उत्तराखंड: फ्लोर टेस्ट के लिए केंद्र के पास 6 मई तक का समय

harish rawatनई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने आज केंद्र की उस याचिका को स्वीकार कर लिया, जिसमें केंद्र ने उत्तराखंड विधानसभा में शक्ति परीक्षण करवाने की व्यवहार्यता के कोर्ट के सुझाव पर जवाब देने के लिए उससे दो और दिन का समय मांगा था। अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कोर्ट को बताया कि उन्होंने कोर्ट के सुझाव को केंद्र तक पहुंचा दिया है और सरकार इस पर गंभीरता के साथ विचार कर रही है। इसके बाद न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति शिवकीर्ति सिंह ने इस मामले की सुनवाई को शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दिया।

पीठ ने अटॉर्नी जनरल की इस बात को रिकॉर्ड कर लिया कि केंद्र सरकार इस मामले में उपजे विवाद को खत्म करने के लिए विधानसभा में शक्ति परीक्षण करवाने के इस कोर्ट के सुझाव पर गंभीरता के साथ विचार कर रही है। पीठ ने यह भी कहा कि उसने हटाए गए मुख्यमंत्री हरीश रावत के वकील कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी की इस बात पर भी गौर किया कि सरकार द्वारा सुझाव को स्वीकार कर लिए जाने पर उन्हें कोई आपत्ति नहीं है। पीठ ने कहा कि यदि सरकार सुझाव को स्वीकार कर लेती है तो यह लोकतंत्र के लिए अच्छा होगा।

मामले की सुनवाई को छह मई के लिए स्थगित करते हुए पीठ ने कहा कि यदि एजी को सुझाव पर निर्देश नहीं मिलते हैं तब भी मामले की सुनवाई की जाएगी। यह भी संभावना है कि इस मामले को पूर्ण बहस के लिए संवैधानिक पीठ के पास भेज दिया जाए।

पीठ का यह मानना था कि राष्ट्रपति शासन लगाए जाने के अधिकतर मामलों में, कुछ अहम सवाल तैयार करने के बाद मामला संवैधानिक पीठ के पास भेजा जाता रहा है। बहरहाल, सिब्बल और सिंघवी ने इस आदेश की रिकॉर्डिंग पर आपत्ति जताई और कहा कि यहां यह शक्ति परीक्षण का मामला है, जो रावत के लिए विश्वास मत जैसा है और इसे किसी भी तरह से अविश्वास मत नहीं कहा जा सकता।

कांग्रेस की इस दलील पर रोहतगी ने आपत्ति जताते हुए कहा कि शीर्ष अदालत के आदेश के चलते राष्ट्रपति शासन लागू होने की वजह से रावत खुद को मुख्यमंत्री के तौर पर पेश करके विश्वास मत नहीं मांग सकते। एजी ने कहा कि उत्तराखंड में स्थिति ऐसी है, जहां दोनों ही पक्षों को अपना बहुमत साबित करने के लिए शक्तिपरीक्षण का सामना करना होगा। सिंघवी ने कहा कि शक्ति परीक्षण उस दल के लिए नहीं हो सकता, जो सत्ता में है ही नहीं और जिस व्यक्ति को बहुमत साबित करने के लिए बुलाया जाना है वह मुख्यमंत्री रहा है। पीठ ने कहा कि हम रावत को बहुमत साबित करने के लिए कह कर पूर्व स्थिति बहाल नहीं करेंगे।

एजी ने कहा कि शुक्रवार को जब सुनवाई शुरू हो, तब कोर्ट को शक्ति परीक्षण आयोजित करने के तरीकों पर फैसला करना चाहिए। पीठ ने कहा कि राष्ट्रपति शासन की घोषणा को खारिज करने वाले उत्तराखंड उच्च कोर्ट के फैसले पर रोक लगाने वाला अंतरिम आदेश ‘अगले आदेश आने तक जारी और प्रभावी रहेगा।’ शुरूआत में ही एजी ने कह दिया था कि शीर्ष अदालत के कल के सवाल को गंभीरता के साथ आगे पहुंचा दिया गया था लेकिन उन्हें कोई दृढ़ निर्देश नहीं मिले हैं।

उन्होंने कहा कि इस सुबह मुझे जो जानकारी मिली है, वह यह है कि हम शुक्रवार सुबह इसे देखेंगे और फिलहाल यही स्थिति है। सिब्बल और सिंघवी ने भी एजी की बात पर कोई आपत्ति नहीं जताई। पीठ ने कल एजी से कहा था कि वह केंद्र से उत्तराखंड विधानसभा में उसके निरीक्षण में शक्तिपरीक्षण करवाने की व्यवहार्यता के बारे में निर्देश ले और कोर्ट को सूचित करे। कोर्ट राज्य में राष्ट्रपति शासन हटाने के उत्तराखंड उच्च कोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर केंद्र की अपील पर सुनवाई कर रहा था

