वोट्स की जीत।

-ट्रंप के 140 इलेक्ट्रोल वोट्स की जीत।

-50 राज्यों में 26 के नतीजे आए।

-10 राज्यों में जीती हिलेरी।

-कनेक्टिकट से हिलेरी क्लिंटन और लुइसियाना से ट्रम्प जीते।

-अभी तक के रूझानों के मुताबिक डोनाल्ड ट्रंप हिलेरी क्लिंटन से आगे हैं।

-ट्रंप को 139 इलेक्टोरल वोट और हिलेरी को 104 पर बढ़त मिली है।

-न्यू यॉर्क टाइम्स के मुताबिक, 38 इलेक्टोरल वोट वाले राज्य टेक्सस में ट्रंप ने हिलरी को पछाड़ा।

-हाउस ऑफ रेप्रिज़ेंटटिव में रिपब्लिकन्स ने फिर हासिल किया बहुमत।

-हिलेरी ने इलिनोइस, न्यू जर्सी, मेरीलैंड, डेलावरे, रोड आइलैंड, कोलंबिया में जीत हासिल की है, वहीं ट्रंप ने ओक्लाहोमा, मिसिसिप्पी, फलौरिडा, -पेंसिल्वेनिया और न्यू हैम्पशायर में जीत हासिल कर ली है।

-केंटुकी और इंडियाना में डोनाल्ड ट्रंप जीत गए हैं।

-वरमोंट में हिलेरी क्लिंटन ने जीत दर्ज की है।

-न्यू हैंपशायर में हिलेरी क्लिंटन ने ट्रंप पर 32-25 से बढ़त बनाई।

-हिलेरी ने ट्रंप को हार्ट्स लोकेशन में 17-14 से हराते हुए जीत दर्ज की है।

-रिपब्लिकन प्रतिनिधि सभा में बहुमत बनाए रखने को तैयार : अमेरिकी नेटवर्क।

-अमेरिकी चुनाव में पहले छह राज्यों में मतदान संपन्न।

-अमेरिकी चुनाव प्रणाली के ‘पहले ही मतदान करने’ के प्रावधान का इस्तेमाल करते हुए रिकार्ड 4. 2 करोड़ लोग पहले ही वोट डाल चुके हैं।

 

Source: ZNews

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अमरीका का राष्ट्रपति चुनाव अगर टाई हो गया तो?

_92302651_8cb38719-a878-4f71-8685-865bc56bba75अमरीकी चुनाव का मैजिकल यानी जादुई नंबर है 270. अगर रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनल्ड ट्रंप और डेमोक्रेटिक पार्टी की प्रत्याशी हिलेरी क्लिंटन दोनों को 538-सदस्य वाले इलेक्टोरल कॉलेज में 269-269 वोट मिले तो नतीजा बराबरी पर ख़त्म होगा यानी मुक़ाबला टाई हो जाएगा

चुनाव के नतीजे बुधवार को आने वाले हैं. डोनल्ड ट्रंप और हिलेरी क्लिंटन के बीच मुक़ाबला टक्कर का है. विशेषज्ञ कहते हैं कि चुनाव का नतीजा कुछ भी हो सकता है.

 

डर इस बात का है कि डोनल्ड ट्रम्प हारने की सूरत में कहीं नतीजे को चुनौती न दे दें. उन्होंने चुनावी मुहिम के आख़िरी दौर के लगभग हर भाषण में ये बात कही है कि अगर वो हारे तो उन्हें नतीजा स्वीकार नहीं होगा.

उन्होंने चुनावी प्रक्रिया को भ्रष्ट कहा है और उन्हें डर इस बात का है कि कहीं उनके ख़िलाफ़ साज़िश न हो. उनके समर्थकों को भी ऐसा लगता है कि अमरीकी प्रशासन, हिलेरी क्लिंटन के पक्ष में काम कर सकता है.

दिलचस्प बात ये है कि अगर वो इलेक्टोरल कॉलेज के वोट में पीछे रह गए, तो पॉपुलर वोट में आगे होने के बावजूद चुनाव हार सकते हैं, . ऐसे में वो और उनके समर्थक चुनाव के नतीजे को अस्वीकार कर सकते हैं.