 

 

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उत्तराखंडः जंगल में आग लगाने पर 46 पर कार्रवाई, तीन गिरफ्तार

fire-shimla_1462199876उत्तराखंड के जंगलों में अचानक इतनी आग कैसे लगी? इस सवाल का जवाब धीरे-धीरे मिलने लगा है। सोमवार को जानबूझकर जंगल में आग लगाने के मामले में 46 लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई। साथ ही तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

इनमें दो व्यक्तियों को दूसरे प्रांत का बताया जा रहा है। इससे शक की सुई वन माफिया की तरफ घूमने लगी है। हालांकि अपर मुख्य सचिव एस. रामास्वामी ने बताया कि आरोपियों का विस्तृत ब्यौरा लिया जा रहा है। जंगलों में आग का सिलसिला शुरू होने के बाद यह चर्चा रही कि आग मानव जनित है।

इस पर कार्रवाई शुरू हुई तो शरारती तत्व पकड़ में आने लगे हैं। अपर मुख्य सचिव ने बताया कि जंगलों में जानबूझकर आग लगाते हुए पाए जाने पर कुल 46 मामले दर्ज किए गए हैं। इनमें 1 मामले में एफ आईआर और 45 मामलों में इंडियन फॉरेस्ट एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है। जानबूझकर आग लगाने वालों के खिलाफ फॉरेस्ट एक्ट की धाराओं में 3 से 7 साल की सजा का प्रावधान है।

इसके अलावा तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें दो व्यक्ति नैनीताल और एक पिथौरागढ़ से गिरफ्तार किया गया है। नैनीताल में पकड़े गए व्यक्ति पड़ोसी प्रांत के रहने वाले हैं। इनके संबंध में छानबीन की जा रही है। दूसरे प्रांतों के लोगों के पकड़े जाने पर शक की सुई वन माफिया की तरफ घूमने लगी है।

वन माफिया आग की आड़ लेकर जंगलों में अवैध रूप से पेड़ों को काट लेते हैं। अपर मुख्य सचिव ने बताया कि आग से निपटने के बाद विस्तृत जांच कराई जाएगी। वन विभाग का जो अधिकारी, कर्मचारी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ जरूर कार्रवाई होगी।

Source- अमर उजाला

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उत्तराखंडः 24 घंटे में 271 जगह धधके जंगल, 232 पर पाया का‌बू

forest-fire_1462121173उत्तराखंड के जंगलों में बीते 24 घंटों के अंदर 271 स्थानों पर आग लगी। हालांकि सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 232 क्षेत्रों में आग पर काबू पा लिया गया है और 40 स्थानों पर आग अभी लगी है। अपर मुख्य सचिव एस. रामास्वामी ने सोमवार को पत्रकारों को बताया कि आग खत्म होने के बाद प्रभावित क्षेत्रों का सर्वे कराया जाएगा। स्थिति से निपटने को केंद्र सरकार ने छह करोड़ आवंटित किए हैं।

शासन फिलहाल आंकड़ों में आग की घटनाओं के उतार-चढ़ाव से ही खुश है। अपर मुख्य सचिव ने कहा कि सोमवार को एक्टिव फायर की संख्या 73 थी और सोमवार को यह 40 हो गई है। आग की स्थिति से केंद्र को अवगत कराया जा रहा है। मुख्य सचिव बराबर पीएमओ से संपर्क में हैं। विभिन्न विभागों के लगभग 10 हजार से अधिक लोगों को जंगल की आग रोकने के काम में लगाया गया है। इस बार फ ायर वॉचर की संख्या 3 हजार से बढ़ाकर 6 हजार कर दी गई। इसका परिणाम मिलने लगा है।

टीमों के जुटने से पहले की तुलना में अब आग की घटनाओं पर नियंत्रण करने में सफलता मिल रही है। एयरफोर्स के दो एमआई-17 हेलीकाप्टर का उपयोग किया जा रहा है। नैनीताल से 5 और पौड़ी से 3 उड़ानें भरी गईं। अपर मुख्य सचिव ने इस फायर सीजन (15 फ रवरी से 15 जून) का ब्यौरा दिया। उन्होंने बताया कि इस फायर सीजन में अभी तक कुल 1317 आग की घटनाएं हुई हैं जिनसे 2876 हेक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित हुआ है।

 

Source: अमर उजाला

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उत्तराखंड मामला : सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में केंद्र ने उठाए 8 अहम सवाल

harish-rawat_650x400_41461293707नई दिल्ली: केंद्र ने उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन खारिज करने के उत्तराखंड हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए आज सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में केंद्र सरकार ने नैनीताल हाईकोर्ट के फैसले पर सवाल उठाए हैं।