आम जनता के वोट यानी पॉपुलर वोट में जीत के अलावा दोनों उम्मीदवारों की निगाहें इलेक्टोरल कॉलेज के वोटों पर टिकी होंगीं. पॉपुलर वोट में बहुमत और इलेक्टोरल कॉलेज में अपने प्रतिस्पर्धी से कम वोट हासिल करने के बावजूद उम्मीदवार की हार हो सकती है.

आपको याद होगा 2000 के चुनाव में अल गोर पॉपुलर वोट में जॉर्ज बुश से पांच लाख अधिक वोट लाए, लेकिन सीनेट में थोड़ा पीछे रह गए, जिसके कारण वो चुनाव हार गए थे.

अगर मुक़ाबला टाई पर ख़त्म हुआ तो क्या होगा? अमरीकी संविधान के 12वें संशोधन के अनुसार अमरीकी कांग्रेस राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति का चुनाव करेगा. कांग्रेस के हाउस ऑफ़ रेप्रज़ेंटेटिव्स की ज़िम्मेदारी राष्ट्रपति को चुनने की होगी, जबकि सीनेट उपराष्ट्रपति चुनेगा.

सीनेट की 100 सीटों में इस समय रिपब्लिकन पार्टी के पास 54 सीटें हैं, जबकि मंगलवार को 34 सीटों के लिए चुनाव होगा। हाउस ऑफ़ रेप्रेजेंटेटिव्स में इस समय 247 सीटों के साथ रिपब्लिकन पार्टी को बहुमत हासिल है, जबकि डेमोक्रेटिक पार्टी की 188 सीटें हैं.

हाउस की सदस्यता के चुनाव हर दो साल पर होते हैं. एक चुनाव राष्ट्रपति पद के चुनाव के साथ होता है और दूसरा इसके दो साल बाद.

अब मंगलवार के बाद ही ये साफ़ होगा कि दोनों सदनों में रिपब्लिकन पार्टी का बहुमत बरक़रार रहेगा या नहीं.

लेकिन ज़रा इस स्थिति पर ग़ौर कीजिये: राष्ट्रपति पद के चुनाव में टाई की सूरत में राष्ट्रपति और उप राष्ट्रपति अलग-अलग पार्टियों के बन सकते हैं. अगर हाउस ऑफ़ रेप्रेजेंटेटिव्स में रिपब्लिकन पार्टी का बहुमत बना रहता है, तो ट्रम्प राष्ट्रपति घोषित किए जा सकते हैं. और अगर सीनेट में बहुमत डेमोक्रेटिक पार्टी को मिलता है तो उप राष्ट्रपति, हिलेरी क्लिंटन के रनिंग मेट टिम केन चुने जा सकते हैं.

ऐसा अमरीका के इतिहास में एक बार हो चुका है. साल 1796 में चुनाव बाद राष्ट्रपति जॉन एडम्स बने थे और उनके विपक्षी दल के थॉमस जेफ़रसन उप राष्ट्रपति बने थे.

अमरीकी कांग्रेस के दोनों सदन यानी हाउस ऑफ़ रेप्रेजेंटेटिव्स और सीनेट में रिपब्लिकन पार्टी के बहुमत के आसार हैं. इस सूरत में रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार ट्रम्प को कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए.

लेकिन अमरीकी चुनाव पर नज़र रखने वाले भारतीय पत्रकार अजित साही के अनुसार असंभव भी संभव हो सकता है. वो कहते हैं, “रूस के राष्ट्रपति पुतिन और नाटो के बारे में ट्रम्प का जो रवैया रहा है या उनके खिलाफ यौन उत्पीड़न के जो आरोप लगे हैं, उसकी वजह से कांग्रेस में रिपब्लिकन पार्टी के मेंबर हिलेरी क्लिंटन के पक्ष में जा सकते हैं.”

वो आगे कहते हैं कि इसकी सम्भावना कम है. उन्होंने कहा, “अगर ट्रम्प हारे तो वो नतीजा स्वीकार कर लेंगे. अगर नहीं किया तो रिपब्लिकन पार्टी उन्हें अलग-अलग थलग करके नतीजा स्वीकार कर सकती है.”