  1. नैनीताल हाईकोर्ट का आदेश सही नहीं है और उसे राष्ट्रपति शासन पर सुनवाई का अधिकार नहीं है जोकि मंत्रिमंडल की सलाह और तथ्यों पर लिया गया।
  2. हाईकोर्ट कहता है कि भ्रष्टाचार सहा नहीं जाएगा, लेकिन उसने यह आदेश जारी कर याचिकाकर्ता को राहत दी जिस पर स्टिंग ऑपरेशन में हार्स ट्रेडिंग और घूस के आरोप लगे हैं।
  3. सुप्रीम कोर्ट के बोम्मई जजमेंट के आधार पर हाईकोर्ट के पास राष्ट्रपति शासन पर सुनवाई के लिए सीमित अधिकार हैं, हाईकोर्ट ने इस मामले में अपने अधिकार से बाहर आदेश दिया है, वह राष्ट्रपति के संतुष्ट होने पर फैसला नहीं कर सकता।
  4. हाईकोर्ट मंत्रीमंडल की राष्ट्रपति शासन लगाने की सलाह की सत्यतता और वैद्यता पर सुनवाई नहीं कर सकता
  5. हाईकोर्ट ने 21 अप्रैल को आदेश सुनाया लेकिन लिखित आदेश नहीं दिया
  6. हाईकोर्ट ने यह फैसला हरीश रावत के गलत और छुपाए हुए तथ्यों के आधार पर दिया है, जो गलत है
  7. हाईकोर्ट का यह कहना भी गलत है कि बजट बिल पास नहीं होने पर सरकार नहीं गिरती बल्कि सरकार को इस्तीफा देना होता है। कानून के मुताबिक, बजट बिल के फेल होते ही सरकार गिर जाती है।
  8. हाईकोर्ट ने विधायको की खरीद फरोख्त की स्टिंग पर गौर नहीं किया जबकि यह एक बड़ा आधार है।


हाईकोर्ट का फैसला
इससे पहले गुरुवार को हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को फटकार लगाते हुए राष्ट्रपति शासन हटाने का आदेश दिया था। कोर्ट ने कहा कि राज्य में 18 मार्च से पहले की स्थिति बनी रहेगी। ऐसे में हरीश रावत एक बार फिर राज्य के मुख्यमंत्री बन गए। 29 अप्रैल को विधानसभा में उनका बहुमत परीक्षण होगा। हाईकोर्ट के फैसले के बाद गुरुवार शाम बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के घर बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं की बैठक हुई।

सुप्रीम कोर्ट आज हाईकोर्ट के फैसले पर स्टे लगाकर दूसरे पक्ष को नोटिस जारी कर सुनवाई की तारीख दे सकता है। सूत्रों के मुताबिक, यह सुनवाई सोमवार या बाद में हो सकती है। अभी तक नैनीताल हाईकोर्ट का लिखित आदेश नहीं आया है। सोमवार को आने की संभावना है। सूत्र बता रहे है कि हरीश रावत ने रात 9 बजे कैबिनेट बैठक बुलाकर कई अहम फैसले लिए हैं।

न्याय का मजाक होगा
इससे पूर्व उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन पर सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने गुरुवार को फिर सख़्त टिप्पणी की। कोर्ट ने पूछा, ‘क्या इस केस में सरकार प्राइवेट पार्टी है? जजों ने पूछा, ‘यदि कल आप राष्ट्रपति शासन हटा लेते हैं और किसी को भी सरकार बनाने के लिए आमंत्रित कर देते हैं, तो यह न्याय का मजाक उड़ाना होगा। क्या केंद्र सरकार कोई प्राइवेट पार्टी है?’

नैनीताल हाई कोर्ट की डबल बेंच में चल रही सुनवाई में चीफ़ जस्टिस के एम जोसेफ़ ने केंद्र के एडिशनल सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता का पक्ष सुनने के दौरान कई सवाल किए। इस मामले के साथ चल रहे 9 बागी विधायकों के मामले में उनके वकील दिनेश द्विवेदी ने कहा कि यह समस्या कांग्रेस से नहीं बल्कि हरीश रावत और स्पीकर के साथ जुड़ी है, क्योंकि सभी 9 विधायक सदस्यता खत्म करने के बावजूद आज भी कांग्रेस के सदस्य हैं।

उत्तराखंड विधानसभा की वर्तमान स्थिति
राष्ट्रपति शासन हटने पर अब कांग्रेस को 29 अप्रैल को बहुमत साबित करना होगा। विधानसभा की वर्तमान स्थिति इस प्रकार है-

कुल सीटें- 71
कांग्रेस- 36 (9 बागी विधायकों को मिलाकर)
बीजेपी- 27
उत्तराखंड क्रांति दल- 1
निर्दलीय- 3
बीएसपी- 2
बीजेपी निष्कासित- 1
मनोनीत- 1

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उत्तराखंड से राष्ट्रपति शासन हटा, नौ बागियों को किए की सजा भुगतनी होगी : हाईकोर्ट

nainital~20~04~2016~1461140578_storyimageनैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने राज्य से राष्ट्रपति शासन हटाने का आदेश दिया है। नैनिताल कोर्ट ने कहा है कि राज्य में 18 मार्च से पहले की स्थिति बनी रहेगी। कोर्ट ने 29 अप्रैल को विधानसभा में फ्लोर टेस्ट का भी आदेश दिया है, और कहा है कि कांग्रेस के नौ बागी विधायकों को अपने किए की सज़ा भुगतनी होगी।

इससे पहले, राज्य में राष्ट्रपति शासन पर सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने सख़्त टिप्पणी करते हुए कोर्ट ने पूछा था ‘क्या इस केस में सरकार प्राइवेट पार्टी है?’ बीजेपी के बहुमत के दावों के बीच कोर्ट ने केंद्र से एक हफ़्ते तक राष्ट्रपति शासन नहीं हटाने का भरोसा देने के लिए कहा था। जब केंद्र ने कहा कि वह इस बात की कोई गारंटी नहीं दे सकते कि राज्य से राष्ट्रपति शासन हटाया जाएगा या नहीं, तो हाई कोर्ट ने कहा, ‘आपके इस तरह के व्यवहार से हमें तकलीफ हुई है।’

‘क्या सरकार इस केस में प्राइवेट पार्टी है’
इससे पूर्व उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन पर सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने गुरुवार को फिर सख़्त टिप्पणी की। कोर्ट ने पूछा, ‘क्या इस केस में सरकार प्राइवेट पार्टी है? जजों ने पूछा, ‘यदि कल आप राष्ट्रपति शासन हटा लेते हैं और किसी को भी सरकार बनाने के लिए आमंत्रित कर देते हैं, तो यह न्याय का मजाक उड़ाना होगा। क्या केंद्र सरकार कोई प्राइवेट पार्टी है?’

नैनीताल हाई कोर्ट की डबल बेंच में चल रही सुनवाई में चीफ़ जस्टिस के एम जोसेफ़ ने केंद्र के एडिशनल सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता का पक्ष सुनने के दौरान कई सवाल किए। इस मामले के साथ चल रहे 9 बागी विधायकों के मामले में उनके वकील दिनेश द्विवेदी ने कहा कि यह समस्या कांग्रेस से नहीं बल्कि हरीश रावत और स्पीकर के साथ जुड़ी है, क्योंकि सभी 9 विधायक सदस्यता खत्म करने के बावजूद आज भी कांग्रेस के सदस्य हैं।

पहले भी लगाई है कड़ी फटकार
इससे बुधवार को भी उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने केंद्र सरकार के फ़ैसले पर पर बड़ी टिप्पणी करते हुए कहा था, ‘भारत में संविधान से ऊपर कोई नहीं है। इस देश में संविधान को सर्वोच्च माना गया है। यह कोई राजा का आदेश नहीं है, जिसे बदला नहीं जा सकता है। राष्ट्रपति के आदेश को भी संविधान के ज़रिए बदला जा सकता है।’ केंद्र की तरफ से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल  तुषार मेहता और हरीश रावत की तरफ़ से अभिषेक मनु सिंघवी ने बहस की।

राष्ट्रपति शासन हटने पर ऐसा होगा बहुमत का गणित
यदि केंद्र सरकार राज्य से राष्ट्रपति शासन हटा लेती है, तो बीजेपी को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया जा सकता है, क्योंकि वह बहुमत का दावा कर रही है। आइए हम एक नजर वर्तमान और भावी स्थिति पर डालते हैं-

उत्तराखंड विधानसभा की वर्तमान स्थिति
कुल सीटें- 71
कांग्रेस- 36
बीजेपी- 27
उत्तराखंड क्रांति दल- 1
निर्दलीय- 3
बीएसपी- 2
बीजेपी निष्कासित- 1
मनोनीत- 1

ऐसी हो सकती है भावी स्थिति-
बहुमत का आंकड़ा- 36
कांग्रेस कैंप- 44-9= 35
बीजेपी कैंप- 27+9= 36

इस प्रकार बीजेपी बहुमत साबित करके सरकार बना लेगी। हालांकि अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगा।

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उत्तराखंड: राष्ट्रपति के फैसले भी गलत हो सकते हैं: नैनीताल हाईकोर्ट