लेकिन टाई होने की सूरत में हिलेरी, रिपब्लिकन पार्टी को ये यक़ीन दिलाने की कोशिश करेंगी कि अगर राष्ट्रपति चुनी गईं तो वो दोनों पार्टियों के एजेंडे को साथ लेकर चलेंगी. विशेषज्ञों के अनुसार ट्रम्प रिपब्लिकन पार्टी के नेताओं में इस समय लोकप्रिय नहीं हैं.

अमरीकी विशेषज्ञ कहते हैं कि क्लिंटन की अगर जीत हुई तो भी उन्हें कांग्रेस में रिपब्लिकन पार्टी के सदस्यों के साथ मिलकर काम करना होगा, वरना वो उसी तरह से परेशान होंगी, जैसे राष्ट्रपति बराक ओबामा हुए थे|

अमरीका का राष्ट्रपति चुनाव अगर टाई हो गया तो? Read More

हिंदी मूवी “शेख़चिल्ली दी ग्रेट” के गाने वर्ल्ड वाइड रिलीज

sheikhchilli-the-great-posterजिसका इन्तजार आप काफी दिनों से कर रहे थे अब वह मूवी “शेखचिल्ली दी ग्रेट” जल्द ही सिनेमाघरों में देख पाएंगे | गोल्डन फैदर फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड के प्रोड्यूसर दीपक शाही एवं राजकुमार जी ने बताया की दीपावली के शुभ घड़ी इस मूवी का वर्ल्ड वाइड ऑडियो रिलीज  किया जा रहा है | म्यूजिक कंपनी Incense Audio द्वारा इस गानों को आप Digital Store (Google Play Store/ Android v4+, iOS v7+, or by exporting MP3 files to your computer and playing on any MP3 compatible music player / 800 से ज्यादा Online Streeming Site पर सुन सकते हैं|
Music Director: Jatin Sharma
Lyrics : Sanjay Pahuja, Gourav Goyal, Shaqeel & Raju Chauhan
Singers: Javed Ali, Shahid Mallya, Tarun Sagar, Faijaan Sabri, Aroh Sharma, Gouri Gosain & Rajeev Sharma

News By : Kavita Vakchi
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जिसकी लेखनी बतायी गई कमजोर, वह बना बुकर जीतने वाला पहला अमेरिकी…

paul_650_102616123730साल 2016 के बहुप्रतिष्ठित व बहुप्रतिक्षित मैन बुकर पुरस्कार घोषित किए जा चुके हैं. ऐसा मैन बुकर पुरस्कार के इतिहास में पहली बार हुआ है कि किसी अमेरिकी ने इस पुरस्कार को जीता है. इस वर्ष पॉल बीटी ने यह पुरस्कार जीता है. उन्हें उनकी उपन्यास ‘द सेलआउट’ के लिए इस वर्ष मैन बुकर पुरस्कार से नवाजा गया है. पॉल की उम्र 54 साल है और वे लॉस एंजिलिस में पैदा हुए थे. साथ ही वे अमेरिका के कोलंबिया यूनिवर्सिटी में अध्यापन का कार्य भी करते हैं|

‘द सेलआउट’ को माना जा रहा है कटाक्ष…
मैन बुकर पुरस्कार के जजिंग पैनल में शामिल जानकारों का मानना है कि पॉल का नॉवेल अमेरिका की समकालीन नस्लीय राजनीति पर करारा कटाक्ष है. वे बहुत ही सधे अंदाज में सबकी खबर लेते हैं और पता तक चलने नहीं देते. उनकी लेखनी में पाठकों को शुरुआत से अंत तक बांधे रहने की अद्भुत क्षमता है|

आसान नहीं था सफर…
आज भले ही पॉल की लिखावट पर पूरी दुनिया लट्टू हो रही हो लेकिन हमेशा से ऐसा नहीं था. अमेरिका जैसे देश में जहां नस्ल और वर्ग की राजनीति हावी रहती हो वहां अपनी कल्पनाओं को कागज पर उतारना आसान नहीं था. अलगाव और गुलामी से लड़ने के लिए कलम का सहारा लेना और अपनी अफ्रीकी-अमेरिकी पहचान को लेकर हमेशा सतर्क रहना तलवार की धार पर चलने जैसा रहा|