उत्तराखंड nainital~20~04~2016~1461140578_storyimageमें राष्ट्रपति शासन लगाने को लेकर केंद्र सरकार को तीसरे दिन लगातार हाईकोर्ट की तल्ख टिप्पणियों का सामना करना पड़ा।

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की राष्ट्रपति शासन लागू करने व लेखानुदान अध्यादेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस केएम जोसेफ और न्यायमूर्ति वीके बिष्ट की खंडपीठ ने केंद्र के वकील से पूछा कि कैसे प्रमाणित करोगे कि मनी बिल गिर गया।

एडिसनल सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि राष्ट्रपति ने पूरे सोच समझ कर ही उत्तराखंड में 356 लागू की है। जवाब में चीफ जस्टिस ने कहा कि राष्ट्रपति ही नहीं, जज भी गलती कर सकते हैं।

पीठ की ओर से राज्यपाल के केंद्र को भेजे गये पत्रों को लेकर लगातार कई सवाल पूछे गये।

गवर्नर के केंद्र को भेजे गये पत्र में 18 मार्च के बाद हरक सिंह रावत को कैबिनेट से हटाने व एडवोकेट यूके उनियाल को बाहर करने के औचित्य पर भी पीठ ने सवाल किया। एएसजे मेहता ने कहा कि सरकार 18 को बहुमत खो चुकी थी। उसे ऐसी किसी कार्रवाई का अधिकार नहीं रह गया था। पीठ ने यह भी कहा कि राज्यपाल के पत्र में 28 को विश्वास मत के लिए विधायकों के राजधानी में होने की भी जानकारी दी गयी थी।

सुनवाई में कैबिनेट के राष्ट्रपति शासन के लिए भेजे गये नोट पर बहस नहीं हुई। केंद्र के वकील ने इस पर आपत्ति जताई। पीठ ने कहा कि फैसले में इसका उल्लेख होगा। हरीश रावत के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने जबाव देना शुरू किया। उन्होंने कहा कि 18 को मनी बिल गिरने का दावा गलत है। गवर्नर के सचिव के मत विभाजन के पत्र का कोई औचित्य नहीं है। यह भाजपा के विधायकों का मात्र एक पत्र था, जो कि स्पीकर को फॉरवर्ड किया गया। 18 मार्च के इस पत्र में 27 विधायकों के ही हस्ताक्षर थे।

बागी विधायक आज भी कांग्रेस के साथ: द्विवदी 
उधर, बर्खास्त विधायकों के वकील दिनेश द्विवेदी ने कहा कि 9 बागी विधायक आज भी कांग्रेस के साथ हैं। बुधवार को हाईकोर्ट में दलील देने के बाद मीडिया से बात कर रहे थे द्विवेदी। उन्होंने कहा कि हरीश रावत के खिलाफ थे बागी विधायक, वे आज भी इसी बात पर कायम हैं।

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नारायण पाल ने किये गुरुग्राम मंदिर के दर्शन

643ed5da-e29f-4823-a81e-298f22ddc07eशक्तिफार्म: राम नवमी के शुभ अवसर पर शक्तिफार्म नं 2 गुरुग्राम में भजनों की धूम रही| कृष्ण भजनों पर भाव विभोर होते हुए तमाम जन समूह अपनी मस्ती में था, इसी बीच सितारगंज के पूर्व विधायक नारायण पाल जी का आगमन से भक्तजन हर्षित हो गए| मंदिर में दर्शन करते हुए पाल जी भक्तो के बीच बैठकर कीर्तन का आनंद लिया, उसके बाद सभी मंदिर पदाधिकारियो के साथ मिलकर पूरे प्रांगन का अवलोकन किया एवं ग्रामवासियों की समस्या सुनी| वाकई नारायण पाल जी के नारे “जहाँ बुलाया वहीँ आया” सच सा ज्ञान पड़ता है , यह ग्रामवासियों का कहना है| इस मौके पर देवू मंडल,प्रशांत मंडल,महानंद अधकारी,उत्तम आचार्य जी,रविन खान,गोविन्द मंडल,जयन्त मंडल आदि मौजूद थे|

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अच्छे कर्म करने से ही भगवन खुश होते हैं : नारायण पाल

12983781_992052077516428_7599406364175340078_oशक्तिफार्म: सितारगंज के पूर्व विधायक नारायण पाल ने अपना जन्मदिन बड़ी सादगी के साथ शक्तिफार्म में लोगो के बीच मनाया बहुरानी साड़ी नामक शोरुम पर अचानक पहुचे नारायण पाल को देखकर सभी लोग हैरान थे | उपस्थित लोगो को संबोधित करते हुए उन्होंने बताया कि व्यक्ति को हमेशा अपने कर्मो पर ध्यान देना चाहिए| हमारा काम कर्म करना है फल देना ऊपर वाले का काम है| विपरीत परिस्थितियों में भी आदमी को अपने अच्छे कर्मो से पीछे नहीं हटना चाहिए| उपस्थित लोगो में फिल्म डायरेक्टर चन्दन मेहता, फिल्म टीवी कलाकार दिनेश सहगल, राजेश गुप्ता (खन्ना जी), नवल पांडे, जावेद मंसूरी, जगदीश मौर्या, नरेश कंसल, देवू मंडल, किशोर खान, छोटा खान, रजत खान, महानंद अधिकारी, प्रशांत मंडल, उत्तम आचार्य, तपन सरकार,विशाल मंडल, संजय गुप्ता, बिक्की मंडल  एवं विपिन डालमिया आदि  मौजूद थे|

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बाबा तारक नाथ धाम में काँटों पर चले श्रद्धालु

tarak-nath-dham-picआज शक्तिफार्म 5 नंबर में बाबा तारक नाथ धाम में चैत्र मेले की धूम मची हुई है आज मेले के पहले दिन ही काफी भीड़ जुटी हुई थी| बंगाली समुदाय से आये विभिन्न संयासियो ने भगवान भोले नाथ के जयकारों  के बीच हैरत अंगेज तरीको से पूजा पाठ की| बबूल के काँटों की सेज बना कर उसके चारो ओर भोले नाथ के जयकारों एवं ढोल, नगाड़ो के साथ चक्कर लगाये फिर बाबा ने सभी भक्तो के बीच आकर जय भोले का जयकारा लगाकर सभी भक्तो को बबूल की कांटेदार झाड़ियो पर लेटने की इजाजत दे दी इसी के साथ सभी भक्त उन काँटों पर लेट लेट कर भोलेनाथ के जयकारे लगाने लगे, किसी भी भक्त को काँटों से कोई भी नुकसान नहीं पहुँच रहा था|
दरअसल चैत्र का महिना लगते ही शक्तिफार्म शिवमय हो जाता है भक्त जन हरिद्वार से गंगा जल कावड के रूप में लेकर आते है जो की डाक कावड व पैदल चलकर शक्तिफार्म 5 नंबर बाबा तारक नाथ धाम आते है व कुछ भक्त घर-घर से अन्न मांगकर एक समय भोजन करते है उसमे भी यदि कोई टोक दे तो खाना निषेध हो जाता है यह पूजा चैत्र महीने के अंत तक चलती है जिससे पूरा शक्तिफार्म चैत्र के महिने में शिवमय हो जाता है|

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हरीश रावत ने लगाया बीजेपी पर लोकतन्त्र से खेलवाड़ करने का आरोप