गुदगुदी और दर्द साथ-साथ…
पॉल की लेखनी से वाकिफ जानकार कहते हैं कि वे अपना सबकुछ शब्दों के सहारे छोड़ देते हैं. उनकी लेखनी जहां लोगों को किसी वक्त चेहरे पर मुस्कान लाती है तो वहीं दूसरे पल मायूस कर जाती है. इसके बावजूद कि उनकी किताब को पूरी दुनिया में व्यंग्य के तौर पर प्रतिष्ठा मिल रही है. वे उसे व्यंग्य के बजाय हकीकत का दस्तावेज मानते हैं|

उनके शिक्षकों ने जताई थी निराशा…
आज भले ही पॉल को पूरी दुनिया उनके द्वारा लिखी गई किताब के लिए जानने लगी हो, लेकिन कभी उनके कॉलेज के प्रोफेसरों ने उन्हें लिखने से मना किया था. उनके कॉलेज के एक प्रोफेसर ने कहा था कि वे अच्छा नहीं लिखते. वे लेख के तौर पर कभी सफल नहीं होंगे. इसके अलावा वे अपनी निजी जिंदगी में भी परफेक्शनिस्ट हैं. वे किसी भी चीज या काम से जल्द ही बोर हो जाते हैं|

वे इस पुरस्कार के मिलने पर कहते हैं, ‘मैं नाटकीय नहीं होना चाहता, जैसे कि लिखने ने मेरी जिंदगी बचाई हो… लेकिन लिखने ने मुझे एक जिंदगी जरूर दी है’. वे लिखने को एक कठिन कार्य मानते हैं और वे लिखना नापसंद भी करते हैं|

 

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मीरपुर वनडे : बांग्लादेश ने इंग्लैंड को 34 रनों से हराया

msid-54774825width-400resizemode-4mashrafeमीरपुर
बांग्लादेश क्रिकेट टीम ने शेरे बांग्ला नैशनल स्टेडियम में रविवार को हुए दूसरे वनडे इंटरनैशनल मैच में इंग्लैंड को 34 रनों से हरा दिया। बांग्लादेश ने 239 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी इंग्लैंड की पारी 44.4 ओवरों में 204 रनों पर समेट दी। कप्तान मशरफे मुर्तजा बांग्लादेश की जीत के नायक रहे। मुर्तजा ने पहले बल्लेबाजी करते हुए तेज-तर्रार पारी खेलकर बांग्लादेश को सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाया और उसके बाद इंग्लैंड के चार बल्लेबाजों को पविलियन की राह दिखाकर उनकी पारी समेटने में अहम भूमिका निभाई।

इंग्लैंड के पिछले प्रदर्शनों को देखते हुए 239 रनों के लक्ष्य को चुनौतीपूर्ण तो नहीं कहा जा सकता, लेकिन 10 ओवरों के अंदर 26 रन तक पहुंचते-पहुंचते चार विकेट गंवाने के बाद जरूर यह सामान्य सा स्कोर चुनौतीपूर्ण लगने लगा था। मुर्तजा ने दोनों सलामी बल्लेबाजों जेसन रॉय (13) और जेम्स विंस (5) को आउट कर बांग्लादेश को शुरुआती सफलता दिलाई। इस बीच शाकिब अल हसन ने बेन डकेट को शून्य के निजी योग पर पविलियन की राह दिखाई। बेन स्टोक्स भी संघर्ष करते नजर आए और खाता खोले बगैर मुर्तजा का तीसरा शिकार हो पविलियन लौटे।

इसके बाद जॉनी बेयरस्टो (35) को कप्तान जोस बटलर (57) का साथ मिला। दोनों ने पांचवें विकेट के लिए 79 रन जोड़े और इंग्लैंड का स्कोर 100 के पार पहुंचाया। तस्कीन अहमद ने यहां बेयरस्टो के रूप में इंग्लैंड को एक और झटका दे दिया। बांग्लादेश के गेंदबाजों ने यहां जबरदस्त वापसी की और इंग्लैंड को संभलने का मौका दिए बगैर मोइन अली (3) और क्रिस वोक्स (7) के विकेट चटका डाले। तस्कीन अहमद ने 57 गेंदों पर सात चौकों के साथ अर्धशतक बनाकर जमे हुए बटलर को आउट कर इंग्लैंड को करारा झटका दे दिया।

 

 

Source: navbharattimes

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