harish rawatसितारगंज: पूर्व निर्धारित कार्यक्रम जो की 11 बजे दिन में होना था | जनता भारी संख्या में अपने नेता को देखने पहुंचे थे, लगातार आसमान की तरफ निगाहें गडाये हेलीकाप्टर को देखने का प्रयास कर रहे थे, देर ही सही लेकिन दुरुस्त रूप से लोक तन्त्र बचाओं कार्यक्रम के दौरान प्रदेश के निवर्तमान मुख्यमन्त्री हरीश रावत कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय राजस्व मन्त्री यशपाल  आर्या पहुंचे । इससे पूर्व निवर्तमान मुख्यमन्त्री श्री रावत का विरोध करने वाले भाजपाईयों एंव क्षेत्रिय विधायक समर्थकों को गिरफतार कर पुलिस अभिरक्षा मे नगर से बाहर भेजा इधर राजकिय इन्टर कालेज परिसर मे नगर क्षेत्र समेत आस पास के जनपदों के कड़ी संख्या मे कार्यकर्ता मौजूद थे। हरीष रावत ने सभी का अभिवादन स्वीकारते हुये जुलूस के रूप मे आगे बढ़ना शुरू किया। बड़ी संख्या मे हांथों मे झण्डे प्रत्याषियों के नाम की तख्तियों को लेकर पार्टी कार्यकर्ता उनके साथ चल पड़े। प्रदेष अध्यक्ष किषोर उपाध्याय निवर्तमान मुख्यमन्त्री हरीष रावत एंव राजस्व मन्त्री यषपाल आर्या के नेर्तत्व मे राजकिय इंटर कालेज परिसर से प्रारम्भ भव्य जन जागरण यात्रा सिडकुल मार्ग नगर के मुख्य चैराहा से किच्छा मार्ग होते हुये महाराजा अग्रसेन ट्रस्ट मे कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे जहां कांग्रेस के जिलाध्यक्ष नारायण सिंह विश्ट के संचालन मे वक्ताओं ने अपने विचार व्यक्त कर भाजपा को कोषा।
सभा को सम्बोधित करते हुये प्रदेष के निर्वतमान मुख्यमन्त्री हरीष रावत ने कहा कि प्रदेष मे अस्थिरता पैदा कर भाजपा ने लोक तन्त्र की जो हत्या की है उसे किसी भी कीमत पर भुलाया नहीं जा सकता। कहा कि तय समय मे बहुमत साबित करते इससे पूर्व ही राश्ट्रपति षासन लगा दिया गया। उन्होंने जनता का अहवान किया कि जनता द्वारा चुनी गई सरकार का गला घोंट कर हत्या करने वालों को जनता करारा जवाब देगी।
उन्होंने अपने अल्प समय के मुख्यमन्त्रित्वकाल मे बनाई गई कल्याणकारी दर्जनों जनहित की योजनाओं को अपनी अंगुलिओं पर गिनाते हुये कहा कि कांग्रेस की बढ़ती साख से बौखलाकर भाजपा के प्रमुख नरेंन्द्र मोदी की शह  पर जनता की चुनी हुई सरकार का गला घोट दिया है। इसे प्रदेश की जनता किसी भी कीमत पर सहन नहीं करेगी। साथ ही कहा कि कांग्रेस के क्षेत्रिय विधायक विजय बहुगुंणा के नेतृत्व मे विद्रोही विधायकों की अलोकतान्त्रिक कार्यप्रणाली से जनता वाकिफ हो चुकी है। ऐसे विधायकों को मतदाता कतई बर्दास्त नहीं करेगा। उन्हानें क्षेत्र की जनता से गददारों से सावधान रहने का अहवान किया। इससे पूर्व कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष किषोर उपाध्याय ने कहा कि 18 मार्च के बाद प्रदेष मे जो परिस्थितियां बनीं उसके लिये सीधे तौर पर देष के प्रधान मन्त्री नरेंन्द्र मोदी व भाजपा के अध्यक्ष अमित शाह दोषी हैं। इन लोगों ने मिलकर उत्तराखण्ड मे जो लोक तन्त्र की हत्या की राज्य के गौरव व गरिमा को शर्मशार किया है। इसे किसी कीमत पर बर्दास्त नहीं किया जायेगा। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से संगठित रहकर भाजपा की जन विरोधी नितियों को जन जन तक पहुंचाकर पार्टी को मजबूत करने का अहवान किया।
इस वीच श्रम मन्त्री हरीश दुार्गा पाल राजस्व मन्त्री यशपाल आर्या ने सयुंक्त रूप से भाजपा पर उत्तराखण्ड की सरकार गिराकर राष्ट्रपति शाशन  का आरोप लगाते हुये कहा कि प्रदेश की जनता भाजपा का असली चेहरा पहचान चुकी है। उन्होंने कहा कि जनता के सहयोग से वे किसी भी संघर्ष से पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने क्षेत्रिय विधायक विजय बहुगुंणा पर भाजपा के साथ मिलकर जनता की चुनी सरकार की पीठ मे छुरा घोंपने की कड़े शब्दों मे निंदा की। इसके साथ ही कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष एंव दर्जा राज्य मन्त्री प्रयाग दत्त भटट पूर्व दर्जा राज्य मन्त्री खटीमा के पूर्व विधायक गोपाल सिंह राणा उत्तर प्रदेश के बड़हज विधान सभा सपा के विधायक ठाकुर प्रेम प्रकाश सिंह कांग्रेस के प्रदेश सचिव एंव सितारगंज विधान सभा क्षेत्र से पार्टी के पूर्व प्रत्याषी सुरेश गंगवार कांग्रेस के वरिष्ट नेता एंव सितारगंज के पूर्व विधायक नारायण पाल आदि ने भाजपा पर प्रदेश मे राष्ट्रपति  शाशन लगाकर जो अराजकता का माहौल पैदा किया है इसे पार्टी कार्यकर्ताओं समेत आम मतदाता किसी भी कीमत पर बर्दास्त नहीं करेगा। भाजपा की यही नीति उसके लिये प्रदेश मे दुखदायी सावित होगी।
इस अवसर पर कांग्रेस के प्रदेष उपाध्यक्ष शिव कुमार मित्तल, पूर्व दर्जा राज्य मन्त्री हाजी अनवार अहमद, सहकारी गन्ना विकास परिषद् के चैयरमैन लक्खा सिंह ढिल्लन, जिला पंचायत अध्यक्ष ईष्वरी प्रसाद गंगवार, इंक नेता एंव सहकारी गन्ना समिति के पूर्व चैयरमैन कुंवर शिव वर्धन सिंह, कांग्रेस के वरिश्ठ नेता रामनगीना प्रसाद कांग्रेस के प्रदेश सचिव षमषुलहक मलिक नगर पालिका परिषद् के चैयरमैन कांता प्रंसाद सागर भुवन भटट, युसुफ मलिक, कांग्रेस के पूर्व प्रदेश प्रवक्ता बलवन्त सिंह वोरा, सरदार गुरप्रीत सिंह दिओल, आन सिंह रावत, युनुस मलिक, आदि बड़ी संख्या मे कार्यकर्ता मौजूद थे।
इससे पूर्व लोक तन्त्र बचाओं कार्यकम के तहत प्रदेश के पूर्व मुख्यमन्त्री हरीष रावत समेत अन्य मन्त्रियों के कार्यक्रम मे शिरकत  करने हेतु सितारगंज आगमन के दौरान क्षेत्रिय विधायक विजय बहुगुंणा समर्थकों द्वारा पुतला फूंके जाने विरोध करने तथा भाजपाईयों द्वारा काले झण्डे दिखाने विरोध प्रदर्षन कर मुख्य चैराहे पर श्री रावत का पुतला फूंके जाने की सूचना पर पुलिस के हांथ पांव फूल गये। पुलिस ने इधर उधर भाग दौड़ कर विरोधियों को पकड़ने का प्रयास किया इस वीच भाजपा मंडल अध्यक्ष डालचन्द्र राजपूत, के नेर्तत्व मे भाजपा मानवाधिकार प्रकोश्ठ के प्रदेष सयोंजक कमल जिंदल भाजपा के पूर्व मंडल अध्यक्ष राकेष त्यागी चमन लाल षर्मा युवा मोर्चा के मंडल अध्यक्ष पूरन चैहान आदि दर्जनों कार्यकर्ताओं ने नारेवाजी करते हुये नगर के मुख्य चैराहे पर पहुंचकर जैसे ही प्रदेष के पूर्व मुख्यमन्त्री हरीष रावत के पुतले का दहन किया आनन फानन पुलिस ने उन्हें घेर लिया। पुतले को लेकर पुलिस एंव भाजपा कार्यकर्ताओं मे हुई छीना झपटी के दौरान कई भाजपाई चोटिल हो गये। पुलिस ने सभी कार्यकर्ताओं को ब समे बैठाकर षहर से बाहर सिडकुल पुलिस चैकी मे भेज दिया। इस वीच क्षेतिय विधायक विजय बहुगुंणा के समर्थकों को रामलीला मैदान से घेर कर पुलिस द्वारा थाने मे ले जाते समय नगर के मुख्य चैराहे पर पहुंचते ही पूर्व मुख्यमन्त्री श्री रावत पर माफियाओं को संरक्षण देने का आरोप लगाते हुये उनके खिलाफ जमक र नारेवाजी की तथा श्री रावत का पुतला आग के हवाले किया। इस वीच पुलिस द्वारा उन्हें वाहन मे बैठाकर नगर के बाहर ले गई इसके साथ ही भाजपा महिला की पूर्व प्रदेष उपाध्यक्ष गीता सक्सेना कल्याण सिंह, आदि कार्यकर्ता श्री रामलीला मैदान मे अन्य कार्यकर्ताओं की आने की प्रतिक्षा के चलते पुलिस ने उन्हें दवोच कर साथ ही एक होटल से विजय बहुगुंणा समर्थक संजय गोयल समेत दर्जनों लोगों को दवोच कर पुलिस ने सिडकुल चैकी पहुंचाया। उस समय रोमंचाक स्थिति उत्पन्न हो गई जब प्रदेष के पूर्व मुखिया हरीष रावत का काफिला कार्यक्रम स्थल अग्रसेन ट्रस्ट को जा रहा था। इस वीच राजकिय इंटर कालेज स्थित प्राचीन भूमिया मन्दिर के पास भीड़ मे पुलिस का वाहन फंस गया। यह देखते ही बहुगुंणा समर्थकों ने जहां हरीष रावत के विरोध मे जमकर नारेवाजी की। वहीं कांग्रेसी कार्यकर्ताआंे ने भी हरीष रावत जिंदाबाद के जोर जोर से नारे लगाने षुरू कर दिये। हालात बिगड़ते इससे पूर्व ही पुलिस ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को आगे पीछे कर वन्दी प्रदर्षन कारियों के वाहन को निकाला। कोतवाली प्रवीण सिंह ने बताया कि पुलिस द्वारा वंदी बनाये गये बहुगुंणा समर्थकों एंव भाजपा कार्यकर्ताओं की संख्या लगभग सौ के करीब थी जिन्हें कार्यक्रम के बाद छोंड़ दिया गया।

हरीश रावत ने लगाया बीजेपी पर लोकतन्त्र से खेलवाड़ करने का आरोप Read More